होटल की 'ओवरबुकिंग' की चाल: मेहमान को रात में सड़क पर छोड़ना कितना जायज़?
अगर आप कभी लंबी यात्रा के बाद होटल पहुँचें और रिसेप्शन पर आपको यह सुनने को मिले कि "माफ़ कीजिए, आज हमारे पास कमरे नहीं हैं", तो आपका पारा सातवें आसमान पर पहुँच जाएगा। सोचिए, आप टोक्यो से उड़ान भरकर आए हों, टैक्सी से थके-हारे होटल पहुँचे और वहाँ आपको कह दिया जाए कि आपकी गारंटीड बुकिंग होते हुए भी कमरे फुल हैं! ऐसी ही एक मज़ेदार और झकझोर देने वाली कहानी Reddit पर वायरल हुई, जिसने होटल इंडस्ट्री के काले सच को सामने ला दिया।
ओवरबुकिंग: होटल्स की जुगाड़ या जाल?
हमारे देश में ट्रेन की वेटिंग लिस्ट और बसों में ठूँस-ठूँसकर बैठने का कॉन्सेप्ट तो आम है, लेकिन होटल्स में भी ओवरबुकिंग होती है, यह जानकर कई लोग हैरान हो जाते हैं। Reddit की इस कहानी में एक नया मैनेजर, जिसने हर रात होटल के सारे कमरे ‘बिक’ जाएँ, इसकी जिद ठान ली थी। होटल में दो तरह की बुकिंग होती थी – “6pm होल्ड” जिसमें ग्राहक 6 बजे तक नहीं आया तो बुकिंग अपने आप कैंसिल, और “गैरंटीड रिज़र्वेशन” जिसमें क्रेडिट कार्ड से पैसा कटा रहता है और होटल को कमरा रोके रखना पड़ता है।
लेकिन मैनेजर साहिबा को ‘नो-शो’ ग्राहकों से पैसा काटना अच्छा नहीं लगता था। उनकी चालाकी – जितने कमरे हैं, उससे ज्यादा बुकिंग्स कर लो! सोच ये थी कि कोई तो फ्लाइट मिस करेगा, कोई बीमार पड़ जाएगा, कोई आखिरी मिनट पर आना कैंसिल कर देगा। पर अफसोस! जब रात के 10 बजे थके-हारे विदेशी मेहमान पहुँचे तो रिसेप्शन वाला बेचारा क्या करे? ‘साहब, कमरा तो था – पर अब नहीं है!’
इस हालात को होटल इंडस्ट्री में ‘गेस्ट को वॉक करना’ कहते हैं – यानी मेहमान को दूसरे होटल में भेजना। अब रात के सन्नाटे में, नया होटल ढूँढो, वहाँ पहुँचो – सोचिए कैसी हालत होती होगी!
मेहमान का गुस्सा और स्टाफ की मजबूरी
समाज में अक्सर ऐसा होता है कि जो पॉलिसी बनाता है, उसे कभी नतीजे भुगतने नहीं पड़ते। जैसा कि एक कमेंट में किसी ने लिखा, “जो माली बगिया में कांटे बोए, वही काटे भी तो!” यहाँ भी मैनेजर साहिबा कभी रात को रिसेप्शन पर नहीं थी। गुस्सा, शर्मिंदगी और परेशानी हमेशा नाइट शिफ्ट वाले कर्मचारी के हिस्से आई।
एक यूज़र ने मज़ेदार अंदाज़ में लिखा – “मैनेजर को मेहमानों की शिकायत के लिए सीधा नंबर दे दो! देखो फिर कैसे भागता है पसीना।” एक और कमेंट था – “कंपनी को तो बस कमरे भरने से मतलब है, ग्राहक का भरोसा गया तेल लेने।”
कई लोगों ने यह भी कहा कि होटल्स थोड़ा बहुत ओवरबुकिंग तो करते हैं, लेकिन अगर हर रात 100% कमरे भरे हों, तो मुश्किल पक्की है। एक अनुभवी कर्मचारी ने सलाह दी कि होटल को ‘डमी’ बुकिंग्स रखनी चाहिए, ताकि ओवरबुकिंग की हालत में थोड़ा बफर रहे। मगर दिक्कत यह है कि अगर मालिक को पता लग जाए तो नौकरी भी जा सकती है!
ओवरबुकिंग के फ़ायदे या नुकसान?
कुछ बड़े होटल्स में ओवरबुकिंग सिस्टम के ज़रिए चलती है। जैसे, अगर पिछले महीने हर रात औसतन 2 लोग नहीं आए, तो सिस्टम खुद-ब-खुद 2 कमरे ज़्यादा बेच देगा। लेकिन कई बार ये ‘अंदाज़ा’ गलत साबित होता है। एक जीएम ने कमेंट में लिखा – “हर बार जब आप किसी मेहमान को वॉक करते हो, क्या पता वह आपके होटल का सबसे बड़ा ग्राहक बन सकता था! एक बार हमारे प्रतिस्पर्धी होटल से आए मेहमान ने हमारे यहाँ लाखों का बिज़नेस ट्रांसफर कर दिया।”
एक और कमेंट में किसी ने एयरलाइंस की ओवरबुकिंग से तुलना की – “कम से कम फ्लाइट वाले तो आपको कहीं न कहीं ज़रूर पहुँचा देते हैं, होटल वाले तो बस मुँह फेर लेते हैं।”
ग्राहक का नजरिया: भरोसा और गुस्सा
सबसे ज्यादा खफा तो ग्राहक ही होते हैं। एक ग्राहक ने लिखा – “अगर होटल ने मेरी गारंटीड बुकिंग के बाद भी कमरा ना दिया, तो मैं वहाँ कभी वापस नहीं जाऊँगा। इतनी लंबी यात्रा के बाद किसी को ये सुनना पड़े कि ‘सॉरी सर, कोई कमरा खाली नहीं है’, सुनकर आग लग जाती है।”
कईयों ने सुझाव दिया कि अगर ऐसी घटना हो, तो होटल को खुद ही पास के अच्छे होटल में कमरा बुक करना चाहिए, ट्रांसपोर्ट और डिफरेंस पेमेंट भी देना चाहिए। कई जगहों पर यह नियम भी है। लेकिन छोटे शहरों या कम नेटवर्क वाले होटल्स में ये सुविधा मिलना मुश्किल है।
एक और कहानी में किसी को अपनी शादी की रात ‘वॉक’ कर दिया गया – सोचिए, परिवार में कितने सालों तक किस्से बनते होंगे!
आख़िर में: होटल बुकिंग – भरोसा और इंसानियत का मामला
इस पूरे किस्से से एक बात तो साफ है – चाहे होटल हो या कोई और सेवा, भरोसा सबसे बड़ा धन है। अगर होटल ओवरबुकिंग करके ग्राहक को परेशान करता है, तो आज ना सही कल उसका नाम खराब होना तय है। जैसा कि Reddit पर OP ने भी बताया – “हमारे होटल की ओवरबुकिंग की वजह से आसपास नए-बड़े होटल खुल गए और हमारा होटल बंद हो गया। यह सबक है – लालच में किया गया जुगाड़, दूर तक नहीं चलता।”
आपका क्या अनुभव रहा है? क्या कभी आपको भी ऐसे किसी होटल में परेशानी हुई है? या आप खुद होटल इंडस्ट्री में काम करते हैं? अपनी राय और किस्से कमेंट में जरूर शेयर करें – क्योंकि हमारी अगली चाय की चर्चा शायद आपके अनुभव पर ही हो!
मूल रेडिट पोस्ट: The airlines overbook so why can’t we?