होटल के बिल पर 'गुप्त चार्ज' की गुत्थी: क्यों हर कोई प्री-ऑथराइज़ेशन से परेशान है?
अगर आपको कभी होटल में रुकना पड़ा हो, तो शायद आपने भी एक बार अपने बिल पर कोई अनजानी रकम देखकर माथा खुजाया होगा – 'ये कौन सा चार्ज है?' और फिर शुरू होती है रिसेप्शन पर सवालों की बौछार – "ये पैसे कटे क्यों?", "मेरा पैसा वापस कब आएगा?", "आप लोग सबको ऐसे ही ठगते हैं क्या?"
सच कहूं तो, होटल के फ्रंट डेस्क पर काम करने वालों के लिए ये रोज़ का किस्सा है। Reddit की चर्चित पोस्ट ‘What’s this charge on my bill???’ में एक होटल कर्मचारी ने अपना दर्द साझा किया – और विश्वास मानिए, जितनी बार उन्होंने ‘ये प्री-ऑथराइज़ेशन है, 5-7 दिन में पैसा वापस मिल जाएगा’ बोला है, उतनी बार शायद उन्होंने अपनी चाय भी नहीं पी होगी!
होटल के 'इंसीडेंटल होल्ड' का क्या है चक्कर?
भारत में हम आमतौर पर होटल में चेक-इन करते वक्त कुछ एडवांस या सिक्योरिटी डिपॉजिट देने के आदी हैं। लेकिन अमेरिका-यूरोप में Credit Card से बुकिंग के समय 'प्री-ऑथराइज़ेशन' या 'इंसीडेंटल होल्ड' नाम की एक तकनीकी चीज़ होती है। मतलब, होटल आपके कार्ड से एक तय रकम (₹2000, ₹5000 या और ज्यादा) 'हो़ल्ड' कर लेता है – जैसे घर में कोई चाभी गिरवी रख लेता है कि भैया, अगर आप कमरे में कोई नुकसान करेंगे तो यहीं से पैसे काट लेंगे!
मजेदार बात ये है कि ये रकम असल में होटल के पास जाती नहीं, बस आपके कार्ड की लिमिट से कट जाती है। यानी, पैसा आपके बैंक में ही रहता है, लेकिन आप उसे खर्च नहीं कर सकते। जैसे माँ ने जेब से ₹500 निकालकर तिजोरी में रख दिए – घर में ही हैं, पर आपकी पहुंच से दूर!
मेहमानों की गलतफहमियां और होटल स्टाफ की मुश्किलें
अब होता ये है कि ज्यादातर मेहमान, चाहे कितने भी 'सीजन ट्रैवलर' हों, इस तकनीकी खेल को समझ नहीं पाते। Reddit पर एक कमेंट में किसी ने कहा, "लोग ‘क्रेडिट कार्ड’ जैसे दो शब्द ही नहीं समझ पाते, आप छह अक्षर वाले ‘प्री-ऑथराइज़ेशन’ की बात कर रहे हो!" होटल कर्मचारी का दर्द देखिए – "हर बार समझाते-समझाते आँखों में आँसू आ जाते हैं, पर मैनेजर बोलता है – प्रोफेशनल भाषा में ही बताना!"
कई मेहमान तो बहस पर उतर आते हैं – "नहीं! मेरा पैसा कट गया है! मैं खर्च नहीं कर सकता मतलब कट गया!" ऐसी स्थिति में कोई कर्मचारी मन ही मन सोचता है – 'दोस्त, इसी को तो hold कहते हैं, हम पैसा होल्ड में डाल देते हैं!' कई बार तो लोग फोन पर चिल्ला-चिल्लाकर कहते हैं – "आपने मेरी मर्जी के बिना कार्ड चला दिया, मैं केस कर दूंगी!"
क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और भारतीय संदर्भ
अब इंडिया में ज्यादातर लोग डेबिट कार्ड ही इस्तेमाल करते हैं और क्रेडिट कार्ड को थोड़ा 'कर्ज' या 'ऋण' जैसा मानते हैं। लेकिन होटल वालों का कहना है कि डेबिट कार्ड पर होल्ड लगने से असली पैसा कुछ दिनों तक फंसा रह जाता है – जिससे मेहमान परेशान होते हैं। क्रेडिट कार्ड पर यह केवल लिमिट से कटता है, असली खर्च नहीं। एक कमेंट में किसी ने लिखा, "क्रेडिट कार्ड पर तो बस लिमिट कम होती है, असली पैसा नहीं जाता। डेबिट कार्ड पर असली बैलेंस से पैसा कट जाता है!"
कई बार मेहमान कहते हैं, "आप लोग ठग हैं! किसी और होटल में ये चार्ज नहीं लगा था!" होटल वाले मुस्कराते हुए सोचते हैं – "भैया, मैं रोज़ होटल में काम करता हूँ, मुझे बेवकूफी के नए-नए रूप रोज़ देखने को मिलते हैं!"
समाधान: संवाद, सादगी और थोड़ी समझदारी
कुछ अनुभवी होटल कर्मचारियों ने कमेंट किया – "इंसीडेंटल या प्री-ऑथराइज़ेशन जैसे शब्द मत बोलो, सीधे-सीधे 'सिक्योरिटी डिपॉजिट' कह दो, सबको समझ में आ जाएगा।" एक और सुझाव आया – "होटल को अपनी वेबसाइट पर साफ-साफ पॉलिसी लिखनी चाहिए, ताकि मेहमानों को पहले से जानकारी हो।"
वैसे, भारत में भी पेट्रोल पंप पर कई बार ₹2000-₹3000 का होल्ड लगा दिया जाता है, भले आपने ₹500 का पेट्रोल भरवाया हो। बैंक 2-7 दिन बाद पैसा वापस दे देता है। यही सिस्टम होटल में चलता है, बस ज्यादातर लोग ध्यान नहीं देते।
एक मजेदार कमेंट में किसी ने लिखा – "मेरे होटल ट्रेनर ने कहा था – मेहमान दो काम नहीं करते: #1 पढ़ना, #2 सुनना।" यही हाल दुनिया भर के होटल का है!
निष्कर्ष: अगली बार होटल में जाएं तो...
तो अगली बार जब आप होटल में चेक-इन करें और रिसेप्शन वाला बोले कि 'सर/मैडम, आपके कार्ड पर एक छोटा सा होल्ड लगेगा, 5-7 दिन में अपने आप हट जाएगा', तो मुस्कराइए, सिर हिलाइए और अपने पैसे की फिक्र न कीजिए। होटल वाले ठग नहीं हैं, न ही बैंक वाले दुश्मन – बस ये सिस्टम सबकी सुरक्षा के लिए है।
क्या आपके साथ कभी ऐसा अनुभव हुआ है? क्या आपको भी कभी 'गुप्त चार्ज' ने परेशान किया? या आप खुद होटल इंडस्ट्री में हैं और रोज़ ऐसे सवाल झेलते हैं? अपने किस्से नीचे कॉमेंट में जरूर साझा करें – शायद अगली बार आपकी कहानी भी चर्चा में आ जाए!
धन्यवाद, और अगली बार होटल में 'होल्ड' से डरे नहीं – समझदारी से मुस्कराइए!
मूल रेडिट पोस्ट: “What’s this charge on my bill???”