होटल में 'क्रैब' ग्राहक का ड्रामा: एक किंग बेड चाहिए, चाहे कुछ भी हो जाए!

मेहमान होटल चेक-इन पर किंग बिस्तर के दृश्य में अपने खोए हुए रिजर्वेशन पर निराश हैं।
एक वास्तविक दृश्य, जिसमें एक मेहमान की होटल में निराशा को दर्शाया गया है, यह दर्शाता है कि तनावमुक्त ठहराव के लिए सही किंग बिस्तर की सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है। जब रिजर्वेशन गलत हो जाता है, तो नाटकीयता को जानें!

होटल की रिसेप्शन डेस्क पर काम करना कभी-कभी ऐसे लगता है जैसे आप किसी पुरानी हिंदी फिल्म के कॉमेडी सीन में फँस गए हों। अलग-अलग किस्म के मेहमान, उनकी अजीबोगरीब फरमाइशें और हर बार कुछ नया ड्रामा! लेकिन आज जो किस्सा सुनाने जा रहा हूँ, वो तो कमाल ही था – एक ‘क्रैब’ (केकड़े जैसा चिड़चिड़ा) ग्राहक, जिसकी जिद थी: "बस, मुझे एक किंग साइज बेड वाला कमरा चाहिए, चाहे कुछ भी हो जाए!"

कहानी शुरु होती है एक ऐसे मेहमान से, जो होटल में देर शाम चेक-इन के लिए आया। मैं जब उसकी बुकिंग ढूंढ रहा था, तो कुछ गड़बड़ लगी। जनाब की बुकिंग अगले दिन के लिए थी! अब यहाँ से शुरू हुआ असली तमाशा। उनका कहना, “नहीं-नहीं, मैंने आज ही के लिए बुकिंग की है!” और फिर मोबाइल फोन मेरी आँखों के आगे लहरा दिया – जैसे मैं रात-रात भर बुकिंग की तारीखें पढ़ने का ट्रेनिंग लिए बैठा हूँ। मैंने बड़े प्यार से तारीख दिखा दी, तो भी मानने को तैयार नहीं! पाँच मिनट तक नाराजगी और तकरार के बाद आखिरकार उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ, लेकिन ‘हां, मेरी गलती थी’ कहना तो जैसे इज्जत कम हो जाने जैसा था।

अब साहब को आज रात रुकना था। किस्मत से हमारे पास उस रात के लिए केवल दो क्वीन बेड वाले कमरे बचे थे, जो हमारे यहाँ सबसे सस्ते होते हैं – एकदम ‘ऑफर वाली थाली’ की तरह। लेकिन जनाब को तो एक ही रट – “मुझे एक किंग बेड चाहिए!” मैंने समझाया कि किंग रूम सारे बुक्ड हैं, तो नाराजगी और बढ़ गई।

फिर उनके चेहरे के हाव-भाव देखिए – जैसे कोई बच्चा खिलौना छिन जाने पर मुँह फुला लेता है। मैंने मेम्बरशिप का डिस्काउंट भी दिया, ऑफर भी बताया, लेकिन “नहीं, मुझे सस्ता चाहिए, और किंग बेड चाहिए!” अब आप ही बताइए, ये तो वैसे ही हुआ जैसे शादी में मेहमान बोले – “मुझे गुलाब जामुन भी चाहिए, लेकिन चीनी कम हो!” होटल के बाकी ऑप्शन सुझाए, आस-पास के होटलों का नाम भी दिया, लेकिन आखिरकार उन्होंने दो क्वीन बेड वाला कमरा ले ही लिया – पर वो नाराजगी बरकरार!

