होटल के हॉट टब में मस्ती का हद से आगे बढ़ना – नहाने आए, नहला गए सबको!
भाई साहब, होटल में काम करना जितना आसान दिखता है, असलियत में उतना ही मजेदार (और कभी-कभी शर्मनाक) भी हो सकता है। सोचना – आप रिसेप्शन पर बैठे हैं, बाहर की चिलचिलाती धूप से दूर, ठंडक वाले कमरे में, और अचानक आपको ऐसे-ऐसे किस्से मिल जाते हैं कि लगता है, ये सब असली में हो रहा है या किसी टीवी सीरियल की शूटिंग चल रही है!
हॉट टब का असली इस्तेमाल – नहाना या कुछ और?
यह किस्सा एक ऐसे मोटेल का है जहाँ खास हॉट मिनरल टब्स (गर्म झरनों का आनंद) उपलब्ध हैं। लोग आते हैं, पैसे देते हैं और खुले दिल से नहाते हैं – जी हाँ, बिल्कुल हमारे पुराने बाथरूमों की तरह, बस थोड़ा लक्ज़री वाला माहौल। यहाँ आने वाले मेहमानों को लगता है कि टब रूम्स पत्थर के किले हैं – अंदर की आवाज़ बाहर नहीं जाती। लेकिन सच्चाई तो ये है कि दीवारें इतनी पतली हैं कि अगर कोई जोर से छींक दे, तो अगला आदमी 'अच्छू!' बोल देगा।
एक दिन दो महिलाएँ आईं, हँसती-मुस्कुराती, टब के लिए पैसे दिए और सबसे नज़दीकी रूम चुन लिया – मतलब रिसेप्शन के ठीक पास। रिसेप्शनिस्ट सोचा, "ठीक है, आराम से नहा लीजिए।" लेकिन पाँच मिनट हुए नहीं कि अंदर से ऐसी आवाज़ें आने लगीं कि जैसे कोई बॉलीवुड मूवी का रोमांटिक सीन चल रहा हो। 'आहें', 'थपथपाहट', पूरी महफ़िल सज गई! रिसेप्शनिस्ट के तो होश उड़ गए – "बहनों, मैं यहाँ दस फीट की दूरी पर बैठा हूँ, सब सुन रहा हूँ!"
'PG' का मतलब सिर्फ फिल्मों में नहीं होता, होटल में भी है!
अब आप सोच रहे होंगे, ऐसे में क्या किया जाए? रिसेप्शनिस्ट ने हिम्मत जुटाई, दरवाजे पर दस्तक दी – "मैडम, यहाँ थोड़ी शांति रखिए, होटल है, फिल्मी सेट नहीं!" दोनों महिलाएँ एकदम शांत, चेहरे लाल, और एकदम फुर्ती से बाहर आकर सीधे वॉशरूम की तरफ भागीं। ये वही शर्म है जो स्कूल में टीचर के पकड़ लेने पर होती है – सबके सामने पकड़े जाने का डर!
अब यहाँ सबसे मजेदार मोड़ आया – वॉशरूम में जाने से पहले सारा टॉयलेट पेपर और पेपर टॉवेल्स ठीक-ठाक भरे हुए थे। लेकिन जब वे निकलीं, सब गायब! यानी नहाने के साथ-साथ टॉयलेट पेपर की भी 'लूट' मचा दी!
साइन बोर्ड लगाओ या न लगाओ, लोग अपनी मर्ज़ी के मालिक!
इस घटना पर Reddit पर खूब चर्चा हुई। एक यूज़र ने सलाह दी – "साइन बोर्ड लगाओ कि दीवारें पतली हैं, PG व्यवहार जरूरी है।" लेकिन खुद होटल कर्मचारी (OP) ने जवाब दिया, "बोर्ड तो लगे हैं, लोग पढ़ते ही नहीं!" एक और मजेदार कमेंट आया – "लोग पढ़ते हैं, बस मानते नहीं हैं।" भाई, यही तो अपने देश में भी होता है – 'यहाँ थूकना मना है' बोर्ड के नीचे ही लोग पिचकारी मार जाते हैं!
एक यूज़र ने तो मज़ाक में कह दिया – "मिनरल टब है, इसका मतलब ये नहीं कि आप अपनी 'खनिज संपदा' भी बाहर निकाल दें!" ऐसे कमेंट्स पढ़कर तो दिल गार्डन-गार्डन हो गया! और एक साहब बोले – "टॉयलेट पेपर की चोरी, वैसे ही जैसे दफ्तर से पेन और पोस्ट-इट्स ले जाना – सस्ती चीज़ सही, लेकिन घर मुफ्त में पहुँचना चाहिए!"
होटल कर्मचारियों की मुसीबतें और हमारे समाज की आदतें
अब सोचिए, भारत में भी ऐसे किस्से आम हैं – शादी-ब्याह में लोग टिशू पेपर, चम्मच, यहाँ तक कि डेकोरेशन की चीज़ें तक उठा लेते हैं। होटल कर्मचारी बेचारे क्या करें? एक यूज़र ने लिखा – "आदमी कितना भी समझा ले, अगर किसी को अपनी करनी करनी है, तो वो करेगा ही।" एक और कमेंट – "अगर आप मेहमानों से अच्छे से बोलेंगे, तो कभी-कभी बात बन भी जाती है।"
हमारे समाज में भी यही होता है – 'अतिथि देवो भव' के चक्कर में होटल वाले अक्सर मेहमानों की शरारतें सह जाते हैं। लेकिन कुछ हरकतें तो हद पार कर जाती हैं – जैसे टब में नहाते-नहाते, होटल के नियमों को भुला देना और जाते-जाते पूरा वॉशरूम खाली कर देना!
निष्कर्ष – होटल में मस्ती सीमित रखो, शराफत भी कोई चीज़ है!
तो प्यारे पाठकों, अगली बार जब आप होटल जाएँ और हॉट टब का आनंद लें, तो याद रखें – होटल कोई फिल्मी सेट नहीं, न ही घर की छत। वहाँ और भी लोग हैं, कर्मचारियों की इज्जत भी है, और नियमों का पालन करना भी जरूरी है। और हाँ, टॉयलेट पेपर की किल्लत से बचना है, तो खुद का ले जाएँ – होटल वालों पर रहम करें!
क्या आपके साथ भी होटल या गेस्ट हाउस में कुछ ऐसा अजीब घटित हुआ है? नीचे कमेंट में शेयर करें, आपकी कहानी भी किसी दिन 'Tales from the Front Desk' बन सकती है!
मूल रेडिट पोस्ट: The tubs are for soaking, not stroking🤦🏼♀️