होटल रिसेप्शन पर मोबाइल प्रेम: जब मेहमान की फोन कॉल सबसे ज़रूरी थी!
किसी भी होटल में रिसेप्शन पर काम करने वालों की ज़िंदगी वैसे ही आसान नहीं होती, लेकिन जब कोई मेहमान अपने मोबाइल फोन को पूरी दुनिया का केंद्र मान ले, तो मज़ा ही कुछ और आ जाता है! सोचिए, आप होटल में थके-हारे पहुँचे हैं, सामने रिसेप्शनिस्ट खड़ा है और तभी कोई साहब मोबाइल पर ऐसे मशगूल कि दुनिया जाए भाड़ में!
आज की यह कहानी एक ऐसे ही मेहमान की है, जो मोबाइल पर बात करने के इतने शौकीन निकले कि अपने होटल चेक-इन जैसे ज़रूरी काम को भी फोन कॉल के आगे दोयम दर्जे पर रख दिया!
जब क्रेडिट कार्ड ने खेल बिगाड़ा और किस्मत ने साथ दिया
कहानी की शुरुआत होती है एक ऐसे मेहमान से, जिनकी पहली बुकिंग इसलिए कैंसिल हो गई क्योंकि उन्होंने जिस क्रेडिट कार्ड से बुकिंग की थी, वो पहले ही चोरी हो चुका था और सिस्टम ने तुरंत बुकिंग रद्द कर दी। अब बेचारे रिसेप्शनिस्ट ने politely कहा, "सर, आपको दोबारा बुकिंग करनी पड़ेगी।"
मेहमान: "अच्छा, उम्मीद है कि वही रेट मिलेगा!"
रिसेप्शनिस्ट (मन ही मन मुस्कराते हुए): "जी, सर, दरअसल आज का रेट पहले से सस्ता है।"
मेहमान: "बहुत अच्छा।"
यहाँ तक सब ठीक था, किस्मत ने साथ भी दे दिया – पहले से सस्ती बुकिंग! लेकिन असली तमाशा तो इसके बाद शुरू हुआ।
रिसेप्शन काउंटर बना मोबाइल कॉल सेंटर
अब जैसे ही नई बुकिंग शुरू हुई, हमारे मेहमान ने अपना स्मार्टफोन काउंटर पर रखा और सीधा स्पीकर ऑन कर, किसी अपने सहकर्मी को फोन मिला दिया। पूरी रिसेप्शन लॉबी में गूंज रही थी – "हाँ, मैं होटल में चेक-इन कर रहा हूँ... TwinPines में रूम नहीं मिला... फिर वो मीटिंग में क्या हुआ था..." और ना जाने क्या-क्या।
बेचारे रिसेप्शनिस्ट की हालत ऐसी कि जैसे स्कूल के मास्टरजी, जिनका स्टूडेंट ध्यान ही नहीं दे रहा! लेकिन यहाँ पर रिसेप्शनिस्ट का दिमाग चल गया – उन्होंने तय किया कि अब हर छोटी-छोटी बात, हर नियम, हर जानकारी का पुलिंदा इस साहब को सुनाना है! रूम नंबर, ब्रेकफास्ट टाइम, फ्री कॉफी की जगह, वाई-फाई पासवर्ड, पार्किंग की दिशा, कल का मौसम, यहाँ तक कि होटल के पास सब्ज़ी मंडी भी कहाँ लगती है – सब बता डाला!
मेहमान को बार-बार अपने कॉल वाले दोस्त से कहना पड़ रहा था – "रुकना यार, बस एक मिनट... हाँ, हाँ, सुन रहा हूँ... जी, ओके... अच्छा, ठीक है..." यानी होटल का चेक-इन और कॉल दोनों साथ-साथ चल रहे थे, जैसे टीवी पर सास-बहू सीरियल और क्रिकेट मैच एक साथ लग जाए!
कम्युनिटी का मज़ेदार जुगाड़ और टिप्स
Reddit पर इस किस्से को पढ़कर कई लोगों ने अपने अपने अनुभव और सुझाव भी दिए। एक कमेंट में किसी ने मज़ाकिया लहजे में कहा, "मैं तो इंतज़ार करूँगा जब तक आपकी कॉल खत्म नहीं हो जाती। उम्मीद करता हूँ तब तक रेट ना बढ़ जाए!" (यह बात बिल्कुल वैसी है जैसे भारत में लाइन में कोई घुस जाए और आप सोचें – चलो भाई, जब तक इनका काम निपटे, तब तक तो दुकान बंद ही ना हो जाए!)
एक दूसरे ने सुझाव दिया – "अगर मेहमान फोन पर इतना व्यस्त है, तो रिसेप्शनिस्ट को भी अपना फोन निकालना चाहिए और उसी अंदाज में किसी दोस्त से बात करना शुरू कर देना चाहिए – ‘नहीं नहीं, मैं बिल्कुल फ्री हूँ, बस एक मेहमान चेक-इन कर रहा है, पर वो तो फोन में ही व्यस्त है।’" सोचिए, अगर हमारे होटल वाले भाई-बहन ऐसे करने लगे तो क्या मंजर होगा!
किसी ने बड़े तजुर्बे से कहा – "अगर कोई व्यक्ति सार्वजनिक जगह पर स्पीकरफोन पर बात कर रहा है, तो मतलब है वो सबको अपनी बात में शामिल करना चाहता है। ऐसे में रिसेप्शनिस्ट भी अपने सवालों से पूरी भागीदारी निभा सकता है!" सच ही तो है, जब आप सार्वजनिक जगह पर तेज़ आवाज़ में बात करेंगे तो सबका ध्यान तो आप पर जाएगा ही!
मोबाइल संस्कृति और हमारे होटल: थोड़ी तमीज़ भी ज़रूरी है!
आखिर में, जब साहब चेक-इन करके चले गए, तो रिसेप्शनिस्ट का सब्र जवाब दे गया – "वाह भाई! आपकी दो मिनट की फालतू कॉल हमारे समय से ज़्यादा कीमती हो गई?" और ज़रा सोचिए, साहब बाहर जाकर भी मोबाइल पर ऐसी ज़ोर-ज़ोर से बातें कर रहे थे कि लॉबी में खड़े दूसरे मेहमान भी चौंक रहे थे। अब भले यह किस्सा किसी विदेशी होटल का हो, लेकिन हमारे यहाँ भी ऐसा नज़ारा रोजाना देखने को मिल जाता है – बस, ट्रेन, बैंक या ऑफिस – हर जगह मोबाइल प्रेमियों की कमी नहीं!
यह कहानी सिर्फ होटल रिसेप्शन की नहीं, बल्कि हमारी बदलती आदतों की भी है। मोबाइल आज हर किसी की ज़रूरत है, लेकिन क्या दो मिनट के लिए उसे जेब में नहीं रखा जा सकता? आखिर सामने वाले की मेहनत, समय और तमीज़ की भी कदर करनी चाहिए।
निष्कर्ष: आपका क्या अनुभव रहा?
तो दोस्तों, आपको क्या लगता है – क्या रिसेप्शनिस्ट ने सही किया? क्या ऐसे मेहमानों को थोड़ा सबक मिलना चाहिए? या फिर हमें मोबाइल संस्कृति के साथ और समझदारी से पेश आना चाहिए?
अपने अनुभव और राय कमेंट में ज़रूर साझा करें। अगली बार जब होटल, बैंक या किसी काउंटर पर जाएँ, तो मोबाइल थोड़ा साइड रख दें – हो सकता है सामने वाला भी आपके लिए मुस्कुरा रहा हो!
मूल रेडिट पोस्ट: Important phone call apparently