होटल में चेक-इन के बिना चेक-इन! ये किस्मत है या जुगाड़?
सोचिए रात के 10 बजे हैं, होटल की लॉबी में सन्नाटा है। रिसेप्शनिस्ट आराम से चाय की चुस्की ले रहा है कि अचानक एक साहब दरवाज़े से घुसते हैं। आते ही फोन पर ज़ोर-ज़ोर से किसी से झगड़ रहे हैं—वो भी स्पीकर पर! रिसेप्शन डेस्क तक पहुँचते ही बोल पड़ते हैं, “भैया, मेरा रिज़र्वेशन है, पर नाम याद नहीं आ रहा।”
भैया ने कंप्यूटर खोला, नाम ढूँढा, पर कुछ नहीं मिला। साहब बोले, “कहीं तो बुक किया था… शायद Alibaba पर?” अब यहाँ Alibaba सुनकर रिसेप्शनिस्ट की आँखें गोल! भारत में Zomato-Flipkart चल जाए, मगर Alibaba से होटल बुकिंग? फिर भी शालीनता दिखाते हुए समझाया गया कि Alibaba होटल बुक नहीं करता, मगर साहब तो मानो रामगढ़ के गब्बर हों—एक ही बात पर अड़े रहे।
होटल के नियम बनाम जुगाड़ का देसी अंदाज़
कहानी यहीं नहीं रुकी। अब साहब बोले, “ID नहीं है—एयरपोर्ट वाले ले गए।” क्रेडिट कार्ड? “कार में रखा है, आप तो सिस्टम से ही निकाल लो!” भाईसाहब, यहाँ तो आधार कार्ड भी भूल जाओ तो मम्मी पानी नहीं देतीं, और ये जनाब बिना ID-कार्ड, बिना क्रेडिट कार्ड घूम रहे हैं!
रिसेप्शनिस्ट ने विनम्रता से समझाया, “होटल में चेक-इन करने के लिए फिज़िकल ID और कार्ड दिखाना ज़रूरी है, भाईसाहब।” साहब गए और पाँच मिनट बाद मोबाइल पर किसी अजनबी Visa कार्ड की फोटो दिखाने लगे। रिसेप्शनिस्ट ने फिर भी नहीं मानी—फिज़िकल कार्ड चाहिए। साहब बोले, “आप लोग तो बहुत सिक्योरिटी-वाले हो!” अरे भाई, होटल है, किराये का धर्मशाला नहीं!
इंटरनेट वाले 'जुगाड़ू' और स्कैम की दुनिया
यहाँ Reddit पर भी कमेंट्स की बाढ़ आ गई। एक सज्जन ने लिखा, “ऐसे लोग महीने में कई बार आते हैं, लगते हैं जैसे बच्चा समझ बैठे हों कि होटलवाले बस कार्ड देखकर ही कमरा दे देंगे। दिल करता है कह दूं—‘अरे भोले भाले बालक, ये दुनिया इतनी मासूम नहीं!’”
एक दूसरे कमेंट में किसी ने कहा, “स्पीकर पर बोलने वाले लोग अक्सर सबसे ज़्यादा entitled होते हैं—मतलब उन्हें लगता है कि नियम सिर्फ औरों के लिए बने हैं।” सच ही तो है! हमारे यहाँ भी अक्सर देखेंगे, कोई VIP जैसा बर्ताव करता है और सोचता है कि उसके लिए सारे नियम ढीले हो जाएंगे।
होटल की सिक्योरिटी और देसी ग्राहक का ‘तू मुझे जानता नहीं’ वाला एटीट्यूड
एक मज़ेदार कमेंट में किसी ने लिखा, “कौन सा होटल है जहाँ बिना ID के चेक-इन हो जाता है? भाई, मुझे तो अपना नाम भी दो बार बताना पड़ता है!” एक और ने लिखा, “लोग सोचते हैं कि मुझे खुद पता है मैं कौन हूँ, तो सामने वाले को भी पता होना चाहिए। इसी सोच से तो हमारे देश में ‘Main Character Syndrome’ चलता है।”
एक और कमेंट में चुटकी ली गई—“कहीं ये साहब अपने दोस्त के भेजे हुए फर्जी कार्ड और ID के जरिए स्कैम तो नहीं कर रहे थे? होटल को अब चार्ज-बैक का खतरा रहेगा।” होटल के कर्मचारी भी यही कहते पाए गए कि बिज़नेस ट्रैवल के अलावा किसी भी हालत में ‘ऑथराइजेशन फॉर्म’ स्वीकार नहीं किया जाता। भई, धोखेबाज़ी के नए-नए तरीके हर दिन निकल आते हैं!
देसी होटल संस्कृति और मेहमान नवाज़ी
हमारे यहाँ तो होटल में चेक-इन के वक्त चाचा, ताऊ या बड़े भैया जैसे सवाल पूछ लिए जाते हैं—“कहाँ से आ रहे हो, शादी में आए हो या इंटरव्यू देने?” और अगर आपने ID नहीं दिखाई तो समझो, रिसेप्शनिस्ट ऐसे घूरता है जैसे पुलिस इंस्पेक्टर ने चोर को पकड़ लिया हो। सुरक्षा के ये नियम सिर्फ होटल के लिए नहीं, बल्कि सबकी सुरक्षा के लिए हैं। आजकल इतनी ठगी और स्कैम हो रही है कि बिना जांचे-परखे किसी को भी कमरा देना खतरे से खाली नहीं।
निष्कर्ष: नियम का पालन करें, होटल का भरोसा जीतें
तो पाठकों, अगली बार जब आप होटल जाएँ, तो अपने साथ ID और क्रेडिट कार्ड ज़रूर रखें। ऑनलाइन बुकिंग के चक्कर में Alibaba जैसी साइटों के नाम पर न जाएँ, जो असल में होटल बुकिंग करती ही नहीं! और सबसे ज़रूरी—रिसेप्शनिस्ट को अपना हीरो न समझें, वे भी वही कर रहे हैं जो उनकी नौकरी का हिस्सा है।
क्या आपके साथ भी कभी ऐसा मज़ेदार या अजीब किस्सा हुआ है होटल में? कमेंट में ज़रूर बताइएगा! और हाँ, अगली बार होटल जाने से पहले अपनी पहचान और बुकिंग कन्फर्मेशन तीन बार चेक कर लें, वरना कहीं आप भी ‘Alibaba के मेहमान’ बनकर न रह जाएँ!
मूल रेडिट पोस्ट: Can I check in without actually… checking in?