होटल रिसेप्शन पर अकेले काम करना कितना सुरक्षित? कर्मचारियों की सुरक्षा पर उठते सवाल
सोचिए, आप किसी होटल के रिसेप्शन पर अकेले बैठे हैं, रात के दो बज रहे हैं, और बाहर का माहौल एकदम शांत है। तभी कोई अजनबी, जिसका बर्ताव कुछ अजीब लगे, सामने आकर सवाल करने लगे या बिना वजह ठहरने की ज़िद करे। क्या आप डरेंगे? या ऐसे में क्या करेंगे?
आज की कहानी एक ऐसे ही रिसेप्शनिस्ट के अनुभव पर आधारित है, जिसने Reddit पर अपनी आपबीती शेयर की। यह किस्सा ना सिर्फ़ मनोरंजक है, बल्कि हमारे समाज में काम करने वाले अकेले कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर भी कई सवाल उठाता है।
अब ज़रा सोचिए, भारत के छोटे शहरों या कस्बों में कितनी बार ऐसा होता है कि रात की शिफ्ट में होटल का रिसेप्शनिस्ट अकेला बैठा हो? हमारे यहाँ तो “चौकीदार चच्चा” की छवि हर जगह है, लेकिन जिस पश्चिमी देश की यह कहानी है, वहाँ रिसेप्शनिस्ट अकेला ही पूरा होटल संभाल रहा था!
इस Reddit पोस्ट में u/jasontheninja47 नामक यूज़र ने लिखा कि वह पिछले छह महीने से होटल के फ्रंट डेस्क पर काम कर रहे हैं। शुरूआत में सब ठीक था, लेकिन दो घटनाएँ ऐसी हुईं, जिनसे उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई। पहली बार एक मेहमान, जिसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी, बार-बार अजीब तरीके से फ्लर्ट कर रहा था। भले ही कुछ ‘तकनीकी’ रूप में गलत नहीं हुआ, लेकिन माहौल इतना असहज हो गया कि दिल दहल गया।
दूसरी दफा, एक और मेहमान (फिर मानसिक रूप से अस्थिर) ने चेकआउट करने से मना कर दिया। बात इतनी बढ़ी कि रिसेप्शनिस्ट को पुलिस बुलानी पड़ी।
अब सोचिए, अगर ऐसी ही स्थिति आपके साथ हो जाए, तो आप क्या करेंगे? हमारे यहाँ तो “राम भरोसे” काम चल जाता है, लेकिन यहाँ रिसेप्शनिस्ट अकेला, न सिक्योरिटी गार्ड, न दूसरा कर्मचारी। कई बार तो पूरे होटल में वही अकेला होता! Reddit पर उसने पूछा – क्या आपके होटल में सिक्योरिटी है, और अगर नहीं है तो क्या आप डर महसूस करते हैं?
अब Reddit समुदाय का जवाब भी कम दिलचस्प नहीं था। एक सदस्य ने लिखा, “ऑफ सीज़न में जब होटल सुनसान रहता है, तो मैं दरवाज़े लॉक कर देता हूँ ताकि कोई अनजान व्यक्ति अंदर न आ पाए। प्रबंधन ने भले ही टोका, लेकिन मेरी सुरक्षा ज़्यादा ज़रूरी है।” सोचिए, भारत में कोई रिसेप्शनिस्ट दरवाज़ा लॉक कर दे, तो मेहमान चिल्ला-चिल्लाकर होटल मैनेजर को बुला लें!
एक और सदस्य ने मज़ाकिया अंदाज़ में कहा, “रात के समय जब माहौल डरावना लगे, तो दरवाज़ा बंद कर लो और बाहर खड़े होकर ही बात करो। अगर किसी पर शक हो, तो कमरे देने से मना कर दो। आखिर सुबह तक कोई आपकी खोज-खबर लेने नहीं आएगा, तो सुरक्षा में समझौता क्यों करें?”
कुछ लोग तो अपनी सुरक्षा के लिए मिर्ची स्प्रे या छोटा चाकू तक रखते हैं! एक सदस्य ने तो यह तक कहा कि अगर कोई मेहमान डरावना लगे, तो ज़ोर-ज़ोर से सिक्योरिटी को फोन करने का नाटक करो – और मेहमान खुद ही भाग जाएगा।
यहाँ हमारे देश में भी कई बार रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड की चाय की दुकानों पर, या हॉस्पिटल के नाइट ड्यूटी रिसेप्शन पर ऐसी स्थिति आ जाती है। हमारे यहाँ तो “राम नाम सत्य है” बोलते हुए कर्मचारी जुगाड़ से काम चला ही लेते हैं – कभी किसी दोस्त को बुला लिया, कभी गार्ड को चाय पर मना लिया।
लेकिन, Reddit पर एक सदस्य ने बड़ी गहराई से कहा, “आपकी सुरक्षा की कीमत आपके मैनेजमेंट ने तय कर दी है – उन्होंने सिक्योरिटी रखने का पैसा बचा लिया, और आपको अकेला छोड़ दिया। अब बाकी आपकी समझदारी पर है – ताले लगाओ, रिसेप्शन से बाहर मत निकलो, अगर ज़रूरत हो तो पुलिस बुलाओ और मज़बूती से डटे रहो।”
सोचने वाली बात है कि होटल इंडस्ट्री में अक्सर कर्मचारियों को अकेला छोड़ दिया जाता है, खासकर रात में। और हमारे यहाँ तो यह आम बात है – चाहे बैंक का चौकीदार हो, LPG एजेंसी की रात की शिफ्ट हो, या फिर 24x7 मेडिकल स्टोर। लेकिन, क्या इस तरह की जोखिम लेने की आदत ही हमारी संस्कृति बन गई है? क्या हमें भी अब अपने कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर जागरूक होने की ज़रूरत है?
अब आप ही बताइए – अगर आप ऐसी स्थिति में होते, तो क्या करते? क्या कभी आपके साथ भी रात की शिफ्ट में कुछ डरावना या अजीब हुआ है? क्या आपके होटल या ऑफिस में सिक्योरिटी है? या फिर आप भी “जुगाड़ू” तरीके अपनाते हैं?
हमारी सलाह तो यही है – “जान है तो जहान है”! चाहे जितनी भी नौकरी की मजबूरी हो, अपनी सुरक्षा से समझौता मत करिए। याद रखिए, ज़रूरत पड़े तो ज़ोर से चिल्लाइए, मदद के लिए फोन उठाइए, और अपने आस-पास के लोगों को सतर्क रखिए। आख़िरकार, एक मेहमान का रिसेप्शनिस्ट से मुस्कुरा कर ‘नमस्ते’ कहने का मतलब तब ही है, जब दोनों सुरक्षित हों!
अब आपकी बारी – अपने अनुभव हमारे साथ ज़रूर साझा करिए! क्या आपको भी कभी अपनी ड्यूटी पर डर लगा है? कमेंट सेक्शन में लिखिए और बाकी पाठकों के साथ अपने किस्से बाँटिए।
क्योंकि, “सावधानी हटी, दुर्घटना घटी” – और होटल हो या हॉस्पिटल, सुरक्षा सबसे पहले!
मूल रेडिट पोस्ट: Do you guys have security, or what do you do when you feel unsafe?