होटल में पानी की बोतलें बंद हुईं, रिसेप्शन पर आई राहत की सांस!
होटल की रिसेप्शन पर काम करने वाले लोगों की ज़िंदगी जितनी चमकदार दिखती है, असल में उतनी ही रंग-बिरंगी और कभी-कभी परेशानी भरी भी होती है। सोचिए, पूरा दिन लोग आते-जाते हैं, कोई चेक-इन करता है, कोई चेक-आउट, कोई रूम की चाबी भूल जाता है, तो कोई सामान। लेकिन, इन सबसे हटकर एक छोटी सी चीज़ है जिसने रिसेप्शनिस्ट की नींदें उड़ा रखी थीं – मुफ्त पानी की बोतलें!
पानी की बोतलें: मुफ्त में मिलती है तो क्यों न लें?
कहते हैं कि "मुफ्त का माल, हर कोई ले जाता है।" होटल में भी कुछ ऐसा ही आलम था। रिसेप्शन पर बैठे कर्मचारी का हाल कुछ वैसा ही था जैसे भारतीय शादियों में मिठाई बंटने पर लोग लाइन में लग जाते हैं। जैसे ही बेलमैन फ्रिज में पानी की बोतलें भरता, एक घंटे के अंदर सब गायब! मेहमान बार-बार आते, "भैया, पांच बोतल पानी दे दो।" कोई कहता, "हमें तो पूरा केस चाहिए, आठ दिन रहेंगे!" अब बताइए, क्या होटल पानी की फैक्ट्री है?
रिसेप्शनिस्ट की खुशी और मेहमानों के तर्क
एक दिन होटल के मैनेजमेंट ने ऐलान कर दिया – अब से केवल VIP मेहमानों (Ambassador Members) को ही रूम में वेलकम किट के साथ पानी और स्नैक्स मिलेंगे, बाकी मेहमान खुद से पानी भर सकते हैं। रिसेप्शनिस्ट ने राहत की सांस ली – जैसे गर्मी में ठंडी छाँव मिल जाए!
पर मज़ा तो तब आया जब मेहमानों के तर्क शुरू हुए। एक कमेंट करने वाले ने लिखा, "भैया, पानी चाहिए तो गिफ्ट शॉप में मिल जाएगा।" दूसरे ने सुझाया, "अरे, रूम में नल है, वहीं से भर लो।" और एक साहब तो बोले, "हमारी कॉलोनी में तो पानी का टैंकर भी इतना फ्री में नहीं बंटता!"
पानी फ्री क्यों नहीं? विदेशी और देसी सोच में फर्क
विदेशों में होटल वाले पानी की बोतलें फ्री देना बंद कर रहे हैं, लेकिन भारत में तो शादी-ब्याह, मेले-ठेले सब जगह पानी की बोतलें मुफ्त में मिलना आम है। पर क्या हर चीज़ की आदत डालना सही है? एक पाठक ने बढ़िया लिखा – "प्लास्टिक की बोतलें बेकार की बर्बादी हैं, जब तक पानी पीने लायक है तो बोतल का क्या ज़रूरत?" वैसे भी, भारतीय घरों में तो आज भी मेहमान को सबसे पहले पानी पिलाया जाता है, चाहे वो नल का हो या RO का।
होटल की रणनीति और मेहमानों की रचनात्मकता
कुछ होटलों ने तो पानी की बोतलें देना इसलिए बंद कर दिया, क्योंकि लोग "VIP सेवा" के नाम पर दर्जनों बोतलें मांग लेते थे। एक और मजेदार किस्सा– एक मेहमान ने रोज़ रात दर्जन भर बोतलें मांग लीं, तो रिसेप्शन वाला हैरान! अब होटल वाले भी सोचते हैं, "अगर मुफ्त पानी देंगे तो लोग प्यास नहीं, स्टॉक के लिए मांगेंगे।"
कई होटलों ने अब पानी भरने के लिए स्टेशन लगा दिए हैं – रिसेप्शन के पास, फिटनेस सेंटर में, या लॉबी में स्वादिष्ट फ्रूट वॉटर! लेकिन साहब, कोई 2 बजे रात को पूछे, "पानी क्यों नहीं है?" तो रिसेप्शनिस्ट का जवाब भी ठेठ देसी अंदाज में – "भाई, रात है, पानी सोने गया है!"
भारतीयता और अतिथि-सत्कार
हमारे देश में तो "अतिथि देवो भव:" की परंपरा है। लेकिन होटल बिज़नेस में हर चीज़ का हिसाब-किताब रखना पड़ता है। मुफ्त पानी की बोतलें बांटने से न केवल लागत बढ़ती है, बल्कि प्लास्टिक कचरा भी। और सच कहें तो, जब आपके पास नल का साफ पानी या फिल्टर पानी है, तो बोतल की ज़रूरत ही क्या?
निष्कर्ष: आपकी राय क्या है?
होटल में पानी की बोतलें बंद होने के बाद रिसेप्शनिस्ट की राहत और मेहमानों की जुगाड़बाजी दोनों ही कमाल की हैं। तो अगली बार होटल जाएं, तो सोचिए – क्या वाकई आपको बोतल चाहिए, या एक ग्लास पानी से भी काम चल सकता है? और हाँ, अगर कोई मज़ेदार किस्सा आपके साथ भी हुआ हो, तो नीचे कमेंट में ज़रूर लिखिए – क्योंकि होटल की इन छोटी-छोटी बातों में ही असली मज़ा है!
मूल रेडिट पोस्ट: happy happy...