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किस्सागो

स्कूल में 'केविन' जैसे मास्टरजी: जब नौकरी टैलेंट से नहीं, सिस्टम से मिल जाए

हमारे देसी स्कूलों में अक्सर आपने सुना होगा—“कहीं भी जाओ, मास्टरजी तो ऐसे ही मिलेंगे!” लेकिन आज जो कहानी है, वो अमेरिका के एक स्कूल की है, जहां ‘स्पेशल एजुकेशन’ के नाम पर एक ऐसे गुरुजी को नौकरी मिल गई, जो खुद ही सबसे ज़्यादा ‘स्पेशल’ निकले! मज़ेदार बात ये है कि अब तो साहब को ‘टेन्योर’ भी मिल गया है, यानी कोई हाथ भी नहीं लगा सकता। सोचिए, अगर हमारे सरकारी स्कूलों में ऐसे लोग घुस जाएं, तो क्या हाल हो?

किराने की दुकान में केविन का कमाल: हर बार कैसे उलझती है ऑर्डरिंग की गुत्थी?

हमारे भारत में अक्सर सुनते हैं, "अरे भाई, ऑर्डर में क्या गड़बड़ हो गई?" लेकिन क्या हो अगर हर बार वही गड़बड़ होती रहे और पूरा मोहल्ला मज़े ले? ऐसी ही एक मजेदार कहानी Reddit पर वायरल हो रही है। अमेरिका के एक छोटे से किराना स्टोर में "केविन" नामक कर्मचारी की अजीबोगरीब गलतियाँ, न सिर्फ दुकान वालों का सिरदर्द बनीं, बल्कि इंटरनेट वालों की हँसी का कारण भी!

कमरे से समुंदर का नज़ारा चाहिए? साहब, यहाँ तो सिर्फ़ ईंट की दीवारें हैं!

होटल में काम करने वालों की ज़िंदगी वैसे ही कम दिलचस्प नहीं होती, लेकिन कुछ मेहमान तो ऐसी-ऐसी फरमाइशें लेकर आते हैं कि हर बार नई कहानी बन जाती है। सोचिए, आप किसी बड़े शहर के बिज़नेस होटल में रिसेप्शन पर खड़े हैं, और सामने खड़े साहब पूछते हैं—“मुझे अच्छे व्यू वाला कमरा मिलेगा क्या?” अब यहाँ ‘अच्छा व्यू’ मतलब या तो अगली बिल्डिंग की ऊँचाई देखिए, या पीछे की ईंट की दीवार! मगर साहब की उम्मीदें तो जैसे गोआ के बीच रिज़ॉर्ट से कम नहीं थीं।

जब रूममेट की बदतमीज़ी पर बज उठे स्पीकर्स: एक छोटे से बदले की बड़ी कहानी

क्या हो जब आप किसी के साथ फ्लैट शेयर कर रहे हों, आप जितना हो सके शांति से रहें, साफ-सफाई रखें, लेकिन सामने वाला अपनी बदतमीज़ी से बाज़ न आए? और ऊपर से, जब आप अपनी परेशानी बताएँ, तो उल्टा आपको ही एंटी-सोशल यानी ‘असामाजिक’ कह दिया जाए! आज की कहानी बिल्कुल ऐसी ही है, जिसमें ‘हेडफोन’ वाले शांत रूममेट ने अपनी पक्की आदतों और थोड़ा-सा जुगाड़ लगाकर अपनी बूढ़ी रूममेट को बढ़िया सा जवाब दिया।

होटल रिसेप्शनिस्ट की पुकार: 'भाई, ज़रा प्रक्रिया पर भरोसा तो रखो!

अगर आपने कभी होटल में चेक-इन किया हो, तो शायद आपने रिसेप्शन पर खड़े किसी कर्मचारी के चेहरे की वो हल्की-सी मुस्कान ज़रूर देखी होगी — जो एक साथ सौ सवालों का सामना कर रही होती है और फिर भी कोशिश करती है कि माहौल खुशनुमा रहे। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि रिसेप्शनिस्ट की उस मुस्कान के पीछे कितनी मेहनत, धैर्य और "प्रक्रिया" छुपी होती है?

जब टिंडर डेट ने उड़ान भर ली: होटल रिसेप्शन की रात और ‘एयरलाइन’ मैडम की हैरान करने वाली कहानी

एक भ्रमित महिला एयरलाइन यूनिफ़ॉर्म में और उसका कैजुअली ड्रेस किया हुआ डेट होटल चेक-इन डेस्क पर।
इस जीवंत एनीमे चित्रण में, हम रात के समय एक होटल चेक-इन डेस्क पर एक जोड़े को देखते हैं। महिला, जो एयरलाइन यूनिफ़ॉर्म में है, भ्रमित लग रही है, जबकि उसका डेट कैजुअल कपड़ों में कुछ अनिश्चित प्रतीत हो रहा है। हमारी श्रृंखला के भाग 1 में उनके अप्रत्याशित टिंडर डेट की कहानी में डूबें!

