होटल में आए 'कब तक रुकेंगे?' मेहमान – रिसेप्शनिस्ट की सबसे बड़ी सिरदर्दी!
होटल व्यवसाय में काम करना अपने आप में किसी रोलर कोस्टर राइड से कम नहीं। सोचिए, जब दिवाली या दशहरे के वक्त किसी धार्मिक स्थल या टूरिस्ट स्पॉट के पास होटल पूरी तरह भरे हों, और उसी समय कोई परिवार अपनी मर्जी चलाने लगे – तो स्टाफ की क्या हालत होती होगी? आज हम आपको ऐसी ही एक घटना सुनाने जा रहे हैं, जिसने होटल के रिसेप्शनिस्ट का दिन तो खराब किया ही, साथ ही पाठकों को एक सीख भी दे गई कि 'अतिथि देवो भव' का मतलब हर बार सिर झुकाकर सहना नहीं होता।
अक्टूबर की आफत: जब होटल में पैर रखने की जगह नहीं
अक्टूबर का महीना वैसे ही होटल इंडस्ट्री के लिए सबसे व्यस्त होता है। पास ही का थीम पार्क अपनी आधी कमाई इसी महीने में कर लेता है, ऊपर से शहर की फेमस खेल टीम का मैच – यानी होटल में तिल रखने की भी जगह नहीं। ऐसे में स्टाफ के पास फुर्सत कहाँ! हमारे नायक रिसेप्शनिस्ट महोदय भी चार दिन ड्यूटी पर रहते हैं और होटल में ही रुकते हैं क्योंकि उन्हें गाड़ी चलाने की इजाजत नहीं।
इसी अफरा-तफरी में एक भारतीय परिवार ऑनलाइन ऐप से बुकिंग करता है और बिना किसी से बात किए सीधा कमरे में घुस जाता है। रजिस्ट्रेशन के हिसाब से उनकी बुकिंग एक ही रात के लिए थी। रिसेप्शनिस्ट ने सोचा, 'चलो, एक और बुकिंग निपटी।' लेकिन कहानी तो अब शुरू होती है!
मेहमानों की 'राजसी ठसक' और होटल स्टाफ की परेशानी
रविवार सुबह घर के मुखिया बड़े ठाठ से रिसेप्शन पर आए और बोले, "हम मंगलवार तक रुके हैं, कमरा बुक है!" रिसेप्शनिस्ट ने बड़ी ही विनम्रता से बताया, "आपकी बुकिंग तो आज तक ही है, और होटल में आगे दो दिन के लिए कोई कमरा भी खाली नहीं।" जनाब पत्नी के साथ ऐसे चले जैसे होटल उन्हीं का हो, बच्चे ऊपर कमरे में चले गए।
हाउसकीपर पूछ रही थी – पूरा कमरा साफ करूं या बस थोड़ा-बहुत? रिसेप्शनिस्ट ने मज़ाक में कहा, "लगता है बॉस को फोन करना पड़ेगा।" आखिरकार, बच्चों को कमरे से निकाल कर पूरा कमरा साफ कराया गया, तब तक माता-पिता न जाने कहां घूम रहे थे।
इसी बीच अफवाह उड़ गई कि रिसेप्शनिस्ट ने पुलिस बुलाने की धमकी दी है! अब भाई, ऐसी अफवाहें तो भारतीय परिवारों के बीच गली-मोहल्ले की तरह फैलती हैं। उधर, मैनेजर जी अपनी जादूगरी दिखा रहे थे कि कहीं ओवरबुकिंग में फँस न जाएं। आखिरकार, बॉस ने किसी और गेस्ट को 'वॉक' कर दिया (मतलब उन्हें दूसरी होटल में शिफ्ट कर दिया) और इस परिवार का कमरा बढ़ा दिया। अब दो रातों के लिए और ₹26,000 (320 डॉलर प्रति रात) का बिल बना।
'पुलिस बुला लेंगे' – हंगामे की वजह और कम्युनिटी की चटपटी टिप्पणियाँ
सोमवार सुबह नाश्ते के वक्त, जब रिसेप्शनिस्ट आम कपड़ों में था, मेहमानों की माता जी ने ताना कसते हुए पूछा, "अब कब ड्यूटी पर हो? और कितनों को पुलिस से धमकाओगे?" भाई, यहां तो स्टाफ खुद डर में जी रहा था! रिसेप्शनिस्ट सोच रहा था – अब तो सच में पुलिस बुला लूं क्या?
