होटल में गिफ्ट कार्ड वाली ठगी: 'बॉयफ्रेंड ने भेजा था!' का सच
जब भी हम पांच सितारा होटलों या किसी बढ़िया रिसॉर्ट में जाते हैं, तो वहाँ की चमक-दमक और व्यवस्थाओं में खो जाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि होटल के रिसेप्शन पर बैठे लोग किन-किन अजीबोगरीब चालबाजियों का सामना करते होंगे? आज की कहानी उन्हीं में से एक है—जहाँ एक महिला ने होटल को गिफ्ट सर्टिफिकेट के नाम पर ऐसी पटखनी देने की कोशिश की कि सुनकर आप भी कहेंगे, "वाह, क्या जुगाड़ है!"
होटल की चौकसी और गिफ्ट कार्ड का झोल
मान लीजिए आप होटल के रिसेप्शन पर हैं। तभी एक महिला आती है, अकेली ही, और आपके सबसे महंगे पैकेज पर दो रातों की बुकिंग करती है। साथ में गिफ्ट सर्टिफिकेट—पूरे $1500 (लगभग 1.25 लाख रुपये!) का। हर कोई सोचता—भई, किसी ने तो वाकई बड़ा गिफ्ट दिया है!
लेकिन होटल के कर्मचारी भी कम चालाक नहीं थे। उन्होंने महिला की आईडी मिलाई, क्रेडिट कार्ड मिलाया, और पूरे खर्च का पहले से ऑथराइजेशन ले लिया—यानि जितना खर्च बन सकता है, उतना पहले से ही कार्ड पर ब्लॉक कर दिया।
यहाँ एक कमेंट की याद आती है (u/MightyManorMan): "हम अक्सर गिफ्ट कार्ड को आखिरी में ही लगाते हैं, ताकि बीच में कोई गड़बड़ न हो।" बिल्कुल वही यहाँ भी हुआ।
ठगों के नए-नए हथकंडे: गिफ्ट सर्टिफिकेट से जालसाजी
पहली रात के बाद महिला का बिल $1500 से ऊपर जा चुका था, और होटल ने गिफ्ट सर्टिफिकेट लगा दिया। लेकिन, कुछ ही घंटे बाद एक नोटिफिकेशन—गिफ्ट सर्टिफिकेट ही फर्जी निकला! असल में, किसी चोर ने ऑनलाइन चोरी के कार्ड से गिफ्ट कार्ड खरीद लिया था। महिला ने होटल में वही दिखाया और मजे से ठहरने लगी।
यह तरीका विदेशों में आम है—फर्जी कार्ड से गिफ्ट कार्ड खरीदो, फिर उसे या तो खुद इस्तेमाल करो या दूसरों को बेच दो। भारत में भी, त्योहार के वक्त कई बार ऑनलाइन गिफ्ट वाउचर या कूपन स्कैम सुनने को मिलते हैं—"खरीदिए 5000 का गिफ्ट कार्ड सिर्फ 2500 में!" बाद में पता चलता है—सब फर्जी!
एक कमेंट (u/LokeCanada) में तो लिखा था, "यहाँ रेस्टोरेंट्स में अक्सर ऐसा होता है, पर किसी होटल में इतनी देर तक रुकना बेवकूफी है।" यानी, ठगों के भी अपने-अपने लेवल होते हैं!
'बॉयफ्रेंड ने भेजा था...' – बहानेबाजी की कला
जब होटल प्रबंधन ने महिला को पकड़ लिया और बताया कि गिफ्ट सर्टिफिकेट अमान्य है, तो उसने तुरन्त नया पत्ता फेंका—"मुझे तो मेरा बॉयफ्रेंड भेजा है, मैं क्या जानूं!" ज़रा सोचिए, भारत में जब पकड़ा जाता है कोई, तो कभी "भाई ने भेजा था", कभी "मम्मी के कहने पर किया", चाहे मोबाइल की चोरी हो या ऑनलाइन फ्रॉड। यहाँ भी वही बहाना!
एक मजेदार कमेंट (u/Necrotechxking) में लिखा था, "शायद सचमुच उसके बॉयफ्रेंड ने भेजा हो—'जाओ, बेबी, वीकेंड पर ऐश करो!'" लेकिन दूसरे कमेंट में कहा गया, "अगर वह वाकई मासूम होती, तो असली क्रेडिट कार्ड क्यों देती? असली ठग तो फर्जी कार्ड से ही काम चला लेते हैं।" सच है, ज्यादा होशियार ठग कब्जा जमाने नहीं देते।
होटल की सीख और सुरक्षा की भारतीय मिसाल
होटल वालों ने महिला को दो ही विकल्प दिए—या तो दूसरी रात का भुगतान तुरंत करो, या निकल जाओ। महिला ने जाना ही बेहतर समझा। "सीन क्यों नहीं बनाया?"—एक कमेंट में सवाल उठा। जवाब आया, "सीन बनाया तो पुलिस आ जाती, और फिर ठग की दाल नहीं गलती।" भारत में भी यही होता है—पकड़े जाने पर लोग चुपचाप निकल लेते हैं, ताकि मामला बढ़े नहीं।
एक और पहलू—कई होटल अब सिर्फ असली क्रेडिट कार्ड ही लेते हैं, डिजिटल गिफ्ट कार्ड या ऑनलाइन कूपन से बचते हैं। एक कमेंट (u/DianthaAJ) की बात बिलकुल सटीक लगी: "हमारे होटल में सिर्फ फिजिकल कार्ड ही मान्य हैं—इससे सब फर्जीवाड़ा तुरंत बंद!"
निष्कर्ष: टेक्नोलॉजी के ज़माने में होशियारी ज़रूरी
इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है? चाहे होटल हो, ऑनलाइन शॉपिंग हो या कोई और सेवा—जहाँ भी गिफ्ट कार्ड, कूपन या डिजिटल पेमेंट का चलन है, सतर्क रहना बहुत जरूरी है। होटल वालों ने जैसे सूझबूझ दिखाई, वैसे ही हमें भी ऑनलाइन ऑफर्स या गिफ्ट्स पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए।
तो अगली बार जब कोई कहे, "भाई, ये गिफ्ट कार्ड मेरे दोस्त ने भेजा है", थोड़ा ठहर जाइए, सोचिए... कहीं आप भी किसी 'बॉयफ्रेंड स्कैम' के शिकार तो नहीं हो रहे?
अगर आपके साथ भी कभी ऐसा कोई मजेदार या चौंकाने वाला अनुभव हुआ है, तो कमेंट में जरूर बताइए। क्या आपके ऑफिस, दुकान या घर में भी किसी ने ऐसी चालाकी दिखाई है? आपकी कहानी का इंतजार रहेगा!
मूल रेडिट पोस्ट: Another scamer