होटल रिसेप्शन पर मेहमान ने मांगी तीन झप्पियां! ऐसी अजीब डिमांड देख हर कोई रह गया दंग
होटल की रिसेप्शन डेस्क पर काम करना वैसे तो बड़ा ही रोचक अनुभव होता है। रोज़ नए-नए चेहरे, अलग-अलग किस्म के मेहमान और उनकी अनोखी फरमाइशें—कुछ तो इतनी मज़ेदार होती हैं कि ज़िंदगी भर याद रह जाएं। लेकिन कभी-कभी ऐसे अजीबोगरीब मेहमान भी आ जाते हैं कि आप सोचने पर मजबूर हो जाएं—"ये सपना है या हकीकत?"
आज हम आपको सुनाने जा रहे हैं एक ऐसी ही घटना, जिसने न सिर्फ होटल स्टाफ को चौंका दिया, बल्कि पूरी इंटरनेट बिरादरी को भी गुदगुदा दिया। आप भी पढ़िए और सोचिए—क्या आप ऐसी डिमांड का सामना कर पाते?
ऑलिवर साहब की 'तीन झप्पियां' वाली डिमांड
कहानी है एक बढ़िया होटल की, जहाँ एक रात सब कुछ बिल्कुल सामान्य चल रहा था। रिसेप्शन पर एक युवा महिला अपनी ड्यूटी निभा रही थीं। तभी रात के करीब 12:30 बजे एक हाई-स्टेटस मेहमान—मान लीजिए नाम है 'ऑलिवर'—होटल में दाखिल होते हैं। मौसम खराब था, फ्लाइट्स लेट हो रही थीं, तो देर से आना कोई बड़ी बात नहीं थी।
ऑलिवर साहब का चेक-इन हुआ, कोई खास बातचीत नहीं, न रिसेप्शनिस्ट ने ज्यादा मुस्कान दिखाई, न कोई स्पेशल ट्रीटमेंट। बस वही रोज़मर्रा की औपचारिकताएँ—"स्वागत है, ये आपकी चाबी, शुभरात्रि।" मगर असली ट्विस्ट आया जब ऑलिवर साहब ने अपने कमरे से होटल के चैट पर एक फरमाइश भेजी—"मुझे फेदर-फ्री तकिए चाहिए।" अब ये तो आम बात है... लेकिन इसके साथ ही उन्होंने लिखा, "फ्रंट डेस्क पर जो अद्भुत महिला है, उनसे तीन झप्पियां चाहिए। हमें सभी को उनकी तरह होना चाहिए।"
अब बताइए! तकिए तो ठीक हैं, पर तीन झप्पियां? वो भी एकदम अनजान रिसेप्शनिस्ट से? हमारी कहानी की नायिका हैरान रह गईं। भारत में भले ही लोग कभी-कभी अपने मुहल्ले की 'आंटी' को गले लगा लें, पर होटल में इस तरह की मांग सुनना किसी के भी होश उड़ा दे!
सोशल मीडिया की चटपटी प्रतिक्रिया: "भैया, ये क्या मांग ली आपने!"
जैसे ही यह कहानी Reddit पर आई, लोगों ने अपनी-अपनी राय देनी शुरू कर दी। एक यूज़र ने बड़े मज़े से लिखा—"अरे, साहब खुद नीचे नहीं आए झप्पियां लेने? शायद उन्हें खुद भी अहसास हो गया होगा कि मांग कुछ ज्यादा हो गई है, इसलिए चुपचाप कमरे में ही बैठे रहे।" (अर्थात्—'भैया, शर्म आ ही गई आखिर!')
एक और पाठक ने समर्पण दिखाया—"मेरे होटल में एक मेहमान हर बार सिर्फ महिला स्टाफ को ही 20 डॉलर टिप देता था, चाहे वो चेक-इन हो या तौलिया मंगवाना। अजीब बात है, पर कम से कम दिल बड़ा रखते थे।"
कुछ अनुभवी पाठकों ने रिसेप्शनिस्ट को सलाह दी—"ऐसी घटनाओं को मैनेजमेंट तक ले जाओ, ताकि होटल की गरिमा बनी रहे।" खुद पोस्ट लिखने वाली महिला ने भी बाद में बताया, "मैंने अपने मैनेजर को बता दिया था, मुझे समझ नहीं आ रहा था, कैसे जवाब दूँ।"
होटल में काम करने वालों के लिए सीख: दिल की सुनो, दिमाग से काम लो
कई लोगों ने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में अपनी 'गट फीलिंग' यानी अंतर्मन की आवाज़ जरूर सुननी चाहिए। एक पुरुष रिसेप्शनिस्ट ने अपनी आपबीती सुनाई—"मैंने एक महिला मेहमान की मदद की थी, उन्होंने ऐसा समझ लिया कि मैं कुछ ज्यादा ही दोस्ताना हूँ। जब तौलिए देने गया, तो वो महज अंडरगारमेंट्स में थीं। अगर मैंने पहले ही अपनी फीलिंग पर गौर किया होता, तो ऐसी स्थिति से बच सकता था।"
इससे यही सीख मिलती है कि होटल-हॉस्पिटैलिटी लाइन में महिलाओं और पुरुषों, दोनों को ही कई बार अजीब परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। अपने प्रोफेशनलिज्म और सीमाओं को बनाए रखना सबसे ज़रूरी है।
थोड़ा मज़ाक, थोड़ा तंज, और अंत में असली 'झप्पी'
कुछ लोगों ने हल्के-फुल्के अंदाज़ में कहा—"अगर वर्चुअल हग्स मांगते, तो ठीक था! लो, इंटरनेट से 70 झप्पियां भेज दीं।" किसी ने पुराने चैटिंग के दिनों की याद दिलाई—"हमारे ज़माने में तो 'A/S/L' पूछते ही तीन वर्चुअल झप्पियां भेज देते थे!"
कुछ ने तंज भी कसा—"लगता है, ऑलिवर साहब कमरे के दरवाजे के पीछे खड़े थे, और जब देखा कि झप्पी देने रिसेप्शनिस्ट नहीं, कोई और आया, तो चुपचाप हो गए।"
निष्कर्ष: होटल की दुनिया, नाटक से कम नहीं!
होटल की रिसेप्शन डेस्क पर हर दिन एक नई कहानी होती है—कभी हंसी, कभी परेशानी, तो कभी ऐसी अजीब फरमाइशें कि ज़िंदगी भर किस्से बन जाएं। इस घटना से ये भी समझ आता है कि ग्राहक भगवान जरूर है, पर भगवान को भी मर्यादा में रहना चाहिए! और रिसेप्शनिस्ट—चाहे महिला हो या पुरुष—उन्हें भी अपने आत्म-सम्मान और सुरक्षा का पूरा हक है।
अब आप बताइए, अगर आपके साथ ऐसा होता, तो आप क्या करते? क्या कभी किसी मेहमान ने आपसे कोई अजीब मांग की है? कमेंट में अपने मजेदार किस्से जरूर साझा करें। और हां, इस पोस्ट को शेयर करके अपने दोस्तों को भी हँसी का डोज़ दीजिए!
जय होटलवाले, जय झप्पी!
मूल रेडिट पोस्ट: Weird guest request