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होटल में नौकरी का ऑफर दो बार ठुकराने के बाद क्या फिर कोशिश करनी चाहिए? जानिए दिलचस्प किस्सा!

एक एनीमे-शैली की चित्रण जिसमें होटल रिसेप्शन है और एक चिंतित व्यक्ति नौकरी के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है।
इस जीवंत एनीमे दृश्य में, हमारा नायक होटल नौकरी के प्रस्ताव पर एक चुनौतीपूर्ण निर्णय पर विचार कर रहा है, जो आतिथ्य क्षेत्र में करियर विकल्प चुनते समय कई लोगों की भावनात्मक यात्रा को दर्शाता है।

दोस्तों, नौकरी की तलाश करना किसी जंग से कम नहीं। कभी-कभी, हमें अच्छा ऑफर मिल जाता है मगर दिल दिमाग की कशमकश में हम खुद ही उसे ठुकरा देते हैं। और फिर वही पछतावा, “काश, मैंने मना न किया होता!” आज मैं आपको एक ऐसे ही युवा की कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसने Holiday Inn होटल में फ्रंट डेस्क की नौकरी का ऑफर दो बार ठुकराया – और अब सोच रहा है, क्या तीसरी बार फिर से कोशिश करें?

नौकरी के ऑफर का रोलर-कोस्टर: हाँ, नहीं, फिर हाँ… फिर नहीं!

हमारे नायक (मान लीजिए नाम है ‘टीटू’) को Holiday Inn होटल से फ्रंट डेस्क की नौकरी का ऑफर आया। पहले तो टीटू ने सोच-समझकर मना कर दिया। फिर मन बदला, और हाँ कह दी। लेकिन किस्मत को शायद मज़ा आ रहा था – उन्होंने परिवार में अर्जेंट काम का बहाना बनाकर फिर से ना कर दी! असल में, घर में सब ठीक था, बस मन में घबराहट और उलझन थी।

अब जब सब शांत है, टीटू को पछतावा हो रहा है – “भैया, ये क्या कर दिया?” अब सवाल है, क्या होटल के जनरल मैनेजर (GM) को फिर से संपर्क करना सही रहेगा या GM बोलेगा, “भैया, दफा हो जाओ!”

“नहीं” पूछने से पहले ही मिल जाता है!

आपने सुना होगा, “पूछने में क्या जाता है?” Reddit पर इस कहानी के नीचे एक कमेंट आया, “अगर आप नहीं पूछेंगे तो आपको अपने सवाल का जवाब कभी नहीं मिलेगा। पूछेंगे तो या तो हाँ मिलेगा, या ना।” एक और भाई साहब ने लिखा, “सबसे बुरा क्या होगा? बस ‘ना’ ही तो सुनना पड़ेगा, कम से कम मन में ये मलाल तो नहीं रहेगा कि कोशिश ही नहीं की!”

हमारे यहाँ भी, मम्मी कहती हैं – “बेटा, मांगो तो सही, भगवान भी देने वाले हैं!” तो भैया, नौकरी मांगने में शर्म कैसी?

होटल इंडस्ट्री में भरोसा सबसे बड़ा सिक्का

पर यहाँ एक पेंच है। होटल इंडस्ट्री 24x7 चलती है – ग्राहक कभी भी आ सकते हैं, और यहाँ भरोसेमंद लोगों की सख्त ज़रूरत होती है। एक अनुभवी मैनेजर ने कमेंट किया, “अगर कोई बहुत ही स्पेशल काबिलियत न हो, तो मैं ऐसे कैंडिडेट को दोबारा मौका नहीं दूँगा। हमें ऐसे लोग चाहिए जो समय के पक्के और भरोसेमंद हों।”

सोचिए, अगर आप अपने दोस्त के यहाँ शादी में खाना बँटवाने के लिए दो बार मना कर दें, तो तीसरी बार वो आपको बुलाएगा? शायद नहीं! लेकिन कभी-कभी हालात अलग भी हो सकते हैं।

ईमानदारी और विनम्रता: तीसरी बार में भी चमक सकती है किस्मत

कुछ लोगों ने सलाह दी – अगर वाकई अब मन बना लिया है और 100% तैयार हैं, तो GM से पूरी ईमानदारी से बात करें। एक कमेंट में लिखा था, “अगर अभी भी जॉब खाली है, तो GM को आपकी ईमानदारी पसंद आ सकती है। कम से कम आपका नाम उनकी लिस्ट में रहेगा और आगे के लिए नेटवर्क बन जाएगा।”

और एक अनुभवी सज्जन ने बढ़िया सुझाव दिया – “सिर्फ ईमेल मत भेजिए, फोन करिए। फोन में इंसानियत झलकती है, और होटल के काम में यही सबसे जरूरी है।” सोचिए, जब आप होटल के फ्रंट डेस्क पर होंगे, तो आपके चेहरे की मुस्कान और नम्रता ही तो सबसे ज्यादा काम आएगी!

होटल की नौकरी: क्या आप तैयार हैं?

अब, एक पाठक ने जमीनी हकीकत भी बताई – “क्या आप 8 घंटे बिना ब्रेक के खड़े रह सकते हैं? क्या आप देर रात अकेले शिफ्ट करने के लिए तैयार हैं?” होटल में काम करना गुलाब का बाग़ नहीं है, यहाँ मेहनत और धैर्य दोनों चाहिए। तो अगर आप वाकई इस लाइन में जाना चाहते हैं, तो पूरी तैयारी के साथ जाएँ।

अंतिम विचार: कोशिश करें, लेकिन दिल से

तो भैया, अगर दिल से लगन है, तो GM को ईमानदारी से अपनी बात बताइए। अगर वो ना कहें, तो कोई बात नहीं – आगे और भी होटल हैं, और हर होटल की अपनी कहानी है। वैसे भी, “कोशिश करने वालों की हार नहीं होती”, ये तो आपने सुना ही होगा!

क्या आप कभी ऐसे किसी सिचुएशन में फँसे हैं? क्या आपने कभी किसी नौकरी के लिए दोबारा संपर्क किया है? अपने अनुभव कमेंट में ज़रूर लिखिए – किस्मत कब, कहाँ पलट जाए, कौन जाने!

धन्यवाद और शुभकामनाएँ – अगली बार जब होटल में चाय पीने जाएँ, तो फ्रंट डेस्क वाले की मुस्कान को जरूर नोट कीजिए, शायद वहीं कोई टीटू आपकी ही तरह अपनी किस्मत आज़मा रहा हो!


मूल रेडिट पोस्ट: Should I reach back out to a hotel GM after declining an offer twice?