होटल के रिसेप्शन पर आए तीन मेहमान, तीन रंग: कभी करेन, कभी कॉमेडियन, कभी शरीफ!
अगर आप कभी होटल के रिसेप्शन पर बैठे हों, तो समझ लीजिए, हर दिन एक नई फिल्म चलती है। कभी कोई मेहमान अपनी फरमाइशों की लिस्ट लेकर आता है, तो कोई अपनी मासूमियत से दिल जीत लेता है। और कभी-कभी तो ऐसा लगता है मानो सब किरदार एक ही दिन में देखने को मिल जाएँ! आज मैं आपको ऐसी ही एक दिलचस्प और मजेदार घटना सुनाने जा रहा हूँ, जिसे पढ़कर शायद आपकी भी हँसी छूट जाए।
होटल का रिसेप्शन: यहाँ हर मेहमान है एक अलग कहानी
होटल में काम करना कुछ-कुछ रेलवे स्टेशन पर खड़े रहने जैसा है—हर किस्म के लोग आते-जाते रहते हैं। उस दिन भी रिसेप्शन पर बैठा था, जब महज 15 मिनट में तीन अलग-अलग स्वभाव के मेहमानों से सामना हुआ।
पहले आए जनाब ‘मिस्टर करेन टाइप’—अब वैसे तो करेन शब्द पश्चिमी देशों में उन ग्राहकों के लिए चलता है, जो हर बात पर शिकायत करते रहते हैं, लेकिन यहाँ बात थोड़ी अलग थी। ये साहब अपने ऑफिस की बुकिंग पर कई महीने रुकने आए थे और ग्राउंड फ्लोर का कमरा माँगने लगे। चूंकि हमारे होटल में लिफ्ट नहीं थी और ग्राउंड फ्लोर के कमरे सब बुक थे, मैंने बड़ी विनम्रता से मना कर दिया। उन्होंने लंबी साँस ली, थोड़ा मुँह फुलाया, पर कोई बदतमीजी नहीं की—बस थोड़ी सी ‘करेन वाइब्स’ दे गए।
जैसे-तैसे उन्हें कमरा दे दिया, लेकिन पाँच मिनट भी नहीं हुए कि वापस आ धमके— “रूम का इंटरनेट स्लो है और टीवी में पट्टियाँ आ रही हैं। ऐसे वाइकिंग्स (Vikings) का मैच कैसे देखूँगा?” भाई, इतनी गंभीर समस्या! अब सोचिए, हमारे यहाँ तो टीवी-इंटरनेट की शिकायत आम बात है, पर इनकी चिंता जायज़ भी थी, क्योंकि महीनों रहना था।
शिकायत या हक़?—ग्राहक का अधिकार
यहाँ एक और दिलचस्प बात सामने आई—कई बार होटल वालों को लगता है कि बार-बार शिकायत करने वाला ग्राहक ‘करेन’ जैसा है, पर Reddit के एक सदस्य ने बहुत बढ़िया बात कही—“अगर टीवी, इंटरनेट जैसी बुनियादी सुविधाएँ नहीं मिलेंगी तो शिकायत करना बिलकुल जायज़ है। आजकल इंटरनेट तो उतना ही जरूरी है जितना नहाने के लिए पानी!”
एक और सदस्य ने लिखा, “होटल को तो ऐसे ग्राहकों का स्वागत करना चाहिए, जो समस्या बताकर सुधार का मौका देते हैं।” सोचना पड़ेगा, हमारे यहाँ भी जब कोई ग्राहक बार-बार शिकायत करे तो क्या हमें उसे ‘झगड़ालू’ समझना चाहिए या उसकी बातों को गंभीरता से लेना चाहिए?
मूल पोस्टर (OP) ने खुद भी माना कि उनकी कंपनी के मैनेजर को ये ग्राहक ‘करेन’ लगा, लेकिन सच कहें तो ये शिकायतें जायज थीं। एक सदस्य ने बड़े मजेदार तरीके से ऐसे लोगों के लिए ‘K-light’ शब्द सुझाया—यानी ‘हल्का-फुल्का करेन’!
अगला किरदार: तनाव में भी तहज़ीब, और फिर आई हँसी की बहार
पहले ग्राहक से निपट ही रहा था कि फोन आ गया—पिछले महीने एक सज्जन व्यक्ति को फैमिली इमरजेंसी के चलते तुरंत चेकआउट करना पड़ा था। अब उन्हें अपनी ट्रांजैक्शन की रसीद चाहिए थी, जिसमें चार्ज और रिवर्सल दोनों दिखें। वो थोड़े तनाव में थे, मगर बात की तो बड़ी तहज़ीब से—पूरी समझदारी से बात की, मेरी सीमाएँ समझी और एक बार भी बदतमीजी नहीं की। ऐसे ग्राहकों के लिए तो दिल से दुआ निकलती है!
अब आते हैं तीसरे मेहमान पर, जो थे उम्रदराज और बिल्कुल ठेठ किस्म के। फोन रखते ही सामने आकर बोले, “भैया, जरा एक रोल ‘पू-पू पेपर’ और मिल जाएगा क्या?” मेरे तो ठहाके छूट गए! वो बोले, “कुछ अलग तरीके से माँगना था, ताकि याद रह जाए।” सच में, ऐसे मज़ेदार लोग ही तो दिन की थकान उतार देते हैं।
‘पू-पू पेपर’ पर हंसी का तड़का: देसी और विदेशी अंदाज़
अब ‘पू-पू पेपर’ यानी टॉयलेट पेपर की फरमाइश भी क्या खूब थी! Reddit पर एक सदस्य ने लिखा, “भाई, ये शब्द तो मैं भी किसी दिन इस्तेमाल करूंगा।” दूसरे ने कहा, “हमारे यहाँ लोग टॉयलेट पेपर माँगने में शर्माते हैं, पर ये तो बिंदास पूछ गए!” किसी ने तो मजाक में ‘शिट टिकट्स’ और ‘तुरद टिकट्स’ जैसे नाम सुझा दिए।
एक ब्रिटिश सदस्य ने चुटकी ली, “ये वही है न, जो हम ‘बॉग रोल’ या ‘आर्स वाइप’ कहते हैं?” देखिए, टॉयलेट पेपर के इतने नाम हो सकते हैं—जैसे हमारे यहाँ रुमाल, गमछा, या लोटा के लिए अलग-अलग इलाके में अलग शब्द चलन में हैं!
निष्कर्ष: होटल में हर मेहमान है एक नई कहानी
तो दोस्तों, होटल का रिसेप्शन हो या जीवन का कोई और रंगमंच, हर दिन नए किरदार, नए अनुभव और नई हँसी लेकर आता है। कोई शिकायत करता है, कोई मदद चाहता है, कोई हँसी बाँटता है—हर कोई अपनी जगह सही है।
तो अगली बार जब आप कहीं ठहरें और कोई दिक्कत हो, तो झिझकें नहीं—शिकायत करें, पर तहज़ीब के साथ! और कभी-कभी, थोड़ा मज़ाक भी कर लें—क्या पता, आपके ‘पू-पू पेपर’ वाले अंदाज़ से किसी का दिन बन जाए!
अगर आपके पास भी ऐसी कोई मज़ेदार या अजीब होटल की घटना है, तो नीचे कमेंट में ज़रूर साझा करें। कौन जाने, अगली कहानी आपकी हो!
मूल रेडिट पोस्ट: Multiple guest personalities