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होटल में पार्किंग का झमेला: टिकट काटा तो होटलवाले जिम्मेदार?

होटल की पार्किंग का साइन, एक निराश मेहमान पार्किंग टिकट पकड़े हुए, पार्किंग की चुनौतियों को उजागर करता है।
"पार्किंग करना कभी-कभी मुश्किल हो सकता है! यह तस्वीर एक मेहमान की निराशा को दर्शाती है जो अप्रत्याशित टिकट शुल्क का सामना कर रहा है। याद रखें, हम आपको सूचित रखने की कोशिश करते हैं, लेकिन हमेशा पार्किंग विकल्पों की दोबारा जांच करना बेहतर है!"

अगर आप कभी बड़े शहर के किसी होटल में ठहरे हों तो पार्किंग की परेशानी से जरूर दो-चार हुए होंगे। कहीं होटल के बाहर जगह नहीं, तो कभी पार्किंग के नाम पर अलग से पैसे देने पड़ते हैं। लेकिन सोचिए, अगर आपने होटल के सामने नो-पार्किंग वाले एरिया में गाड़ी खड़ी कर दी, ऊपर से चालान भी कट गया...तो क्या होटलवाले आपकी मदद करेंगे? या चालान की रकम भी होटल के बिल में जुड़ जाएगी? चलिए, आज एक ऐसी ही मजेदार कहानी से आपको रूबरू कराते हैं, जो आपको हंसाएगी भी और सोचने पर मजबूर भी करेगी।

गाड़ी खड़ी करना है, तो कान खोलकर सुनिए!

तो जनाब, कहानी शुरू होती है एक अमेरिकन होटल से, जहां अक्सर मेहमानों को पार्किंग के लिए होटल की बिल्डिंग के पास एक अलग जगह बताई जाती है—वो भी पैसे लेकर! होटलवाले बड़े तमीज से बताते हैं कि "साहब, पार्किंग होटल के कोने पर है, थोड़ी दूर है लेकिन सुरक्षित है। फ्रंट पर गाड़ी मत रखिए, वरना चालान कट जाएगा।"

अब हमारे देश में भी बहुत से लोग ऐसे ही हैं—जो सुनते तो सबकुछ हैं, लेकिन उन्हीं बातों को याद रखते हैं जो उन्हें पसंद आएं। बाकी बातें एक कान से सुनकर दूसरे से निकाल देते हैं।

चालान कटा, तो जिम्मेदार कौन?

अमेरिका वाले होटल में हुआ ये कि एक मेहमान ने सारी हिदायतों को नजरअंदाज किया और होटल के ठीक सामने, जहां बड़े-बड़े बोर्ड लगे थे "नो पार्किंग", वहां गाड़ी खड़ी कर दी। अगले दिन साहब गुस्से में होटल के रिसेप्शन पर पहुंचे और बोले—"मुझे तो पार्किंग यहीं समझ आई थी। अब चालान कट गया, आपलोग ही भरिए!"

अब रिसेप्शनिस्ट भी भारतीयों की तरह धैर्यवान, बोलीं—"माफ कीजिए, ये तो हमारी जिम्मेदारी नहीं है। शहर की नगरपालिका ने चालान काटा है, हम क्या कर सकते हैं?"

यह किस्सा पढ़कर मुझे अपने मोहल्ले की याद आ गई, जहां मोहल्ले के मोड़ पर हमेशा कोई-न-कोई अपनी बाइक खड़ी कर देता है। ट्रैफिक पुलिसवाले चालान काटते हैं, फिर बाइकवाला गुस्से में दुकानदार से लड़ता है—"भैया, दुकान के सामने खड़ा किया था, अब चालान तुम भरोगे!" दुकानदार बेचारा मन ही मन बुदबुदाता है—"भइया, दुकान मेरी है, सड़क तुम्हारी नहीं!"

ऑनलाइन चर्चा: "मुसीबत तो खुद बुला ली!"

रेडिट पर इस कहानी के नीचे लोगों ने खूब चटखारे लिए। एक यूज़र ने मजाकिया अंदाज में लिखा, "कोई मेहमान तो इतना दूर चला गया कि पांच मील दूर शहर में गाड़ी लगाई, वहां चालान कटा और होटलवालों से भी उम्मीद कर ली कि पूरा शहर उनकी पार्किंग है!"

एक और टिप्पणी पढ़िए—"भैया, बेवकूफी का इलाज नहीं होता, बस डक्ट टेप से थोड़ी देर के लिए मुंह बंद किया जा सकता है!"

यही नहीं, कई लोगों ने कहा कि कई मेहमान ऐसे होते हैं जिन्हें लगता है होटलवाला जादूगर है—चालान माफ करवा देगा, बिजली-पानी का बिल भी खुद भर देगा, और चाहें तो 'जेल से बाहर निकलने का मुफ्त कार्ड' भी दे देगा। एक ने तो तंज कसा—"होटल कोई मोनोपॉली गेम का बोर्ड थोड़े है!"

भारतीय नजरिया: जिम्मेदारी या जिद?

हम भारतीयों में भी ये आदत खूब है—गलती खुद से हो, लेकिन जिम्मेदारी किसी और पर डाल दो। जैसे सड़क पर कहीं भी गाड़ी ठोक दो, फिर पुलिसवाले को दलील दो—"यहां बोर्ड ही नहीं था", "मुझे बताया नहीं", या "मैं तो बस दो मिनट के लिए गया था!" लेकिन चालान तो कटना ही है, चाहे आप अमेरिका में हों या दिल्ली-मुंबई में।

एक यूज़र ने लिखा, "अगर मेहमान की गलतफहमी से चालान कटा है तो उसका नाम 'बेवकूफी कर' टैक्स होना चाहिए!" यानी ये तो सीधी सी बात है, जो गलती करेगा, भुगतान भी वही करेगा।

कुछ लोगों ने यह भी कहा कि होटल जब पहले ही साफ-साफ बता देता है कि पार्किंग अलग है, तो फिर मेहमान को जिद नहीं करनी चाहिए। और सच पूछिए तो, भारत के बड़े शहरों में भी होटल पार्किंग अक्सर अलग से ही मिलती है—कभी-कभार तो पार्किंग के लिए भी लंबी कतार लगानी पड़ती है।

सीख: जिम्मेदारी समझें, होटलवालों को भगवान न समझें

कहानी से एक बात तो साफ है—चाहे आप देश में हों या विदेश में, कानून का पालन करना सबकी जिम्मेदारी है। होटलवाले आपको सुविधा जरूर देते हैं, लेकिन जादू नहीं कर सकते कि आपकी गलतियों को पलभर में ठीक कर दें।

तो अगली बार जब होटल जाएं, रिसेप्शनिस्ट की बात ध्यान से सुनें, जहां पार्किंग बताई जाए वहीं गाड़ी लगाएं, और चालान कटने पर होटल वाले को इल्ज़ाम न दें। आखिरकार, "जैसी करनी, वैसी भरनी"—यह मुहावरा हर जगह लागू होता है!

आपके अनुभव? नीचे कमेंट में जरूर बताएं!

क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि आपने गाड़ी कहीं गलत जगह खड़ी की हो और चालान कट गया हो? या किसी होटल/दुकान पर ऐसी मजेदार बहस देखी हो? अपने अनुभव नीचे कमेंट में लिखिए—शायद आपकी कहानी भी किसी के चेहरे पर मुस्कान ले आए!


मूल रेडिट पोस्ट: I got a ticket! Are YOU going to pay for that?!😡