होटल में गाड़ी पार्क करनी है? नंबर प्लेट बताइए, झगड़ा नहीं!
क्या आपने कभी होटल में चेक-इन करते वक्त रिसेप्शन पर खड़े होकर सुना है – “सर/मैम, आपकी गाड़ी का नंबर प्लेट, मॉडल और रंग बता दीजिए”? और फिर अचानक आपके मन में आया हो, “भैया, इतनी जानकारी क्यों चाहिए, चोरी तो नहीं करनी!” अगर ऐसा हुआ है, तो आप अकेले नहीं हैं। पश्चिमी देशों के होटल स्टाफ की ये दास्तां सुनकर आपको लगेगा – हमारे यहां तो लोग कम से कम बहस में उस्ताद हैं, वहां तो गाड़ी का नंबर पूछो तो जैसे पैन कार्ड मांग लिया!
"गाड़ी का नंबर ही क्यों चाहिए भैया?" – सवालों के जवाब
जैसे हमारे यहां मोहल्ले की चौकीदार रात को डंडा बजाते हुए पूछता है, “कौन है भाई?”, वैसे ही होटल वाले आपकी गाड़ी की सुरक्षा के लिए नंबर प्लेट मांगते हैं। Reddit पर एक होटल कर्मचारी ने अपनी परेशानी साझा की – “हर बार जब मैं मेहमान से गाड़ी नंबर पूछता हूँ, तो मानो मैंने उनका आधार नंबर मांग लिया हो! क्या सच में इतनी परेशानी है?”
होटल वाले बस यही चाहते हैं कि अगर पार्किंग में कोई गाड़ी संदिग्ध दिखे, या किसी की गाड़ी से छेड़छाड़ हो जाए, तो तुरंत गाड़ी मालिक तक खबर पहुंच जाए। सोचिए, अगर आपकी गाड़ी के हेडलाइट जलते रह गए, या किसी ने आपकी गाड़ी गलत जगह खड़ी कर दी – तब रिसेप्शन वाले आपको फोन करके बता सकते हैं। वरना सुबह-सुबह निकलते वक्त 'सरप्राइज़' मिलेगा – या तो गाड़ी की बैटरी डाउन मिलेगी या गाड़ी ही गायब!
“मेरी गाड़ी तो सबसे अलग है!” – होटल स्टाफ की मुश्किलें
कई मेहमान ऐसे होते हैं, जो बड़े विश्वास के साथ कहते हैं – “भैया, बाहर जो सफेद रंग की SUV खड़ी है, वही मेरी है!” होटल वाले मुस्कुराकर सोचते हैं – “बाहर आठ सफेद SUV खड़ी हैं, कौन सी आपकी है?” ठीक वैसे ही जैसे हमारे यहां शादी-ब्याह के समय पंडित जी पूछते हैं – “कौन सा लड़का?” और सामने पांच लड़के एक जैसे कपड़ों में खड़े!
एक Reddit यूज़र ने मज़ाक में लिखा, “अगर लोग नंबर नहीं बताएंगे, तो सीधा कह दो – नंबर नहीं है तो गाड़ी टो हो जाएगी, फिर मत कहना!” एक ने तो गेम शो की स्टाइल में कहा, “आपकी गाड़ी को मिलता है इनाम – टो नहीं होने का मौका!” होटल स्टाफ भी आखिर इंसान हैं, रोज़-रोज़ की बहस से तंग आ जाते हैं।
“याद नहीं रहता नंबर!” – जुगाड़ और भारतीय टेक्नोलॉजी
सच पूछिए तो बहुत से लोग अपनी गाड़ी का नंबर याद ही नहीं रखते, खासकर अगर वो किराए पर ली गई गाड़ी हो। एक यूज़र ने सलाह दी, “गाड़ी लेते ही नंबर प्लेट की फोटो खींच लीजिए, मोबाइल में रखिए, जब भी जरूरत पड़े दिखा दीजिए।” एक और ने बताया – “अक्सर रेंटल कार की चाबी पर ही नंबर प्लेट लिखा रहता है, देख लीजिए।” हमारे यहां भी लोग जुगाड़ में उस्ताद हैं – शादी, जन्मदिन, सालगिरह सब कुछ मोबाइल में सेव रहता है, तो गाड़ी का नंबर क्यों नहीं?