रात के तीन बजे का वक्त, होटल का रिसेप्शन, और अचानक एक ‘एयरलाइन’ की वर्दी में महिला अपने साथी के साथ आ धमकती है। सोचिए, आप रिसेप्शनिस्ट हैं, नींद अधूरी है, और सामने ऐसा जोड़ा है जिसे देखकर ही लग रहा है कि फिल्मी सीन चालू है। लेकिन जनाब, असली ड्रामा तो इसके बाद शुरू होता है!

जब केविन ने पत्थरों को जीवित मान लिया: विज्ञान कक्षा की अनोखी कहानी

विज्ञान कक्षा में लड़के का एनीमे चित्र, जो यह सोचकर उलझन में है कि क्या चट्टानें जीवित होती हैं।
इस जीवंत एनीमे-दृश्य में, केविन चट्टानों के जीवित होने के विचार पर चर्चा करता है, जिससे विज्ञान कक्षा में हास्यपूर्ण बातचीत होती है जो उसके जीवन और कोशिकाओं की समझ को चुनौती देती है।

क्या आपने कभी किसी को यह कहते सुना है कि पत्थर भी जीवित होते हैं? ज़रा सोचिए, आपकी विज्ञान की कक्षा चल रही है और कोई छात्र अचानक पूछ बैठे - "सर, पत्थरों में भी तो कोशिकाएँ (cells) होती होंगी न?" ऐसा ही कुछ हुआ Reddit पर साझा की गई एक मज़ेदार घटना में, जिसने विज्ञान और हास्य दोनों को एक साथ जोड़ दिया।

हमारे देश में भी अक्सर स्कूलों में ऐसे सवाल आ ही जाते हैं, जब बच्चे अपनी मासूमियत में कुछ ऐसा पूछ बैठते हैं कि पूरा क्लास ठहाकों से गूंज जाता है। चलिए, जानते हैं Reddit की इस चर्चित कहानी के बारे में, जिसमें 'केविन' नाम के छात्र ने विज्ञान के गुरुओं को भी सोच में डाल दिया।

जब टिंडर डेट बनी सर दर्द: होटल स्टाफ की रात की अनोखी कहानी

एक distressed महिला, एयरलाइन यूनिफॉर्म में, अपने सामान के साथ, Tinder डेट की गड़बड़ी के बाद।
इस आकर्षक एनिमे दृश्य में, हमारी नायिका एक बुरे Tinder डेट के बाद की स्थिति से निपटती है, उसकी संवेदनशीलता और संसाधनशीलता को दर्शाते हुए। केवल अपनी एयरलाइन बैज और एक मरे हुए फोन के साथ, वह एक अस्त व्यस्त स्थिति में मार्गदर्शन करती है, जो पाठकों को उसके अगले कदम के बारे में सोचने पर मजबूर कर देती है।

क्या आप कभी ऐसी मुसीबत में फंसे हैं जहां न पैसा हो, न पहचान-पत्र, और ऊपर से दिल टूटा हुआ हो? अब सोचिए, ऐसी हालत में आप किसी होटल के रिसेप्शन पर पहुंच जाएँ और उम्मीद करें कि कोई आपकी मदद करे! आज की कहानी कुछ ऐसी ही है, जो होटल के फ्रंट डेस्क की ड्यूटी पर तैनात एक कर्मचारी की जुबानी है – और यकीन मानिए, इसमें ड्रामा, हास्य और थोड़ी बहुत हैरानी सब कुछ है!

होटल में गीला कारपेट, दुर्गंध और एक जैकुज़ी सुइट: धैर्य की इनामदार कहानी

सोचिए, आप अपने काम के सिलसिले में ठहरे हैं, आराम से होटल के कमरे में हैं, और अचानक एक अजीब सी बदबू से पूरा फ्लोर गूंज उठे। ऊपर से, चप्पल पहनते ही फर्श में 'चप-चप' की आवाज़ आए। ऐसा लगे जैसे किसी ने होटल को तालाब बना दिया हो! क्या आप गुस्से में चिल्लाएंगे या संयम से हालात का सामना करेंगे?

होटल की नौकरी में तीन हफ्ते और ‘बड़ों’ की बद्तमीजियाँ – मेहमान या मालिक?

कहते हैं, “अतिथि देवो भव”। लेकिन जब अतिथि देवता की जगह खुद को मालिक समझ बैठे, तो क्या किया जाए? होटल में काम करने वालों के साथ ऐसी घटनाएँ आम हैं, लेकिन आज की कहानी में एक अलग ही रंग है। ये किस्सा है इंग्लैंड के एक होटल का, पर ऐसी कहानी तो हमारे यहाँ हर गली-मोहल्ले के होटल, ढाबे और रेस्तरां में भी मिल जाती है।