होटल के नए बॉस की पहली मीटिंग और ‘माँ’ का कमाल: एक मैनेजर की जद्दोजहद
क्या आपने कभी सोचा है कि ऑफिस या होटल में जब कोई नया बॉस बन जाता है तो उसकी जिंदगी कितनी उलट-पुलट हो सकती है? सोचिए, आप एकदम से अपने आरामदेह केबिन से निकलकर सबके बॉस बन जाएं, और फिर आपके सामने आ जाएं पुराने स्टाफ की सारी नखरेबाजी! आज की कहानी कुछ ऐसी ही है, जब होटल के नए डाइरेक्टर ऑफ सेल्स और असिस्टेंट जनरल मैनेजर (AGM) ने पहली बार कर्मचारियों की मीटिंग बुलाई – और उन्हें मिला ऐसा तजुर्बा, जिसे वो कभी भूल नहीं सकते।
बॉस बनने की नई-नई खुशी और वो पुरानी परेशानियां
हमारे नायक, जिन्हें हम यहाँ ‘अंगेला’ कहेंगे (हालांकि ये उनका असली नाम नहीं), अभी कुछ ही महीनों पहले होटल के डाइरेक्टर ऑफ सेल्स और साथ में असिस्टेंट जनरल मैनेजर बने हैं। पहले तो उन्हें यही अच्छा लगता था कि वे किसी के बॉस नहीं हैं, अपना काम चुपचाप ऑफिस में बैठकर कर सकते हैं। पर किस्मत को ये मंजूर नहीं था! पुराने जनरल मैनेजर (GM) साहिबा इतनी थक गई थीं कि कई बार नौकरी छोड़ने की धमकी तक दे डाली। ऐसे में अंगेला ने जिम्मेदारी बांटने के लिए शटल ड्राइवर्स का विभाग खुद संभाल लिया।
लेकिन साहब, असली झंझट तो तब शुरू हुई जब पता चला कि फ्रंट डेस्क के कर्मचारी उन्हें मैनेजर मानने को तैयार ही नहीं! सोचिए, अपने नाम के विजिटिंग कार्ड और ऑफिस के बावजूद लोग ये मानें कि आप ‘बॉस’ नहीं हैं! पर GM और होटल के मालिक ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया और अंगेला को ‘AGM’ घोषित कर दिया – वो भी तंज में!
मीटिंग का माहौल: ‘डर’ की जगह ‘डोनट्स’ और पॉवरपॉइंट
अब आई AGM बनने के बाद पहली परीक्षा – फ्रंट डेस्क स्टाफ की अनिवार्य मीटिंग। भारत में अक्सर ऐसा माना जाता है कि बॉस की मीटिंग मतलब ‘आज किसकी शामत आई?’ लेकिन अंगेला ने माहौल बदलने की ठानी। उन्होंने हैंडबुक अपडेट की, दिलचस्प पॉवरपॉइंट बनाई, और मीटिंग के लिए डोनट्स भी मंगवा लिए – ताकि मीटिंग में मिठास बनी रहे!
सभी को हफ्ता भर पहले नोटिस मिला, व्हाट्सएप पर रिमाइंडर गए, और मीटिंग के लिए पैसे भी देने का वादा किया गया था। जी हाँ, भारत में भी बहुत जगह अब मीटिंग का समय पे किया जाता है, खासकर अगर स्टाफ अपनी छुट्टी या ऑफ-डे में आए।
लेकिन, जैसा कि आमतौर पर होता है, गड़बड़ वहीं होनी थी जहाँ least expected थी! एक एजेंट – मान लीजिए उसका नाम ‘पोर्टिया’ था – मीटिंग के दिन सीधा राज्य से बाहर चली गईं। और मज़ेदार बात ये रही कि उनकी माँ होटल में चाय पीने चली आईं, मगर बेटी नदारद!
कर्मचारियों की हरकतें और कम्युनिटी की राय: ‘माँ’ का मीटिंग में आना कैसा?
रेडिट पर कहानी पढ़ने वालों को सबसे ज्यादा मज़ा इस बात में आया कि पोर्टिया खुद तो गायब, पर उनकी माँ होटल में टहल रही थीं! एक टिप्पणीकार ने चुटकी लेते हुए कहा, "लगता है पोर्टिया ने अपनी माँ को मीटिंग अटेंड करने भेज दिया!" जरा सोचिए, भारत में अगर कोई कर्मचारी अपनी माँ को ऑफिस मीटिंग में भेज दे, तो बॉस के क्या तेवर होंगे!
एक और पाठक ने सवाल उठाया – क्या कर्मचारियों को मीटिंग का पेमेंट मिलता है? जवाब था – हाँ, सबको पूरा पेमेंट मिलता है। कुछ लोग बोले, "भई, हमें तो पैसे चाहिए, छुट्टी बाद में देखेंगे!" (काफी भारतीय सोच, है ना?)
कुछ अनुभवी लोगों ने सलाह दी कि अगर मीटिंग का नोटिस पहले ही दे दिया गया है और कोई बिना बताए गायब है, तो लिखित चेतावनी देना जरूरी है। एक साहब ने कहा, "काम की जिम्मेदारी याद रखना कर्मचारी का काम है, बॉस का नहीं।"
मीटिंग का असर और सीख: ‘बॉस’ बनना कोई बच्चों का खेल नहीं
अंगेला ने मीटिंग कैंसिल नहीं की, ताकि जो लोग अपनी छुट्टी में भी आए, उनके साथ नाइंसाफी न हो। एक पाठक ने लिखा, "जो समय पर आए, उनका सम्मान करना चाहिए।"
लेकिन असली चुनौती थी – पोर्टिया को पहली बार लिखित चेतावनी देना। ऑफिस की दुनिया में दोस्ती और अनुशासन का संतुलन साधना बड़ा मुश्किल काम है। जैसा कि एक अनुभवी पाठक ने लिखा, "बॉस का काम है सही दिशा दिखाना, न कि सबको खुश रखना।"
कुछ लोगों ने ये भी कहा कि मीटिंग्स कम रखनी चाहिए, वरना स्टाफ में नाराजगी बढ़ सकती है। विकल्प के तौर पर त्योहारों पर छोटी-छोटी ‘ऑप्ट-इन’ मीटिंग्स या व्यक्तिगत बातचीत ज्यादा असरदार होती है – जैसे भारत में अक्सर चाय की टेबल पर फैसले लिए जाते हैं!
निष्कर्ष: ऑफिस की राजनीति और ‘माँ’ के आने का जादू!
होटल हो या कोई भारतीय दफ्तर, इंसानी स्वभाव, नखरे और राजनीति हर जगह एक जैसी चलती है। अंगेला की कहानी हमें याद दिलाती है कि बॉस बनने का असली मतलब है – जिम्मेदारी, धैर्य और सही फैसले लेना। और हाँ, कभी-कभी आपको ऐसी अजीबोगरीब सिचुएशन भी झेलनी पड़ सकती है, जब कर्मचारी की जगह उसकी माँ मीटिंग में घूमती दिख जाए!
तो आप क्या सोचते हैं – अगर आपके ऑफिस में ऐसा हो जाए, तो आप क्या करते? क्या कभी आपको भी मीटिंग्स या ऑफिस राजनीति में ऐसी कोई फनी या अजीब घटना का सामना करना पड़ा है? कमेंट में जरूर बताएं, और ऐसी ही और कहानियों के लिए जुड़े रहें!
मूल रेडिट पोस्ट: Well F*** Me I Guess