जब होटल का दरवाज़ा लॉक हो और मेहमान बन जाएं 'हुल्क': एक रिसेप्शनिस्ट की रात की कहानी
होटल में काम करने वाले लोगों के पास कहानियों की कभी कमी नहीं होती — खासकर जब बात रात के समय की हो! सोचिए, आप आराम से रिसेप्शन डेस्क पर बैठे हैं, आधी रात के तीन बज रहे हैं, और तभी अचानक कोई बाहर का गेट पीट-पीटकर हड़कंप मचा देता है। होटल की नौकरी जितनी ग्लैमरस दिखती है, असल में उतनी ही ‘हिंदी फिल्म’ जैसी होती है, जहां हर रात एक नया ड्रामा चलता है।