इधर, होटल की AGM (असिस्टेंट जनरल मैनेजर) ने बताया कि परिवार शिकायत कर रहा है कि उन्हें पुलिस की धमकी मिली। मज़े की बात, उनका जवाब इतना बेतुका था कि उसमें छेद ही छेद थे – जैसे स्विस चीज़ में होते हैं!
रेडिट पर इस पोस्ट पर जमकर चर्चा हुई। एक यूज़र ने लिखा, "क्यों बढ़ाया कमरे का समय? ऐसे लोगों को तो बढ़ावा मिल जाता है।" दूसरे ने कहा, "समस्या वाले मेहमानों को 'इनाम' देना होटल इंडस्ट्री की सबसे बड़ी गलती है।" खुद पोस्ट लेखक ने भी सिर पकड़ा – "मुझे भी समझ नहीं आया कि बॉस ने क्यों बढ़ाया!"
एक और मज़ेदार कमेंट था, "अगर आपने किसी को दूसरी होटल भेजा (वॉक किया), तो भी वे हमेशा नाराज़ रहते हैं।" एक अनुभवी व्यक्ति ने तो यहां तक कहा, "ऐसे लोग पहले ही जानते हैं कि बुकिंग एक ही रात की है, लेकिन फिर भी बहस करेंगे!"
नाम में क्या रखा है? जब जात-पात की उम्मीदें टूट गईं
इस पूरे हंगामे के बीच मेहमानों ने रिसेप्शनिस्ट से पूछा, "होटल का मालिक कौन है?" शायद उन्हें लगा कि कोई भारतीय नाम सुनने को मिलेगा, ताकि 'अपना बंदा' समझकर कोई रियायत मिल जाए। लेकिन रिसेप्शनिस्ट ने मज़ाक में सबसे गोरा नाम बता दिया। जवाब सुनकर उनका मुंह लटक गया – 'अपनों' की उम्मीद टूट गई!
रेडिट कम्युनिटी में भी किसी ने लिखा, "मैं हैरान हूँ कि उन्होंने नस्ल का मुद्दा नहीं उठाया!" खुद पोस्ट लेखक ने भी मज़ाक में कहा, "मैं भी यही सोच रहा था!"
निष्कर्ष: होटल में काम करना – कभी-कभी 'धैर्य की परीक्षा'
आखिरकार, रिसेप्शनिस्ट को मैनेजर और AGM दोनों ने भरोसा दिलाया कि इस मामले में उनपर कोई कार्रवाई नहीं होगी। होटल इंडस्ट्री में ऐसे 'राजसी ठसक वाले मेहमान' मिलना आम है, लेकिन हर बार झुकना सही नहीं। 'अतिथि देवो भव' का अर्थ ये नहीं कि नियम-कानून ताक पर रख दिए जाएँ।
अगर आप भी कभी होटल में रुके हैं या वहां काम किया है, तो ऐसे किस्से जरूर सुने होंगे! आपके साथ भी कुछ मज़ेदार या अजीब अनुभव हुए हों, तो नीचे कमेंट कर शेयर करें – मज़ा आएगा पढ़ने में!
आपको ये कहानी कैसी लगी? क्या आप ऐसे मेहमानों को 'रिवार्ड' देंगे या सख्ती से निपटेंगे? अपनी राय जरूर लिखें!
मूल रेडिट पोस्ट: The absolute worst nightmare guests