जब बॉस ने स्वेटर पहनने से रोका, कर्मचारी ने 'कॉरपोरेट-अनुमोदन' का पाठ पढ़ाया!
कभी-कभी दफ्तरों में ऐसे नियम बना दिए जाते हैं कि समझ नहीं आता – ये काम के लिए हैं या सिर्फ परेशान करने के लिए! एक छोटी-सी स्वेटर की वजह से हुए झगड़े ने एक बॉस को उसकी ही भाषा में जवाब दिलवा दिया। इस कहानी में न केवल दफ्तर की राजनीति है, बल्कि भारतीयों के लिए भी बढ़िया सबक छिपा है – ‘जैसा करोगे, वैसा भरोगे’।