होटल का 'डेली रेट' पूछने की जिद – रिसेप्शन पर रोज़ की जद्दोजहद की दिलचस्प कहानी
होटल में रिसेप्शन डेस्क पर काम करना, सुनने में जितना आसान लगता है, असल में उतना ही रोचक और चुनौतीपूर्ण है। हर दिन कोई न कोई नया सवाल, कोई न कोई अनोखा मेहमान – और इन सबमें सबसे पॉपुलर सवाल, “आपका डेली रेट क्या है?” वैसे तो ये बड़ा सीधा-सादा सवाल लगता है, लेकिन इसके जवाब में जितनी गुत्थियां हैं, उतनी तो शायद टीवी सीरियल में भी नहीं होतीं!
'डेली रेट' का रहस्य – हर रात नई कहानी
हमारे देश में भी, शादी-ब्याह या यात्रा के दौरान होटल में ठहरना आम बात है। लेकिन जब कोई मेहमान फोन पर पूछता है, “भैया, एक रात का क्या रेट है?”, तो रिसेप्शनिस्ट की सांसें थोड़ी थम जाती हैं। दरअसल, होटल के रेट किसी सब्ज़ी मंडी की तरह बदलते रहते हैं – आज आलू सस्ता, कल महंगा! कभी कोई बड़ा इवेंट, कभी त्योहार, कभी अचानक भीड़ – रेट्स का सीधा कनेक्शन मांग और सप्लाई से है।
रेडिट की एक चर्चित पोस्ट में मैरिलिन-ऑड्री नामक रिसेप्शनिस्ट ने बताया कि कैसे हर दिन उन्हें यही सवाल सुनना पड़ता है, और कैसे हर बार जवाब वही होता है – “हमारे रेट्स हर रोज़ बदलते रहते हैं, आज का रेट इतना है, कल का इतना।” अब भला इसमें रिसेप्शन डेस्क वाला क्या करे? लेकिन मेहमानों को लगता है कि होटल में कोई गुप्त ‘डेली रेट’ की किताब छुपी है, बस उन्हें बताने से इंकार किया जा रहा है!
ग्राहक की जिद – “मुझे तो वही चाहिए जो कल था!”
कई बार मेहमान फोन या सामने आकर ऐसे सवाल करते हैं, जैसे सब्ज़ी मंडी में मोलभाव कर रहे हों – “अगर दो रात ठहरूं तो सस्ता पड़ेगा न? कल का रेट महंगा क्यों है? वही रेट क्यों नहीं दे सकते?” एक बार तो एक महिला ने रिसेप्शनिस्ट पर गुस्से में एक के बाद एक झाड़ लगा दी, “मुझे डेली रेट चाहिए, बस!” रिसेप्शनिस्ट ने समझाने की लाख कोशिश की – “मैडम, अगर लंबे समय के लिए बुक करें तो एक फिक्स रेट लग सकता है, वरना हर दिन अलग-अलग रेट होता है।” लेकिन जवाब में मिली बस झल्लाहट – “मैं तो ऑनलाइन ही बुक कर लूंगी!” अब भला रिसेप्शनिस्ट भी क्या करे, मुस्कुरा के फोन रख लेता है!
यह किस्सा पढ़कर एक कमेंट में किसी ने लिखा, “लगता है ये सवाल तो अब सपनों में भी पीछा नहीं छोड़ता!” एक और ने मज़ाक में लिखा, “अगर कोई बहुत जिद करे तो सीधा 'रैक रेट' बोल दो – सुनते ही चुप हो जाएंगे!” (रैक रेट यानी होटल का सबसे ऊंचा, ऑफिशियल रेट, जो अक्सर कभी लगाया ही नहीं जाता!)
ऑनलाइन बुकिंग की उलझन – सस्ता, मगर सिरदर्द?
आजकल हर कोई मोबाइल पर होटल ढूंढता है – कभी MakeMyTrip, कभी OYO, कभी किसी और साइट पर। कई मेहमान पूछते हैं, “ऑनलाइन तो सस्ता दिख रहा है, वही दे दो!” रिसेप्शनिस्ट कहता है, “सर/मैडम, वो रेट उसी साइट से बुक करना होगा, हम मिलान नहीं कर सकते।” एक कमेंट ने बहुत बढ़िया कहा, “ऑनलाइन सस्ता मिल सकता है, लेकिन फिर अगर कुछ बदलवाना पड़े तो होटल सीधे मदद नहीं कर पाएगा – फिर वही वेबसाइट के कस्टमर केयर के चक्कर काटने पड़ेंगे।”
एक और कमेंट में किसी ने बड़ी गहरी बात कही, “होटल के रेट्स किसी 70 के दशक की गाइडबुक जैसे फिक्स नहीं रहते – अब तो सब कंप्यूटर और डिमांड पर चलता है। कभी-कभी तो खुद रिसेप्शनिस्ट को भी हर रोज़ रेट देखना पड़ता है!”
भारतीय नजरिए से – होटल बुकिंग का नया जमाना
हमारे यहां अक्सर लोग सोचते हैं कि होटल का रेट सबके लिए फिक्स होता है – जैसे रेलवे का टिकट। लेकिन असल में होटल इंडस्ट्री अब इतनी बदल गई है कि हर दिन, हर वक्त, हर प्लेटफॉर्म पर रेट अलग हो सकते हैं। त्योहारों के सीजन में, या जब आसपास शादी या कोई बड़ा इवेंट हो, तो रेट अचानक आसमान छू सकते हैं। कई होटल तो 'डेलिगेशन रेट', 'कॉर्पोरेट रेट' या 'लॉन्ग टर्म रेट' जैसी चीजें भी रखते हैं, लेकिन वो भी पूरी तरह सिचुएशन पर निर्भर करते हैं।
एक और मज़ेदार कमेंट में किसी ने कहा, “अगर कोई बार-बार डेली रेट पूछे, तो पूछ लो – 'आपका मतलब क्या है? एक रात का, दो रात का, या महीने का?' कई बार लोगों को खुद नहीं पता कि वो क्या पूछ रहे हैं!”
आखिर में – होटल रिसेप्शन की दुनिया उतनी आसान नहीं!
रिसेप्शनिस्ट की ये जॉब बाहर से बड़ी आसान लगती है, लेकिन रोज़-रोज़ नए सवाल, जिद्दी मेहमान, बदलते रेट्स और ऑनलाइन की उलझनों में उलझना आसान नहीं। फिर भी, कई रिसेप्शनिस्ट इसे दिल से करते हैं – मुस्कुराकर, पेशेंस से, और कभी-कभी हंसी में उड़ा कर! जैसा कि एक कमेंट में किसी ने लिखा, “सही व्यवहार से रिसेप्शन पर जादू हो सकता है – कभी-कभी तो फ्री अपग्रेड भी मिल जाता है!”
तो अगली बार जब आप होटल बुक करें, तो रिसेप्शनिस्ट से ज़रा इज्जत से बात करें, थोड़ा समझें कि रेट्स क्यों बदलते हैं। और हां, अगर ऑनलाइन सस्ता दिख रहा हो – वहाँ बुक कर लें, लेकिन फिर उसी साइट से बदलाव करवाने की तैयारी रखें!
आपका क्या अनुभव है?
क्या आपके साथ भी कभी होटल के रेट्स को लेकर कंफ्यूजन हुआ है? या किसी रिसेप्शनिस्ट से मज़ेदार बातचीत हुई हो? नीचे कमेंट में जरूर बताइए – किस्सा शेयर कीजिए, हम सब पढ़ना चाहेंगे!
मूल रेडिट पोस्ट: 'What's your daily rate?'