फिर नया ट्विस्ट – “सुबह मुझे किंग बेड वाले कमरे में शिफ्ट होना है।” मैंने समझाया कि हाउसकीपिंग को वक्त लगेगा, दोपहर बाद ही कमरा मिलेगा। वो फिर भी जिद पर अड़े रहे कि “सुबह 8 बजे कमरा चाहिए!” अब आप ही सोचिए, कोई कैसे किसी और के कमरे को आधी रात में खाली करवा सकता है? ये तो वैसा ही है जैसे किसी की प्लेट से समोसा उठा लेना।

यहाँ पर एक मजेदार बात – Reddit पर एक कमेंट था कि “तीसरे पक्ष (थर्ड पार्टी) की वेबसाइट से बुकिंग करने वाले ग्राहकों को अक्सर लचीलापन नहीं मिलता।” बिलकुल सही! ये बात हमारे यहाँ भी सटीक बैठती है – सस्ते के चक्कर में लोग कन्फ्यूज हो जाते हैं, फिर होटल वालों पर गुस्सा निकालते हैं। एक और कमेंट ने बढ़िया कहा – “कभी-कभी ग्राहक इतने दिमाग लगाकर बुकिंग करते हैं कि खुद ही गड़बड़ कर बैठते हैं, फिर भी खुद को सबसे बड़ा ज्ञानी मानते हैं।”

मैंने उन्हें एक और खूबसूरत ऑफर दिया – अगर सात या उससे ज्यादा दिन रुकेंगे, तो और सस्ता रेट मिलेगा। दो क्वीन बेड वाले रूम में ही रहेंगे तो पैसे भी बचेंगे, ऊपर से बार-बार कमरे बदलने की झंझट भी नहीं। लेकिन नहीं! उन्हें तो अगले दिन किंग बेड चाहिए, चाहे उसमें पैसे ज्यादा क्यों न लग जाएं। यहाँ एक कमेंट ने मजेदार बात कही – “कुछ लोग सिर्फ पैसे नहीं बचाना चाहते, उन्हें वही चाहिए जो उन्होंने सोच रखा है, भले ही उसमें घाटा हो।”

एक और कमेंट में किसी ने लिखा, “मेहमान हमेशा सही नहीं होते, पर उनकी डिमांड तो जैसे भगवान की आज्ञा!” लेकिन होटल का नियम – जो उपलब्ध है, वही मिलेगा। वैसे भी, होटल की दुनिया में ‘समझौता’ ही सबसे बड़ा गुण है। एक और यूज़र ने लिखा – “भैया, लंबा सफर तय करके दिमाग सुन्न हो जाता है, इसलिए गड़बड़ भी हो जाती है, लेकिन कम से कम तहज़ीब से पेश आना चाहिए।”

खैर, मैंने नोट लिखकर अगली शिफ्ट को समझा दिया, और ग्राहक को दो क्वीन बेड वाले कमरे की चाबी थमा दी। जाते-जाते भी उन्होंने ऑनलाइन एक और बुकिंग कर डाली – इस बार किसी थर्ड पार्टी वेबसाइट से – और उस पर भी वही परेशानी! अब भाई, घोड़े को पानी तक ले जा सकते हैं, पीना उसकी मर्जी।

इस पूरे किस्से से एक सबक है – “क्रैब” यानी चिड़चिड़ा होकर चीज़ें नहीं मिलतीं; कभी-कभी लचीलापन और विनम्रता ज्यादा काम आती है। होटल में काम करना, मानो रोज़ नए-नए ड्रामे देखना हो – लेकिन हर बार कुछ सीखने को ज़रूर मिलता है।

आपका क्या अनुभव है? क्या कभी आपने भी ऐसी कोई होटल या यात्रा की कहानी झेली है? नीचे कमेंट में ज़रूर बताइए – और अगली बार होटल जाएँ, तो थोड़ा मुस्कुरा के जाइए… हो सकता है, फ्रंट डेस्क वाला भी आपकी मुस्कान देख खुश हो जाए!


मूल रेडिट पोस्ट: You just have to have a 1 king bed. A.K.A. You're spending more money by being a crab.