एक कमेंट में किसी ने बताया कि उनकी माता-पिता की दो गाड़ियां हैं, खुद की नहीं है, इसलिए गाड़ी का नंबर याद न होने पर दो बार रिसेप्शन से बाहर जाकर देखना पड़ा, अब दोनों गाड़ियों की फोटो मोबाइल में रख लेते हैं। क्या बढ़िया तरीका है!
“गोपनीयता की चिंता” या “सुरक्षा का सवाल”?
कुछ लोग बहस करते हैं कि होटल को मेरा गाड़ी नंबर क्यों चाहिए? क्या ये मेरी निजता का उल्लंघन नहीं? लेकिन सच ये है कि गाड़ी का नंबर तो वैसे भी सड़क पर खुला घूमता है, कोई भी देख सकता है। होटल वाले तो सिर्फ आपकी सुरक्षा के लिए पूछ रहे हैं। हमारे यहां तो मोहल्ले की आंटी तक जानती हैं किसकी कौन सी गाड़ी है – कभी चाय पीते हुए बोल देंगी, “अरे शर्मा जी की नीली Alto आज दिखी नहीं!”
एक यूज़र ने बढ़िया तर्क दिया – “अगर रात में गाड़ी में चोरी हो जाए, या किसी ने गाड़ी को नुकसान पहुंचा दिया, तो होटल स्टाफ आपको तुरंत सूचित कर सकता है, वरना सुबह-सुबह बड़ा झटका लग सकता है।” एक और बोले – “अगर गाड़ी गलत पार्क हुई है, फायर लेन में है, तो टो हो जाएगी, होटल वाले कम से कम आपको बचा सकते हैं!”
“मेहमान, ज़रा सहयोग करिए!” – होटल वालों की फरियाद
आखिर में, होटल कर्मचारियों की भी तो कुछ जिम्मेदारी है। कई होटल वाले चेक-इन काउंटर पर तख्ती लगा देते हैं – “बिना नंबर प्लेट दर्ज किए गाड़ी टो हो सकती है!” फिर भी कुछ मेहमान बहस करने में लगे रहते हैं, “इतनी पूछताछ क्यों?” होटल स्टाफ का जवाब – “सर, हम तो आपकी भलाई के लिए पूछ रहे हैं, टो हो गई तो गुस्सा आप ही करेंगे!”
कई बार स्टाफ खुद बाहर जाकर गाड़ी का नंबर देख आते हैं, लेकिन इस आदत से मेहमान और भी लापरवाह हो जाते हैं। एक कमेंट में किसी ने सलाह दी – “भैया, हर बार खुद जाकर मत देखो, वरना लोग समझेंगे कि ये तुम्हारी जिम्मेदारी है, खुद भी नंबर याद रखें।”
निष्कर्ष: अगली बार होटल में जाएं, तो नंबर प्लेट याद रखिए!
तो अगली बार जब भी आप होटल में चेक-इन करने जाएं और रिसेप्शन वाला आपसे गाड़ी का नंबर मांगे, तो नाराज़ न हों। मोबाइल में फोटो रखिए, या नोट्स ऐप में सेव कर लीजिए। आखिर आपकी गाड़ी की सुरक्षा, आपकी सुविधा – दोनों में ही मदद मिलेगी। और हां, होटल स्टाफ से बहस करने की बजाय एक मुस्कान दीजिए – आखिर वो भी इंसान हैं, आपकी तरह!
आपका क्या अनुभव है? क्या कभी आपको इस वजह से परेशानी हुई है? नीचे कमेंट में जरूर बताइए, और अगर कोई मजेदार किस्सा हो, तो हमारे साथ शेयर कीजिए!
मूल रेडिट पोस्ट: Just Give Us The Plate Number