होटल रिसेप्शन पर आया 'सीनियर जिगोलो': जब ग्राहक ने सबको चौंका दिया
होटल रिसेप्शन पर काम करना वैसे भी आसान नहीं होता। हर दिन नए-नए मेहमान, अजीब-अजीब फरमाइशें और उनकी आदतें – सब कुछ किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं। पर कभी-कभी ऐसा कुछ हो जाता है कि जिसे सुनकर आप भी सोच में पड़ जाएं – "क्या वाकई ये मेरे साथ हुआ?" आज की कहानी भी ऐसी ही है, जिसमें एक सीनियर सिटीजन मेहमान ने रिसेप्शनिस्ट के सामने ऐसी बात कह दी, जिसे सुनकर सबकी बोलती बंद हो गई!
जब बुज़ुर्ग ग्राहक ने मारी एंट्री
तो हुआ यूँ कि एक दिन होटल के रिसेप्शन पर एक बुज़ुर्ग सज्जन आए। चेहरे पर मुस्कान, आवाज़ में दक्षिणी झलक – जैसे हमारे हिंदी फिल्मों के 'दादाजी' हों जो हर किसी से 'बेटा-बेटा' करके बात करते हैं। उन्होंने बड़े ही प्यार से कहा, "अरे बिटिया, आज रात के लिए कोई कमरा मिलेगा क्या?"
रिसेप्शनिस्ट ने भी अपने प्रोफेशनल अंदाज में कमरे का रेट बताया – जो उस दिन कुछ ज्यादा ही था क्योंकि होटल लगभग फुल था। दोनों ने मजाक में कहा, "बहुत ही सस्ता है, क्या बात है!" फिर रिसेप्शनिस्ट ने पूछा, "आपके पास कोई सीनियर सिटीजन कार्ड, AARP या AAA मेंबरशिप है?" सज्जन बोले, "हां बेटा, है!" और उनकी उम्र को देखते हुए उन्हें $30 की छूट भी मिल गई।
पर असली ट्विस्ट तो इसके बाद आया...
"मैं तो जिगोलो हूँ..." – होटल का माहौल ही बदल गया
अब ये साहब अपने फोन पर किसी से बात कर रहे थे, वो भी स्पीकर पर – जैसे घर की बैठक में बैठे हों! अचानक बोले, "चलो सोचते हैं..." और फिर रिसेप्शनिस्ट की ओर झुककर बोले, "बेटा, मैं मेल एस्कॉर्ट हूँ, वो भी इस उम्र में! अगर वो लोग मुझे पे करते हैं, तो मैं तुम्हें पे करूंगा। पहले अपने क्लाइंट से बात कर लूं, फिर बताता हूँ।" और आराम से होटल की मुफ्त पानी की मशीन से गिलास भरकर निकल लिए।
अब बेचारा रिसेप्शनिस्ट तो सन्न! दिमाग में सवाल ही सवाल – "क्या, आप क्या बोले? मेल एस्कॉर्ट?" ऐसी बातें तो फिल्मों या सीरियल्स में सुनी थी, पर असल जिंदगी में कोई दादा जी ऐसा बोले – कौन सोच सकता है!
होटल कर्मचारियों की जिंदगियों में ऐसे पल आम हैं?
रेडिट पर जब ये किस्सा शेयर हुआ, तो लोगों ने भी अपने-अपने अनुभव और मजेदार टिप्पणियाँ करनी शुरू कर दीं। एक यूज़र ने लिखा, "मुझे तो लगता है ये मजाक कर रहे थे, जैसे कोई स्याही छोड़कर भाग जाता है – सामने वाले को हैरान करने के लिए!" सच कहें तो, कई बार ग्राहक ऐसे मजाक कर जाते हैं कि कर्मचारी को समझ ही नहीं आता – सच बोल रहे हैं या हंसी-ठिठोली कर रहे हैं।
एक और कमेंट में किसी ने कहा, "भाई, सीनियर सिटीजन और अब भी एस्कॉर्ट – क्या जमाना आ गया है! लेकिन जब तक वो होटल के नियमों का उल्लंघन नहीं कर रहे, तो उनकी कमाई का तरीका उनकी मर्जी।" और ये बात बिलकुल सही है – नौकरी कैसी भी हो, जब तक किसी को नुकसान न हो, समाज को दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
एक और अनुभवी कमेंट था – "हमारे यहाँ तो जब प्रॉस्टिट्यूशन लीगल थी, तब हर तरह के 'विज़िटर' आते थे। होटल स्टाफ को ऐसे सीन अजीब लग सकते हैं, पर बड़े होटल में सब कुछ बहुत डिस्क्रीट रहता है।"
बुज़ुर्गों की शरारतें और होटल में किस्से
एक और यूज़र ने मजेदार किस्सा साझा किया – "हम बुज़ुर्गों के मजाक भी बड़े निराले होते हैं! अस्पताल से डिस्चार्ज होते वक्त मैंने भी नर्सों के सामने ऐसे ही हंसी-मजाक कर दिया था कि सब हंस पड़े और मुझे जल्दी छुट्टी मिल गई!"
कई लोगों ने ये भी कहा कि शायद वो मेहमान मजाक में ही ऐसा बोल गए हों – रिसेप्शनिस्ट को चौंकाने के लिए या थोड़ा फ्लर्ट करने के लिए, क्योंकि ग्राहक और स्टाफ के बीच छोटी-मोटी छेड़छाड़ भी आम है।
एक यूज़र ने तो ये तक कह दिया – "कौन ग्राहक होटल के कमरे के लिए खुद चक्कर लगाएगा, जब तक उसके पास एडवांस में पेमेंट ना हो!" मतलब, उनकी बातों में भी गहराई थी – हर बात पर भरोसा करना भी सही नहीं।
क्या सीखा इस किस्से से?
इस घटना से एक बात तो साफ है – होटल की दुनिया में हर दिन नई कहानी मिलती है। कभी-कभी ये किस्से मजेदार होते हैं, कभी चौंकाने वाले, और कभी-कभी तो सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि लोग सामने से कुछ और, लेकिन असल में कुछ और होते हैं।
रेडिट पर खुद पोस्ट लिखने वाले ने बाद में कहा, "पहली बार ऐसा हुआ, थोड़ा डर भी लगा, पर फिर समझ आया कि दुनिया में हर तरह के लोग हैं। जब तक किसी की मर्जी के खिलाफ कुछ न हो, किसी को नुकसान न पहुंचे, तब तक हर किसी का काम, काम ही है – फिर चाहे वो कैसा भी हो!"
आपकी राय?
क्या आपके साथ भी कभी कोई ऐसा अजीब ग्राहक या मेहमान आया है? आपको क्या लगता है – ऐसे मजाक कब सही हैं और कब मर्यादा में रहना चाहिए? नीचे कमेंट में अपने अनुभव जरूर साझा करें!
ऐसी और होटल, ऑफिस या जीवन से जुड़ी रोचक कहानियों के लिए हमारे ब्लॉग के साथ जुड़े रहिए। अगली बार मिलेंगे एक और मजेदार किस्से के साथ!
मूल रेडिट पोस्ट: Strange Interaction (Short post)