होटल के बाथरूम में हुई ऐसी 'महासंकट' कि स्टाफ भी रह गया हैरान!
भैया, आप कभी होटल में रात की ड्यूटी कर चुके हैं? नहीं? तो आप सच मानिए, होटल की रातें उतनी शांत और आरामदायक नहीं होतीं, जितनी फिल्मों में दिखती हैं। यहाँ तो कभी-कभी ऐसी घटनाएँ हो जाती हैं कि दिल दहल जाए और पेट में हँसी के मरोड़ भी आ जाए! आज हम आपको सुनाएँगे एक ऐसी ‘शौचालय कथा’ जो Reddit पर वायरल हो गई और जिसे पढ़कर भारतीय दिमाग भी कहेगा – “भगवान बचाओ!”
तो जनाब, किस्सा कुछ यूँ है कि एक होटल के फ्रंट डेस्क पर रात की शिफ्ट में एक कर्मचारी (हमारे कहानी के नायक) बैठे थे। रात शांत थी, जैसे दिल्ली की सर्दियों में आधी रात को सड़कों पर सन्नाटा छा जाता है। तभी एक मेहमान बड़े आराम से आए, हल्की मुस्कान के साथ हेलो किया और सीधा लॉबी के पुरुष शौचालय की ओर निकल लिए। ऐसा लगता है जैसे अपने घर में ही घूम रहे हों।
करीब आधा मिनट बीता होगा कि वही मेहमान वापस आते हैं और बड़े गंभीर अंदाज में स्टाफ से कहते हैं, “भैया, अंदर कोई आदमी शौचालय में गजब का गंद फैला रहा है।” स्टाफ पूछते हैं, “कैसी गंदगी? थोड़ा विस्तार में बताइए।” मन ही मन प्रार्थना कर रहे थे कि बस, ज्यादा बुरा न हो। मेहमान बोले, “भैया, उसने फर्श और सीट दोनों पर ही… मतलब, समझ जाइए ना! और ऊपर से वो खुद ही सफाई करने की कोशिश कर रहा था, पर हालात और बिगड़ते जा रहे थे।”
अब तो स्टाफ का माथा ठनक गया – मामला बड़ा गंभीर है!
उन्होंने मेहमान से पूछा, “क्या पक्का होटल का ही गेस्ट है? कहीं बाहर का आदमी तो नहीं घुस आया?” मेहमान बोले, “अरे नहीं भैया, उसे कई बार ब्रेकफास्ट में लिफ्ट में देखा है।” धन्यवाद कहकर स्टाफ साहब ने सोचा – चलो, भगवान का नाम लेकर जाँच करते हैं।
साहब, जैसे ही वे शौचालय के पास पहुँचे, तभी एक और मेहमान (यानी असली ‘कांड’ करने वाले) बड़ी तेजी से निकलते हुए सामने से गुजर गए, और उनके पीछे ऐसी ‘खुशबू’ छोड़ गए कि गली के कुत्ते भी नाक दबा लें! स्टाफ ने तो अंदर जाने से पहले क्रॉस का चिन्ह बना लिया – जैसे कोई भूतिया हवेली में घुस रहा हो।
दरवाजा खोला, और पहली ही झलक में समझ आ गया कि आज की रात ‘महासंकट’ से कम नहीं! बाथरूम का हाल ऐसा जैसे किसी बॉलीवुड हॉरर कॉमेडी में – फर्श, सीट, ड्रेन… सब पर ‘माहौल’ बना हुआ। Reddit के एक कमेंटेटर ने Eddie Murphy की फिल्म Daddy Daycare का जिक्र किया – भाई, वही सीन जैसे दोहर गया हो। स्टाफ ने बिना अंदर गए, बाहर से ही “नहीं भैया, ये मुझसे न हो पाएगा!” कहकर दरवाजे पर ‘Out of Order’ का बोर्ड टांग दिया और शौचालय बंद कर दिया।
अब सोचिए, सुबह जब हाउसकीपिंग वाले भाई को ये हाल पता चला, तो उसकी तो भृकुटि तन गई! उसने बताया कि असल में अंदर का हाल और भी ज्यादा भयानक था, यानि ‘धोबी पछाड़’ वाली स्थिति। इस पर एक Reddit यूजर ने चुटकी ली – “ऐसे हालात देखकर तो लगता है जैसे किसी ने अपनी पीठ को दीवार की तरफ करके ‘तोप’ चला दी हो!” एक और कमेंट ने तो हद कर दी – “ये लोग बाथरूम में ऐसा कैसे कर देते हैं! क्या दीवार, क्या छत – सब पर छाप छोड़ जाते हैं!”
