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होटल में मुफ्त ठहरने के लिए लोग क्या-क्या नौटंकी कर जाते हैं!

रात में होटल रिसॉर्ट की रिसेप्शन, मेहमानों के मजेदार प्रयासों के साथ मुफ्त ठहराव के लिए।
सिंगापुर रिसॉर्ट से एक जीवंत दृश्य, जहाँ रात की ऑडिट में सबसे मजेदार मुफ्त ठहराव के प्रयास सामने आते हैं। यह फ़ोटोरियलिस्टिक छवि होटल उद्योग के सबसे हास्यपूर्ण क्षणों को दर्शाती है, यह दिखाते हुए कि कुछ मेहमान अपने ठहराव के लिए भुगतान से बचने के लिए कितने दूर तक जाते हैं।

होटल का रिसेप्शन... रात के तीन बजे... और अचानक तीन लड़कियाँ हड़बड़ाती हुई अंदर घुसीं। अब आप सोच रहे होंगे – इतनी रात को होटल में कौन-सी आफत आ गई? लेकिन जनाब, आगे जो हुआ उसे पढ़कर आप भी सोचेंगे, "भई, मुफ्त की चीज़ के लिए लोग कितनी दूर तक जा सकते हैं!"

ये किस्सा है ‘सिन सिटी’ के एक बड़े होटल का, जहाँ रात की शिफ्ट में काम करने वाले रिसेप्शनिस्ट (रात के ऑडिट) की ड्यूटी थी। तीन लड़कियाँ लगभग रोती-चिल्लाती हुई आईं और एक साथ बोलना शुरू कर दिया। रिसेप्शनिस्ट ने समझदारी से, सिर्फ उस लड़की से बात की जिसके नाम पर रूम बुक था (मान लीजिए उसका नाम एमी था)। बाकी दोनों को चुप कराया, तो उनमें से एक ने रिसेप्शनिस्ट को ही बदतमीज़ बता दिया! लेकिन भैया, जब तीन लोग एक साथ बोलें तो किसी को भी ‘सिर-पैर’ समझना मुश्किल है – ये बात तो हमारे घर के बुजुर्ग भी कहते हैं।

होटल में ‘खतरनाक’ सबूत: कंडोम और कैमरों की कहानी

एमी ने बताया – “हम लोग शाम 6-8 बजे के बीच से रूम में नहीं थे, और जब वापस आए तो मास्टर बाथरूम में ज़मीन पर यूज़्ड कंडोम पड़ा था!” इसके बाद शुरू हुआ इल्ज़ामों का दौर – “पक्का कोई मैन्टेनेन्स वाला आया होगा, उसने ही किया होगा!” फोटो भी दिखाई और कहा – “CCTV, लॉक हिस्ट्री सब चेक कराओ।” रिसेप्शनिस्ट ने समझाया कि ये सब GM ही देखेंगे, तब तक तुम लोग रिपोर्ट भर दो।

अब इतना हल्ला क्यों? क्योंकि इनका सीधा-सीधा डिमांड था – “हमें रिफंड चाहिए, अब हम यहाँ नहीं रुक सकते!” ऊपर से, एमी ने अपनी सहेलियों से पूछा – “कहीं ये तुम लोगों में से किसी ने नहीं फेंका न?” सब ने साफ मना कर दिया। यानी, खुद मान भी लिया कि उनके पास कंडोम थे, पर कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं।

रात का रिसेप्शनिस्ट बोला – “रूम फुल है, शिफ्ट बदलना मुश्किल है। हाँ, चाहो तो मैं खुद चलकर वो कंडोम साफ कर देता हूँ।” लड़कियाँ मान गईं। रिसेप्शनिस्ट ने दस्ताने पहनकर कंडोम उठाया, फर्श को सैनिटाइज़ किया, और कचरे में फेंक आया। लेकिन, उसने ध्यान दिया – कंडोम नया था, उसमें कोई ‘फ्लूइड’ नहीं था। यानी, ये किसी ने पैकेट से निकालकर फोटो खींची, ड्रामा किया और फ्रंट डेस्क भाग आए!

