होटल में गुमनाम मेहमान और रहस्यमयी डिपॉजिट: एक अनसुलझी कहानी
कभी-कभी ऐसा लगता है, जैसे ज़िंदगी किसी पहेली से कम नहीं। होटल के रिसेप्शन पर रोज़ तरह-तरह के मेहमान आते हैं—कुछ बड़े सीधे-सादे, तो कुछ ऐसे कि आपको उनकी हरकतों पर यकीन ही न हो। लेकिन जिस घटना के बारे में आज आपसे बात कर रहा हूँ, वो तो जैसे किसी हॉलीवुड थ्रिलर से कम नहीं! सोचिए, कोई मेहमान होटल आए, कमरा बुक करे, पैसे और डिपॉजिट दोनों दे जाए, लेकिन अगले दिन उसका कमरा बिलकुल वैसा ही मिले—जैसे किसी ने इस्तेमाल ही न किया हो। और सबसे बड़ी बात—वो अपना डिपॉजिट भी नहीं ले गई!
अजीब कॉल और वर्चुअल क्रेडिट कार्ड का झंझट
शाम का वक्त था, रिसेप्शन की घंटी बजी। फोन पर एक महिला थी, जिसकी आवाज़ इतनी धीमी और अजीब थी कि सुनते ही माथा ठनक गया। उसने कहा, “मुझे आज रात के लिए कमरा चाहिए, पर मेरे पास सिर्फ वर्चुअल क्रेडिट कार्ड है, मैं कैश में पेमेंट करूंगी।”
अब भई, वर्चुअल क्रेडिट कार्ड का नाम तो सुना था, लेकिन असल जिंदगी में कभी किसी ने ऐसे होटल बुकिंग का दावा नहीं किया था। भारत में तो ज़्यादातर लोग कैश, UPI या डेबिट कार्ड पर ही भरोसा करते हैं। मैंने भी सीधा-सा जवाब दिया, “अगर आप कैश में पेमेंट करेंगी तो 200 डॉलर का डिपॉजिट देना पड़ेगा।”
महिला बोली, “क्या ये 100 डॉलर में नहीं हो सकता? ज़्यादा पैसे नहीं हैं।”
अब तो दिमाग में घंटी बज गई—कहीं कोई गड़बड़ तो नहीं? मैंने विनम्रता से कहा, “माफ कीजिए, शायद हमारा होटल आपके लिए सही नहीं है। धन्यवाद।”
लेकिन कहानी यहीं थोड़ी खत्म होने वाली थी!
रहस्यमयी महिला—आना, योगा और गायब हो जाना
कुछ देर बाद फिर कॉल आई—इस बार वही महिला, बोली, “अब पैसे मिल गए हैं, क्या आ सकती हूँ?”
मैंने कहा, “हाँ, कमरे खाली हैं, आप आ जाइए।”
थोड़ी देर में वो आई। उम्र कोई 20-30 के आस-पास, कपड़े वैसे जैसे कोई बैकपैकर भारत या नेपाल घूमने आया हो। आंखें कुछ खोई-खोई सी, और बोलने का अंदाज़ अब भी बहुत धीमा। उसने रजिस्ट्रेशन कार्ड साइन किया, कैश में कमरा और डिपॉजिट दोनों भर दिए।
रात को देखा, वो स्विमिंग पूल के पास योगा कर रही थी—वो भी पूरे कपड़ों में! कभी प्रार्थना करती दिखी, कभी ध्यान में मग्न। थोड़ी देर बाद उसे बाल गीले हुए बाहर जाते देखा, हाथ में वॉलीबॉल और बैग लिए। फिर एक बार और देखा—इस बार वो सीढ़ियों से होटल के दूसरे हिस्से में चली गई, जो उसके कमरे की तरफ नहीं जाता था।
इधर मैं किसी फोन कॉल में उलझा, उधर वो गायब। रात भर दोबारा नहीं दिखी।
कमरा वैसा का वैसा और डिपॉजिट रह गया
सुबह जब ड्यूटी पर आया तो सहकर्मी ने बताया—महिला ने न तो डिपॉजिट लिया, न ही कमरा इस्तेमाल किया! कमरा बिलकुल वैसा का वैसा, जैसे कोई आया ही न हो। अब सबके दिमाग में यही सवाल—आखिर माजरा क्या था?
यहाँ Reddit के कमेंट्स की दुनिया शुरू होती है। एक यूज़र ने लिखा, “कुछ लोगों की हरकतों को समझना ऐसा है, जैसे किसी रंग की खुशबू सूंघने की कोशिश करना।” (मतलब, जितना सोचो, उतना ही उलझोगे।)
दूसरे ने मज़ाकिया अंदाज़ में कहा, “अब तो होटल पर Netflix डॉक्युमेंट्री बनने वाली है!”
एक कमेंट में चिंता भी झलकती है—“अगर सच में महिला गायब हो गई है, तो पुलिस रिपोर्ट ज़रूर करनी चाहिए, वरना होटल की छवि पर असर पड़ेगा।”
चर्चा और अनुमान: नशा, मानसिक स्वास्थ्य या कुछ और?
कुछ लोगों ने अंदाज़ा लगाया—शायद महिला किसी नशे की हालत में थी, या मानसिक रूप से परेशान थी।
एक कमेंट में शक जताया गया—“कहीं किसी ने उसका फायदा तो नहीं उठाया?”
किसी ने लिखा, “शायद वो किसी से पीछा छुड़ाना चाहती थी, या फिर बस खुद को दुनिया से छुपाना चाहती थी।”
वर्चुअल क्रेडिट कार्ड पर भी चर्चा हुई—कई देशों में अब ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए वर्चुअल कार्ड आम बात है, जो एक बार इस्तेमाल के बाद एक्सपायर हो जाते हैं। भारत में ऐसे कार्ड अभी आम नहीं हैं, लेकिन पेटीएम, फोनपे जैसे वॉलेट्स का चलन कुछ-कुछ वैसा ही है।
किसी ने चिंता जताई—“पानी की टंकी तक चेक कीजिए!”
यहां एक दुखद किस्सा भी शेयर हुआ—एलिसा लैम नाम की एक महिला की कहानी, जो होटल की टंकी में मिली थी। इससे पता चलता है कि होटल इंडस्ट्री में कई बार ऐसी घटनाएँ हो जाती हैं, जिनका सिर-पैर ही समझ नहीं आता।
निष्कर्ष: होटल वाले भी इंसान हैं, जासूस नहीं!
कहानी का अंत आज भी एक रहस्य है। होटल वाले सिर खुजा रहे हैं—आखिर महिला का इरादा क्या था?
शायद वो किसी परेशानी में थी, शायद कोई और वजह थी।
पर एक बात पक्की है—होटल में काम करना सिर्फ कमरे बुक करने का ही नहीं, बल्कि लोगों के अजीब-गरीब मिजाज और कहानियों से दो-चार होने का भी नाम है!
अगर आप भी कभी होटल में जाएँ और कोई अजीब घटना देखें, तो याद रखिए—हर मेहमान के पीछे एक कहानी छुपी हो सकती है।
और हाँ, अगर आपके पास इस रहस्य का कोई सुराग हो, तो कमेंट में ज़रूर बताइए!
क्योंकि कभी-कभी होटल की जिंदगी, असल जिंदगी से भी ज्यादा फिल्मी होती है।
मूल रेडिट पोस्ट: The mysterious unclaimed deposit