होटल में शादी, खेल टीम और बवाल: एक वाइल्ड वीकेंड की पूरी कहानी
दोस्तों, अगर आपको लगता है कि होटल में काम करना बड़ा आरामदायक होता है, तो ज़रा इस होटल रिसेप्शनिस्ट की कहानी सुनिए! पिछले वीकेंड उनके होटल में दो शादियाँ थीं और एक स्पोर्ट्स टीम भी ठहरी थी। अब आप सोचिए, इतनी भीड़-भाड़ और अलग-अलग लोग… और उस पर से सबकी फरमाइशें! जब उन्होंने अपने अनुभव Reddit पर साझा किए, तो पढ़ने वालों की हँसी छूट गई और सब हैरान रह गए कि होटल मैनेजमेंट असल में कितना 'वाइल्ड' हो सकता है।
शादी-ब्याह, खेल-कूद और गेस्ट्स की नौटंकी
शादी या खेल टीम का होटल में आना हमारे यहाँ कोई नई बात नहीं है, लेकिन जब दोनों साथ आ जाएँ, तो होटल रिसेप्शनिस्ट के लिए मानो 'महाभारत' शुरू हो जाती है। यहाँ भी यही हुआ। दो शादियाँ और एक टीम, यानी होटल में नाच-गाना, शोरगुल, और बेशुमार फरमाइशें।
एक मेहमान का किस्सा तो गजब था। जनाब अपने कमरे में लॉक आउट हो गए थे क्योंकि सिक्योरिटी फ्लैप अटक गया। अब तसल्ली से रिसेप्शन पर आते, लेकिन इन्होंने तो दरवाज़ा ही तोड़ डाला! ऊपर से बहाना ये कि "आपके फ्रंट डेस्क वाले ने ही बोला था!" भला कोई भी होटल वाला इतनी सलाह देगा? लेकिन भाई साहब की हरकतें पहले भी कम नहीं थीं—हर रोज़ नए तौलिए मांगना, और फिर ये कारनामा।
लाउंज में जाम और मीटिंग रूम में चालाकी
अब बात करते हैं उन माता-पिताओं की जो स्पोर्ट्स टीम के साथ आए थे। रात को तीन बजे तक लॉबी में जाम छलक रहे थे। यहाँ तो एक पाठक ने कमेंट किया कि "हर होटल में लॉबी में शराब पीने पर पाबंदी होनी चाहिए, खासकर जब बच्चों की टीमें ठहरी हों।" वैसे अपने यहाँ भी शादी-ब्याह में अक्सर लोग हदें पार कर देते हैं—लॉबी हो या गार्डन!
दूसरी तरफ, एक शादी वाले ग्रुप ने मीटिंग रूम आधा बुक किया था, लेकिन जब आए तो पूरे रूम पर कब्जा! खुद ही डिवाइडर खोल लिया—मानो होटल उनका मामा का घर है। रिसेप्शनिस्ट ने भी भारतीय अंदाज़ में सीधा चार्ज बढ़ा दिया और जिम्मेदार व्यक्ति को ईमेल भेज दी। जवाब में वही पुराना बहाना, "हमें तो बताया ही नहीं गया!" भाई, ये बहाना तो हमारे यहाँ हर जगह चलता है—चाहे शादी की कैटरिंग हो या स्कूल की फीस!
रिफंड के झगड़े और होटल की 'छुपन-छुपाई'
अब जरा सुनिए स्पोर्ट्स टीम की एक महिला गेस्ट का किस्सा, जो पूरे वीकेंड चुप रहीं और आखिर में बोलीं, "ऊपर वाले बहुत शोर कर रहे थे, मुझे पूरा पैसा वापस चाहिए!" रिसेप्शनिस्ट ने भी भारतीय माता-पिता की तरह समझाया—"पूरा रिफंड नहीं मिलेगा, थोड़ा-बहुत देख लेंगे।"
सबसे दिलचस्प किस्सा था एक महिला गेस्ट का, जो बिना बताए होटल में छुप-छुपकर रह रही थीं, बेटे के साथ रात में चोरी-छिपे आती-जाती थीं, और अपने कुत्तों को कमरे में छोड़ देती थीं। यहाँ एक पाठक ने सलाह दी, "ऐसे गेस्ट को DNR (do not rent) लिस्ट में डाल दो, वरना ये सिरदर्द बढ़ता रहेगा।" लेकिन रिसेप्शनिस्ट बेचारे रात की शिफ्ट में थे, जनरल मैनेजर पर छोड़ दिया मामला—हमारे यहाँ भी सरकारी दफ्तरों में हर कोई कहता है, 'साहब देख लेंगे!'
होटल की असली जद्दोजहद: पेमेंट से लेकर पेशेंस तक
अब बात आती है पेमेंट की, जो हमारे यहाँ सबसे बड़ा सिरदर्द होता है। एक गेस्ट बिना क्रेडिट कार्ड के प्री-चेक इन थीं, रिसेप्शनिस्ट पूरे वीकेंड उनके पीछे दौड़ते रहे—फोन, नोट, कमरा लॉक करना, सब कुछ आज़माया। आख़िरकार जब गेस्ट खुद एक्सटेंड करने आईं, तभी पैसे मिले।
यह सब सुनकर Reddit के पाठकों ने भी खूब मजेदार टिप्पणियाँ कीं—किसी ने कहा, "स्टाफ को भी लॉबी में बैठकर पीने की इजाजत चाहिए थी क्या?" तो किसी ने हँसते हुए लिखा, "शादी और स्पोर्ट्स टीम एकसाथ? भगवान बचाए!"
निष्कर्ष: होटल में वीकेंड = 'धर्मयुद्ध'
आखिरकार, हमारे रिसेप्शनिस्ट साहब ने कहा—"अब तो मैं थक गया हूँ!" सच कहें तो, हमारे यहाँ भी होटल या बैंक, हर जगह ऐसे 'वीकेंड' आते हैं, जब लगता है कि सब्र का प्याला छलकने वाला है।
अगर आपको कभी होटल में ठहरना पड़े, तो याद रखिए—वहाँ के स्टाफ भी इंसान हैं, और उनकी भी एक लिमिट होती है!
क्या आपके साथ भी कभी होटल में ऐसा कोई मजेदार या सिर पकड़ा देने वाला वाकया हुआ है? कमेंट में जरूर बताइए! और ऐसी और कहानियों के लिए जुड़े रहिए हमारे साथ।
मूल रेडिट पोस्ट: wild weekend