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होटल में 'ESPN' के लिए गुस्से में बेकाबू हुए साहब: एक हास्यपूर्ण किस्सा

एक बड़ा आदमी फ्रंट डेस्क पर टीवी पर ESPN नहीं देखने पर गुस्से में बौखला रहा है।
यह रंगीन 3D कार्टून एक बड़े आदमी की निराशा को दर्शाता है, जो फ्रंट डेस्क पर ESPN न देखने पर गुस्से में है। उसकी अतिरंजित भावनाएँ और इशारे स्थिति की बेतुकीपन को पूरी तरह से उजागर करते हैं!

होटल की रिसेप्शन पर काम करना अपने आप में एक अलग ही अनुभव है। हर दिन नए-नए मेहमान, नई-नई फरमाइशें और कभी-कभी ऐसी घटनाएं, जिन्हें सुनकर हंसी भी आती है और हैरानी भी। आज हम एक ऐसे किस्से की बात करने जा रहे हैं, जिसमें एक अधेड़ उम्र के मेहमान ने केवल 'ESPN' चैनल न मिलने पर होटल को सिर पर उठा लिया!

होटल में 'ESPN' का महत्त्व: क्या कोई चैनल इतना जरूरी है?

भारत में जैसे क्रिकेट या रामायण-महाभारत के एपिसोड के समय टीवी के आगे पूरा परिवार जमा हो जाता है, वैसे ही अमेरिका में 'ESPN' नामक स्पोर्ट्स चैनल का क्रेज़ है। वहां के लोग स्पोर्ट्स को लेकर इतने जुनूनी हैं कि कई बार छोटी-छोटी बातों पर भी बवाल खड़ा कर देते हैं। Reddit पर शेयर हुई इस कहानी में भी कुछ ऐसा ही हुआ।

एक सज्जन होटल की रिसेप्शन पर आए और बड़े अधिकार से बोले, "क्या आपके होटल में ESPN चैनल है? टीवी पर नहीं दिख रहा।" रिसेप्शनिस्ट ने विनम्रता से बताया, "माफ़ कीजिए, हमारे यहां ESPN नहीं है।" बस, इतना सुनना था कि साहब का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। "ये क्या बात हुई! हर होटल में ESPN होना चाहिए। मुझे डिस्ट्रीक्ट मैनेजर से बात करनी है!" मानो होटल में ESPN न होना, कोई राष्ट्रीय आपदा हो गई हो।

गुस्से का तूफ़ान और रिसेप्शनिस्ट की बेबसी

अब सोचिए, रिसेप्शन पर बैठे कर्मचारी का क्या दोष? जैसे भारत में अक्सर दुकानदार से उसकी मर्जी के बाहर की चीज़ मांग ली जाती है, वैसे ही यहां भी साहब ने रिसेप्शनिस्ट को जमकर कोसा। "शर्मनाक होटल! ऐसी घटिया जगह! कौन सा होटल ESPN के बिना चलता है!" गुस्से में बोल-बोलकर साहब रिसेप्शन से अपने कमरे की ओर लौट गए, जाते-जाते तरह-तरह की गालियाँ भी देते गए।

कुछ ही मिनटों बाद फिर हाजिर, इस बार मांग और बढ़ गई— "मुझे रिफंड चाहिए! अभी जाना है!" रिसेप्शनिस्ट ने बताया कि चूंकि बुकिंग थर्ड पार्टी से हुई है, तो रिफंड वहीं से मिलेगा। साहब का गुस्सा और भड़क गया, अबकी बार सार्वजनिक रूप से चिल्लाते हुए वीडियो रिकॉर्डिंग भी शुरू कर दी। अब भला बेचारे कर्मचारी के पास क्या उपाय? वो तो वही बता सकता था जो नियम है!

क्या सिर्फ टीवी चैनल के लिए इतना बवाल जरूरी है?

यह कहानी सिर्फ एक ग्राहक की नाराजगी नहीं, बल्कि हमारी सामूहिक सोच को भी आईना दिखाती है। एक Reddit यूज़र ने बड़ा मजेदार कमेंट किया, "भैया, अगर आपको ESPN ही देखना था, तो बुकिंग से पहले होटल से पूछ लेते!" दूसरे ने तंज कसा, "आपने ESPN नहीं, सस्ता कमरा बुक किया था।"

कुछ लोगों ने सुझाव दिया— "आजकल तो फोन पर भी ESPN देखा जा सकता है, ऐप डाउनलोड कर लो या वाई-फाई से कास्ट कर लो।" एक कमेंट पढ़कर तो हंसी छूट गई: "अगर होटल में चैनल मिसिंग है, तो क्या आप अपने घरवालों को भी ऐसे ही गालियां देते हैं?"

एक यूज़र ने लिखा, "स्पोर्ट्स के लिए इतना जुनून कि कर्मचारी को अपशब्द बोलना, ये तो हद हो गई!" वहीं किसी ने व्यंग्य किया, "लगता है साहब को होटल नहीं, स्पोर्ट्स बार चाहिए था।"

भारतीय नज़रिए से: अतिथि देवो भवः... लेकिन हद भी हो!

हमारे यहां 'अतिथि देवो भवः' की परंपरा है, लेकिन देवता भी मर्यादा में रहते हैं। होटल वाले कर्मचारी की हालत वैसी ही हो गई जैसे शादी-ब्याह में हलवाई से बार-बार 'एक और रसगुल्ला' मांगने पर उसकी पेशानी पर पसीना आ जाता है।

कर्मचारी अपनी ओर से मदद करने की पूरी कोशिश करता है, लेकिन हर समस्या का हल उसके हाथ में नहीं होता। जैसा कि एक Reddit कमेंट में कहा गया— "अगर होटल में ESPN का विज्ञापन नहीं था, तो रिफंड की कोई वजह भी नहीं बनती।"

आजकल के जमाने में मोबाइल, इंटरनेट और ऐप्स के चलते कोई भी चैनल देखना मुश्किल नहीं। लेकिन साहब का गुस्सा तो जैसे जले पर नमक जैसा था!

निष्कर्ष: गुस्सा छोड़िए, समाधान खोजिए!

कहानी से यह सीख मिलती है कि गुस्से में आकर न तो समस्या हल होती है और न ही माहौल अच्छा रहता है। होटल कर्मचारी भी इंसान है, उसकी भी सीमाएं हैं। अगर कोई सुविधा न मिले, तो शांति से समाधान तलाशें— मोबाइल पर देख लें, नजदीकी स्पोर्ट्स बार चले जाएं, या फिर होटल बुक करते समय जानकारी ले लें।

आपका क्या अनुभव है? कभी आपके साथ ऐसी कोई मजेदार या अजीब घटना हुई हो? कमेंट में जरूर बताइए। और हां, अगली बार होटल जाएं, तो रिसेप्शनिस्ट से मुस्कुरा कर बात करें— हो सकता है, आपको 'ESPN' की जगह 'होटल का दिल' जीतने का मौका मिल जाए!


मूल रेडिट पोस्ट: Grown man having temper tantrum over ESPN