होटल का ‘सी ऑफ बट्स’ – जब हॉकी माता-पिता ने वर्कआउट रूम को बदल दिया चेंजिंग रूम में!
कभी-कभी होटल में काम करना वैसा ही होता है जैसे बंदर के हाथ में नारियल—कभी रोमांचक, कभी सिरदर्द, और कभी-कभी तो सीधे-सीधे आंखों का इम्तिहान! आज मैं आपको सुना रहा हूँ एक ऐसी ही कहानी, जहाँ हॉकी टूर्नामेंट ने एक छोटे से होटल को रणभूमि बना दिया और हमारे बेचारे रिसेप्शनिस्ट को मिला ‘सी ऑफ बट्स’ का नज़ारा, जिसे वे शायद ज़िंदगी भर भूल नहीं पाएंगे।
हॉकी टूर्नामेंट: होटल वालों की अग्निपरीक्षा
हर होटल कर्मचारी जानता है कि जब कभी किसी स्कूल या क्लब की टीम होटल में उतरती है, तब शांति की उम्मीद छोड़ दें। हॉकी टूर्नामेंट के दौरान तो जैसे माता-पिता और बच्चे दोनों छुट्टियों के मूड में आ जाते हैं। माता-पिता वर्कआउट रूम, पूल और पार्टी हॉल में अपने झुंड के साथ डेरा डालते हैं—ठीक वैसे ही जैसे हमारे यहाँ शादी-ब्याह में बारात चढ़ती है।
ये माता-पिता, जिनका ध्यान बच्चों की शरारतों की बजाय अपनी पुरानी किस्सागोई और कूलर की ठंडक में रहता है, धीरे-धीरे होटल के टेबल-कुर्सियों को अपनी जागीर समझने लगते हैं। होटल स्टाफ भी सोचता है, ‘चलो, एक कोना इनका, बाकी होटल हमारा।’ पर कभी-कभी ये ‘छूट’ बहुत महँगी पड़ जाती है।
जब सीसीटीवी कैमरे ने दिखाई ‘सी ऑफ बट्स’
हमारे कहानी के नायक, रिसेप्शनिस्ट साहब, अपने ऑफिस में बैठे कागजों में उलझे थे। अचानक उन्होंने सुरक्षा मॉनिटर की ओर देखा—और उनकी आँखें फटी की फटी रह गईं! वर्कआउट रूम का दृश्य किसी समुद्र की तरह फैला था—लेकिन ये समुद्र था ‘बट्स’ का, यानी पीठ की लाइन का। हॉकी टीम की पत्नियों ने वर्कआउट रूम को बदल दिया था चेंजिंग रूम में, और सब दीवार की ओर मुंह करके कपड़े बदल रही थीं। बेचारे रिसेप्शनिस्ट की मजबूरी, न चाहकर भी उन्हें ये नज़ारा देखना पड़ा।
उन्होंने माथा पकड़ा और सोचा, "अब तो घर जाना ही बेहतर है!" लेकिन जाते-जाते उन्होंने ‘नग्नता निषेध’ का नोटिस चिपका दिया, ठीक कैमरे के नीचे—उम्मीद थी कि अगली बार कोई कैमरे की नज़र में कपड़े ना बदले!
कमेंट सेक्शन: हास्य, सलाह और सहानुभूति
रेडिट पर इस किस्से को पढ़कर लोगों ने जमकर हंसी-मजाक किया। एक कमेंट करने वाले (u/NoVisual8264) ने लिखा, "तुम तो होटलों के मोसेस हो, जिसने बट्स के समुद्र को चीरकर ‘नग्नता निषेध’ का संदेश लगाया!" कुछ ने सलाह दी कि अगर रिसेप्शन पर PA सिस्टम होता तो, "सभी ध्यान दें, वर्कआउट रूम में नग्नता सख्त मना है," जैसे अनाउंसमेंट करके सबको चौंका देते।
एक और मज़ेदार सुझाव आया—"वर्कआउट रूम में आने से आप अपनी तस्वीर रिकॉर्ड करवाने की सहमति देते हैं। प्रिंट्स उपलब्ध हैं, पांच रुपए प्रति फोटो!"—सोचिए, अगर हमारे यहाँ ऐसा बोर्ड लग जाए, तो लोग अगले ही पल भाग खड़े हों!
किसी ने तो यहाँ तक कह दिया, "अगली बार जब ये झुंड दौड़ेगा, तो बार की ओर जाने वाली गली में जाम लग जाएगा, सब कुछ कुचलता हुआ!" और एक पाठक ने सहानुभूति जताई—"आपकी आँखों को मेरी ओर से सांत्वना, भाई!"
भारतीय संदर्भ: होटल, बारात, और थोड़ी सी शर्म
अगर यह घटना किसी छोटे शहर के होटल में होती, तो शायद अगली सुबह अखबार में हेडलाइन छपती—"हॉकी माता-पिता की मस्ती, होटल वर्कआउट रूम में बवाल!" हमारे यहाँ तो होटल स्टाफ ऐसे मामलों में बड़े जुगाड़ू होते हैं—एक सख्त मैनेजर तुरंत आकर बोल देता, "यहाँ चेंजिंग रूम नहीं है, आप प्लीज़ अपने कमरे में जाएँ।"
शायद कोई अंकल कमेंट करते, "हमारे ज़माने में तो जरा सी शर्म बाकी थी!" और किसी आंटी के चेहरे पर लाज की लाली आ जाती, जब पता चलता कि पूरे स्टाफ ने CCTV पर ‘सी ऑफ बट्स’ देख लिया है!
अंत में: होटल कर्मचारियों के लिए शुभकामनाएँ
हर होटल कर्मचारी को मेरा सलाम, जो ऐसी अजीबोगरीब परिस्थितियों में भी मुस्कराहट के साथ काम करता है। हॉकी टूर्नामेंट हों या बारात, होटल हमेशा किस्सों से भरा रहता है। अगर अगली बार आप किसी होटल में जाएँ, तो वर्कआउट रूम में कपड़े बदलने से पहले एक बार छत की ओर देख लें—क्या पता कोई कैमरा आपकी हरकतें रिकॉर्ड कर रहा हो!
आपके शहर में ऐसा कोई वाकया हुआ है? या कभी होटल में आपको कोई शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा हो? अपनी कहानी हमारे साथ ज़रूर साझा करें—क्योंकि हर किस्सा यहाँ मायने रखता है!
मूल रेडिट पोस्ट: I looked, and behold, a pale sea of butts.