होटल में टूटी टीवी और मेहमान की अजब-गजब हरकतें: 500 डॉलर की वसूली पर हंगामा
होटल की रिसेप्शन डेस्क पर काम करना कभी-कभी किसी टीवी सीरियल से कम नहीं होता। यहाँ हर दिन कोई नया ड्रामा, कोई नई कहानी सामने आ जाती है। आज मैं आपको एक ऐसी ही मजेदार और हैरान कर देने वाली घटना सुनाने जा रहा हूँ, जिसे सुनकर आप भी सोचेंगे – “अरे, ये तो हमारे यहाँ भी रोज़ होता है!”
मेहमान, टीवी और बच्चों का कमाल
ये घटना एक अमेरिकी होटल की है, मगर आपको लगेगा जैसे ये किसी अपने शहर के होटल की कहानी हो। हुआ यूँ कि एक महिला अपने तीन बच्चों के साथ होटल में ठहरी। अगली सुबह जब वो चेकआउट कर गई, तब होटल स्टाफ ने देखा कि कमरे की टीवी के बीचों-बीच एक बड़ी काली दरार आ गई है। तस्वीर तो आ रही थी, लेकिन उस दरार के कारण टीवी देखना नामुमकिन था।
अब भई, होटल में टीवी टूट जाए तो सिरदर्द तो होना ही है! होटल के नियम के मुताबिक, चूंकि गेस्ट के चेकइन के वक्त टीवी बिलकुल सही थी और शिकायत भी नहीं आई थी, तो नुकसान की भरपाई उसी से करनी थी। स्टाफ ने महिला के कार्ड से $500 काट लिए – आखिर होटल को नई टीवी खरीदनी थी और जब तक टीवी नहीं आती, कमरा भी नहीं बिक सकता।
"बच्चे तो बस डिस्नी देख रहे थे!"
यहाँ से शुरू हुआ असली तमाशा। जब महिला को चार्ज का पता चला, तो रात में होटल के नाइट ऑडिटर को फोन घुमा दिया – “मुझे पैसे वापस चाहिए, प्लीज़!” लेकिन ऑडिटर ने सीधा जवाब दिया, “मैम, मेरे पास रिफंड की अनुमति नहीं है।” अगली सुबह फिर से कॉल – इस बार भी वही जवाब मिला।
जब महिला ने देखा कि यहाँ बात नहीं बन रही, तो सीधे फॉर्मलिटी बढ़ा दी – “टीवी तो हाउसकीपिंग ने तोड़ी होगी! मेरे जाने से पहले सब ठीक था। आप लोग झूठ बोल रहे हैं।” होटल मैनेजर ने भी साफ कह दिया – “मैम, टीवी आपके कमरे में आपके जाने के बाद टूटी मिली, आपने शिकायत भी नहीं की, तो चार्ज सही है।”
यहाँ एक कमेंट करने वाले ने चुटकी ली – “लगता है बच्चों को टीवी पर डिस्नी चैनल छोड़कर खुद बाहर निकल गई थीं, टीवी ही बच्चों की ‘आया’ बन गई थी!” हमारे यहाँ भी कई बार माता-पिता बच्चों को मोबाइल या टीवी के हवाले छोड़ देते हैं – ‘बच्चा बिजी, मम्मी फ्री’ वाली बात!
होटल स्टाफ पर आरोपों की बौछार
महिला ने हार नहीं मानी – अब वो होटल के जनरल मैनेजर से बात करने की धमकी देने लगी। “मैं उपभोक्ता अधिकार संगठन में शिकायत करूंगी, बैंक से डिस्प्यूट करूँगी!” फिर अचानक कमरे में और भी कमियाँ गिनानी शुरू कर दीं – “चादरें नहीं थीं, बर्तन गंदे थे, दरवाजे बंद कर देते हैं...!” सोचिए, ठहरते वक्त तो कोई परेशानी नहीं बताई, अब जब चार्ज लगा तो सबकुछ गलत!
एक कमेंट में किसी ने बढ़िया लिखा – “ग्राहक को लगता है जैसे होटल स्टाफ ने जेब में पैसे रख लिए हों, जबकि सारा पैसा होटल में ही जाता है।” अक्सर हमारे यहाँ भी यही होता है – ग्राहक से गलती हो जाए, तो होटल या दुकानदार को ही दोष!
ऑनलाइन रिव्यू और सोशल मीडिया का कमाल
महिला ने एक कदम आगे बढ़ते हुए होटल के खिलाफ सोशल मीडिया पर खराब रिव्यू लिख डाला – “यहाँ के कर्मचारी बेईमान हैं, आपका पैसा हड़प सकते हैं, सभी सावधान रहें!” जैसे-जैसे सोशल मीडिया का ज़माना बढ़ा है, लोग छोटी-छोटी बातों पर भी ऑनलाइन शिकायत करना अपना अधिकार समझते हैं।
इसी पर एक कमेंट करने वाले ने मज़ाक में कहा – “अगर टीवी पर डिस्नी चैनल ही चल रहा था, तो मैं भी टीवी पर कुछ फेंक देता!” एक और ने लिखा – “आजकल होटल की टीवी इतनी महंगी क्यों होती है? 500 डॉलर में तो घर में दो टीवी आ जाएं!” इस पर किसी ने समझाया – “होटल की टीवी में खास चिप लगी होती है, जो चैनल सुरक्षा के लिए जरूरी है, इसलिए महंगी होती है।”
होटल की सख्ती और सबक
सबसे दिलचस्प बात ये रही कि होटल मैनेजर ने चार्ज वापस नहीं किया, चाहे महिला ने कितनी भी कोशिश की। एक कमेंट में किसी ने लिखा – “अगर मैनेजर चार्ज रिफंड कर देगा, तो फिर हर ग्राहक ऐसे ही करने लगेगा!” आखिर में खुद पोस्ट लिखने वाले ने अपडेट दिया – “सभी को खुशखबरी है, होटल ने पैसे वापस नहीं किए!”
यहाँ से एक सीधा संदेश मिलता है – चाहे ग्राहक कितना भी बड़ा हो, होटल को अपने नियमों और प्रतिष्ठा पर कायम रहना चाहिए। नहीं तो लोग बार-बार ऐसे बहाने बना सकते हैं।
निष्कर्ष: ग्राहक भगवान है, मगर सीमा में!
तो दोस्तों, ये थी होटल की वो कहानी, जिसमें एक टीवी के टूटने से लेकर ऑनलाइन ड्रामा तक सबकुछ देखने को मिला। भारत में भी हमें ऐसे कई अनुभव मिलते हैं – होटल हो या दुकान, ग्राहक कभी-कभी अपनी गलती मानने को तैयार ही नहीं होते। लेकिन होटल मैनेजर की तरह डटे रहना ज़रूरी है, तभी नियम-कानून और ईमानदारी कायम रह सकती है।
क्या आपके साथ भी कभी ऐसा किस्सा हुआ है? या आपने कभी किसी ग्राहक को होटल या दुकान में बहस करते देखा है? अपने अनुभव नीचे कमेंट में ज़रूर साझा करें। और हाँ, अगली बार होटल जाएं तो बच्चों को टीवी के हवाले छोड़ने से पहले दो बार सोच लें – वरना 500 डॉलर या 40,000 रुपये की चपत भी लग सकती है!
मूल रेडिट पोस्ट: another case of the terrible TVs