होटल में मेहमान या मुफ्तखोर? एक रिसेप्शनिस्ट की जुबानी चटपटी कहानी
अगर आपको लगता है कि होटल में काम करना सिर्फ मुस्कुराकर "स्वागत है" कहने तक सीमित है, तो ज़रा रुकिए। असली मज़ा तो तब आता है जब कुछ मेहमान होटल को अपनी ससुराल समझ बैठते हैं! आज की कहानी सुनिए एक रिसेप्शनिस्ट की जुबानी, जिसने मेहमाननवाज़ी के नाम पर जितनी परेशानियाँ झेली, वो सुनकर आप भी सोचेंगे – "ये लोग सच में होते हैं क्या?"
जब 'हॉट टब' बना सिरदर्द
मामला एक बड़े होटल का है, जहाँ एक जोड़ा छह रातों के लिए ठहरा था। तीन रात पहले दोनों बड़े उत्साह से आए और सबसे पहला सवाल – "हॉट टब चालू है न?" अब भाई, किस्मत देखिए – उसी दिन किसी साहब ने हॉट टब के जेट्स का टाइमर तोड़ दिया था! रिसेप्शनिस्ट ने पूरी ईमानदारी से बताया, "हॉट टब तो चालू है, पर जेट्स सुबह तक ठीक हो पाएंगे।" बस, दो घंटे जेट्स के बिना रहना पड़ा, क्योंकि पूल रात दस बजे बंद हो जाता है।
मुआवज़े की मांग और 'एक स्टार' का तमाशा
अगले दिन, जैसे ही जेट्स ठीक हुए, साहब और उनकी बेग़म मुआवज़े की मांग लेकर आ पहुँचे – "हमें दो घंटे हॉट टब के जेट्स नहीं मिले, इसका मुआवज़ा चाहिए!" होटल ने भी बढ़िया ग्राहक सेवा दिखाई – या तो $30 छूट या 5000 पॉइंट्स। दोनों ने हँसते-हँसते $30 छूट ले ली।
लेकिन असली खेल तो इसके बाद शुरू हुआ। रिसेप्शनिस्ट ने देखा कि उसी जोड़े ने ऑनलाइन होटल को 'एक स्टार' की रेटिंग दे दी, वो भी इस आरोप के साथ कि "होटल में हॉट टब काम ही नहीं करता।" अब भैया, ये तो वही बात हो गई – "खाए भी, गाली भी दे जाएँ!"
बाज़ार में भी नखरे और फ्रीबी का चस्का
अगले दिन इनका मन होटल के बाज़ार (मार्केट) में रखे स्नैक्स से भर गया। बोले, "हमें तो कुछ पसंद ही नहीं आया, अब हमें फिर $30 की छूट दो, क्योंकि हमें बाहर से स्नैक्स खरीदने जाना पड़ेगा!" यहाँ कई पाठकों को याद आया – हमारे देश में भी ऐसे लोग मिल जाते हैं जो हर चीज़ मुफ्त में चाहते हैं, चाहे हलवाई की दुकान हो या शादी का खाना! एक कमेंट में किसी ने ताना मारा – "इन लोगों को तो लगता है होटल की हर चीज़ फ्री ही है!"
हद की भी हद: बीयर पीकर वापस रख दी!
अब सुनिए असली 'चैरी ऑन टॉप' वाली बात। साहब ने होटल के फ्रिज से एक बोतल हेनेकेन निकाली, आधी पी और फिर वापस फ्रिज में रख दी! रिसेप्शनिस्ट ने टोका – "सर, अब इसकी कीमत तो आपके कमरे में जुड़ जाएगी।" जनाब बोले – "क्यों? मैंने तो पूरी नहीं पी!" जवाब मिला – "सर, अब ये बोतल किसी और को नहीं दे सकते।" साहब का जवाब – "देख लेना!" और टशन में बोतल वही छोड़ दी।
होटल कर्मचारियों की पीड़ा और पाठकों की प्रतिक्रिया
होटल के स्टाफ ने इस अनुभव को साझा किया तो Reddit के पाठकों के बीच भूचाल सा आ गया! एक ने लिखा – "ऐसे मेहमान तो बस फ्री का फायदा उठाने आते हैं।" किसी ने सुझाव दिया – "बाकी बची बुकिंग कैंसल करो, और बाहर का रास्ता दिखाओ!" वहीं एक पाठक बोले – "ऐसे लोगों की वजह से ही होटल वाले कर्मचारियों पर विश्वास कम हो गया है।"
एक और कमेंट ने दिल छू लिया – "अगर ये चीज़ें फ्री होतीं, तो तीन-तीन कॉलेज की फुटबॉल टीमें कब का सब साफ कर जातीं!" कुछ ने तो यहाँ तक कह दिया – "बीयर की बोतल खोलकर वापस रखना तो सीधा चोरी है, पुलिस बुलाओ और बाहर निकालो!"
भारतीय संदर्भ और सीख
अगर आप सोच रहे हैं कि ऐसी हरकतें सिर्फ विदेशों में होती हैं, तो एक बार अपने किसी दोस्त से शादी-ब्याह या होटल में हुई 'फ्री' चीज़ों की किस्से सुन लीजिए। हर जगह ऐसे 'मुफ्तखोर' मिल ही जाते हैं, जो होटल को बिस्कुट की दुकान और बुफ़े को अपनी थाली समझ बैठते हैं!
इस कहानी से दो बातें सीखने को मिलती हैं – एक, होटल के कर्मचारियों का काम आसान नहीं होता। और दो, ग्राहक भगवान जरूर है, पर जबरदस्ती भगवान बनना भी ठीक नहीं। हाँ, और अगर आप कभी होटल जाएँ, तो भई, बीयर आधी पीकर वापस मत रखिए – ये हमारी संस्कृति में भी अच्छा नहीं मानते!
निष्कर्ष: आप क्या सोचते हैं?
तो दोस्तों, क्या आपको भी कभी ऐसे 'मुफ्तखोर' मेहमानों से वास्ता पड़ा है? या फिर कहीं खुद कभी गलती से कोई 'फ्री' चीज़ उठा ली? अपने अनुभव नीचे कमेंट में ज़रूर बताइए। होटल कर्मचारी हों या ग्राहक – सबका नजरिया जानना दिलचस्प रहेगा। और हाँ, अगली बार होटल जाएँ तो रिसेप्शनिस्ट की मुस्कान की कद्र ज़रूर कीजिए, क्योंकि उसके पीछे कई बार ऐसे किस्से छुपे होते हैं!
मूल रेडिट पोस्ट: Current guests in-house.