सबूत की तलाश और जाँच पड़ताल का तड़का

आधे घंटे बाद, लड़कियों ने फिर कॉल किया – “वो कंडोम कहाँ है? हमें चाहिए, पुलिस को दिखाएँगे!” रिसेप्शनिस्ट ने सीधा जवाब दिया – “कचरे में फेंक दिया, अब खुद जाकर ढूँढ लो।” साथ ही, पुलिस बुलाने का भी ऑफर दिया। थोड़ी देर बाद पुलिस भी आई, पर रिसेप्शनिस्ट से कोई बात नहीं हुई। अगले दिन GM ने लॉक हिस्ट्री, CCTV सब चेक किया – कोई अंदर गया ही नहीं! जबरन घुसने का कोई सबूत नहीं मिला। लड़कियों को रिफंड से मना कर दिया गया और ‘DNR’ (Do Not Rent) लिस्ट में डाल दिया। होटल स्टाफ ने पुलिस को भी बता दिया कि सब ड्रामा था।

मुफ्त के चक्कर में और क्या-क्या बहाने बनते हैं!

अब सोच रहे होंगे – क्या बस यही एक किस्सा है? जनाब, Reddit पर ऐसे किस्सों की लाइन लगी है! एक कमेंट में किसी ने लिखा – “मेरे होटल के पूल में एक मेहमान का बच्चा (डायपर के बिना!) पूल में ही शू-शू करने लगा। माँ ने कहा – ‘क्लोरीन सब साफ कर देगा, पूल बंद मत करो!’ पर जब स्टाफ ने पूल बंद किया, तो माँ ने उल्टा होटल को दोषी ठहराया और रिफंड मांगने लगी।” ऐसे में एक पाठक ने कहा – “भाई, उल्टा इनसे पूल साफ करने का चार्ज लेना चाहिए था!”

एक और मज़ेदार किस्सा, किसी ने सिर्फ इसलिए 100% रिफंड माँगा क्योंकि बाथरूम के डस्टबिन में ‘क्लीनैक्स’ (टिशू) पड़ा था! होटल वालों ने 15% डिस्काउंट दिया, पर साहब बोले – “दूसरे होटल में तो और मिल जाता है!” ऐसे ग्राहक को सुनकर कोई भी कहेगा – “ये तो रोज़-रोज़ क्लीनैक्स ढूँढने निकले रहते हैं!”

कुछ लोग तो रंग-बिरंगे ‘स्प्रिंकल्स’ बाथटब में गिराकर दावा करते हैं – “यहाँ चूहे हैं, देखो उनके पॉटी!” स्टाफ हँसी नहीं रोक पाया – “भाई, ये तो इंद्रधनुषी चूहे लग रहे हैं!”

होटल स्टाफ की जुगाड़ और ग्राहक की जिद्द

ऐसे झूठे-कॉन्फिडेंट ग्राहकों से निपटना होटल वालों के लिए रोज़ की कहानी है। एक बार एक मेहमान ने शिकायत की – “चादरें बहुत साफ हैं, मुझे रिफंड दो!” किसी ने सुबह-सुबह पक्षियों की आवाज़ से जागने पर पूरी 9 दिन की रिफंड माँग ली! मतलब, अगर आपके घर के पास पेड़ नहीं हैं, तो क्या होटल आपके लिए साउंडप्रूफ जंगल बनाएगा?

और कुछ लोग – खाना ऑर्डर करते हैं, खुद ही खा जाते हैं, बाद में कहते हैं “इसमें बेकन था, हमारी धार्मिक भावनाएँ आहत हो गईं, रिफंड दो, गाड़ी का पेट्रोल दो, और होटल ग्रुप का 2,500 डॉलर का वाउचर भी दो!” ऐसे लोग होटल का सारा सामान (तौलिए, चाय मशीन, तकिए) भी उठा ले जाते हैं – ऊपर से क्रेडिट कार्ड भी फर्जी!

निष्कर्ष: मुफ्त की चाहत में इंसान क्या-क्या कर सकता है!

तो भैया, होटल स्टाफ के लिए हर रात एक नई चुनौती है। कभी-कभी ग्राहक सच में परेशान होते हैं, पर कई बार तो लोग मुफ्त का स्टे लेने के लिए ऐसी नौटंकी कर जाते हैं कि सुनकर हँसी आ जाए। होटल वालों की सबसे बड़ी सीख – सबूत इकट्ठा करो, रिपोर्ट बनाओ, और सबसे ज़रूरी – धैर्य रखो!

अब आप बताइए – आपके साथ कभी किसी होटल या रेस्टोरेंट में ऐसा कोई मजेदार या अजीब अनुभव हुआ है? क्या आपने भी कभी कोई बहाना बनाकर कुछ मुफ्त पाने की कोशिश की है? नीचे कमेंट में शेयर करें – हमें भी हँसी का मौका दें!


मूल रेडिट पोस्ट: What people will do to get a free stay