भारतीय दफ्तरों में अक्सर सफाईकर्मी सुबह-सुबह शिकायत करते हैं – “साहब, रात को कौन था जिसने बाथरूम का हाल बेहाल कर दिया?” कभी-कभी तो लगता है जैसे कोई ‘शौच-विस्फोट’ कर के गया हो। Reddit पर भी कईयों ने अपनी-अपनी ‘भयानक’ और मजेदार घटनाएँ साझा कीं। किसी ने लिखा, “मैंने भी एक बार गैस स्टेशन के बाथरूम में ऐसा मंजर देखा था कि खुद को संभालना मुश्किल हो गया!” किसी ने बताया कि पब्लिक टॉयलेट्स में ये सब देखना आम है, लेकिन होटल में – वो भी इतना भयानक – वाकई काबिले-गौर है।
एक यूजर ने बड़ा दिलचस्प किस्सा सुनाया: “मेरे साथ भी ऐसा हुआ था जब milkshake पीकर पेट खराब हुआ और आधी रात को बिस्तर पर ही सब फैल गया। सुबह सफाई वाले के लिए पर्ची छोड़नी पड़ी – ‘टेंशन मत करना, ये चॉकलेट है!’” अब बताइए, शर्मिंदगी भी और हास्य भी!
कुछ लोगों ने यह भी कहा कि ऐसे हालात में स्टाफ को बायो-हैजार्ड अलाउंस मिलना चाहिए। एक ने लिखा – “भैया, जितना भी पगार मिले, ऐसी सफाई के लिए तो हजम नहीं होता।” वहीं, एक अन्य ने सुझाव दिया – “ऐसे मेहमानों की पहचान होनी चाहिए, और होटल के रिवॉर्ड प्रोग्राम में केस दर्ज कर उनकी रोकथाम करनी चाहिए।”
हास्य, हैरानी और थोड़ी-सी सहानुभूति – इन सब भावनाओं से भरी इस Reddit चर्चा ने यह बात साफ कर दी कि होटल का काम सिर्फ मुस्कान और मेहमाननवाजी तक सीमित नहीं है। असली ‘मजा’ तो रात की शिफ्ट में है, जब ‘audit’ यानी दिन की हिसाब-किताब के साथ-साथ ‘शौचालय महासंकट’ जैसी चुनौतियाँ भी सामने आ जाती हैं। (वैसे, पश्चिमी देशों में ‘audit’ का मतलब होता है होटल का रात का हिसाब-किताब, पर हमारे यहाँ तो रात का काम अलग ही लेवल का होता है!)
अंत में, इस पूरे किस्से से बस यही सीख मिलती है – होटल स्टाफ की जिंदगी आसान नहीं। अगली बार होटल जाएँ, तो बाथरूम साफ रखें; और अगर कभी ऐसी ‘आपातकालीन’ स्थिति आ भी जाए, तो कम से कम स्टाफ को बता दें, ताकि वे समय पर सुलझा सकें। आखिर, इनकी मेहनत से ही तो हमारा सफर सुखद रहता है। और हाँ, Reddit कम्युनिटी की तरह हँसी-मजाक में लेना न भूलें – क्योंकि “शौचालय की कहानियाँ” कहीं न कहीं सबके पास होती हैं!
अब आप भी बताइए – आपके साथ या आपके जानने वाले के साथ कभी ऐसा कुछ हुआ है? कमेंट में जरूर साझा करें, और अगर ये कहानी पढ़कर हँसी आई हो तो दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें। होटल स्टाफ को सलाम, और पाठकों को हँसी का सलाम!
मूल रेडिट पोस्ट: WTF!?! Like Seriously... What the Actual Fuck!?!