होटल के आलसी सुरक्षा गार्ड: रात की शिफ्ट में नींद, जिम और गड़बड़ियां!
रात का समय, होटल की गलियाँ शांत, रिसेप्शन डेस्क पर हल्का-सा ऊंघता माहौल और सुरक्षा की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर है, वही गार्ड या तो जिम में पसीना बहा रहे हैं या गहरी नींद में हैं! सोचिए, अगर आग का अलार्म बजे तो कौन दौड़ेगा? ऐसी ही दिलचस्प और थोड़ी परेशान करने वाली कहानी है एक प्रसिद्ध होटल चैन के मैनेजर (FOM) की, जिन्होंने Reddit पर अपना दर्द बयां किया।
होटल की रात: जिम्मेदारी की चादर, नींद की तकिया
हमारे देश में अक्सर "सरकारी दफ्तर की सुस्ती" पर चुटकुले चलते हैं, पर यहां तो मामला प्राइवेट होटल का है। FOM साहब ने बताया कि उनके होटल में रात की शिफ्ट के दौरान सुरक्षा गार्ड हर जरूरी कॉल, अलार्म या किसी तरह की गड़बड़ी पर रेस्पॉन्ड करने के बजाय खुद को गायब कर लेते हैं। रेडियो पर आवाज़ दो, तो कानों में रूई ठूंसी सी लगती है। इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट वाले बेचारे, जो असल में मशीनों और बिजली के लिए रखे गए हैं, वो ही दौड़-धूप करते रहते हैं।
अब, सच्चाई तो ये है कि होटल में रात को सुरक्षा गार्डों का होना अपने-आप में लग्ज़री माना जाता है। कई जगह तो एक ही आदमी रात भर सब कुछ संभालता है, जैसे हमारे देश की ट्रेन में टीटीई—हर डिब्बे में दिखना जरूरी, फिर भी अक्सर नदारद!
जिम में वर्कआउट, ड्यूटी पर आउट!
क्या आपने कभी अपने ऑफिस के गार्ड को वर्दी उतारकर जिम में वर्कआउट करते देखा है? इस होटल के FOM ने कैमरे में यही पकड़ा! गार्ड साहब वर्दी छोड़, जिम में डम्बल उठा रहे हैं, जैसे ड्यूटी का कोई टेंशन ही न हो। कमाल तो ये कि ऊपर से इतना आत्मविश्वास कि मैनेजर को आंखें दिखा देते हैं—"अगर आपने हम पर उंगली उठाई, तो हम भी आपकी पुराने कारनामे सबको बता देंगे!"
अरे भई, ये तो वही बात हुई—"आम के आम, गुठलियों के दाम!" ऑफिस की राजनीति का ऐसा खेल, जिसमें हर कोई एक-दूसरे की कमज़ोरी पकड़ कर बैठा है। Reddit के एक पाठक ने बढ़िया कहा—"अगर आप खुद दूध के धुले नहीं हैं, तो दूसरों की शिकायत करके खुद को ही फंसा लेंगे।"
'चुप रहो या टकराओ?'—अजीब दुविधा
अब FOM साहब के सामने सवाल खड़ा हो गया—क्या करें? शिकायत करें तो खुद की भी पोल खुल सकती है, नज़रअंदाज़ करें तो रात भर गार्डों को ढूंढते रहें। कुछ लोगों ने मज़ाक में लिखा, "ये सब तो Netflix की अगली सीरीज़ में दिखना चाहिए!" तो एक जनाब बोले, "ऐसे दफ्तर में तो सब एक-दूसरे की चुप्पी बिकवाते हैं—'तू मेरी पोल न खोल, मैं तेरी नहीं खोलूंगा।'"
एक अनुभवी Reddit कमेंटेटर ने चार रास्ते सुझाए—साफ कह दो, नजरअंदाज कर दो, समझौता कर लो या नौकरी बदल लो। लेकिन यहां तो हर रास्ता सांप-सीढ़ी जैसा: कहीं से भी फिसल सकते हो!
'कर्म का फल' और दफ्तर की राजनीति
हमारे देश में कहा जाता है—"जैसी करनी, वैसी भरनी!" FOM साहब ने खुद कबूला कि उनके भी कुछ पुराने गुनाह हैं, जिनका राज़ अगर खुल गया तो नौकरी गई समझो। ऐसे में गार्ड भी उन्हें धमकी दे सकते हैं—"अगर हमें निकाला, तो आपकी भी खबर ले लेंगे।" बस, यही दफ्तर की राजनीति है—हर किसी के पास एक-दूसरे की चिट्ठी है!
कुछ पाठकों ने सलाह दी, "अगर आपको अपनी नौकरी प्यारी है तो या तो खुद सुधार लाइए, या चुपचाप सब बर्दाश्त करिए; वरना नया ठिकाना ढूंढिए।" एक साहब ने तो यहां तक कह दिया—"अगर आप अपनी गलतियां छुपाने के लिए दूसरों की गलतियों पर चुप्पी साधे हुए हैं, तो ये आपकी भी जिम्मेदारी है!"
क्या आप भी ऐसी मुश्किल में हैं?
हम सभी ने अपने ऑफिस में ऐसे लोग देखे होंगे जो काम के बजाय बहाने ज्यादा बनाते हैं—चाहे वो सरकारी दफ्तर की चाय-पानी ब्रिगेड हो या किसी प्राइवेट कंपनी के 'डेड वेट'। असली सवाल ये है कि क्या हम बदलाव के लिए आवाज़ उठाने का साहस रखते हैं, या फिर 'चलता है' वाले रवैये में सब ढंक देते हैं?
समाज में बदलाव तब ही आता है जब हर कोई अपना काम ईमानदारी से करे—चाहे वो होटल का गार्ड हो या मैनेजर। अगर आप भी ऐसी दुविधा में फंसे हैं, तो खुद से ईमानदार रहें। याद रखिए, दफ्तर की राजनीति में 'सांप-सीढ़ी' के खेल से बाहर निकलना ही बेहतर है, वरना कब कौन किसे काट ले, पता नहीं चलता!
निष्कर्ष: आपकी राय क्या है?
तो दोस्तों, आपको क्या लगता है—FOM साहब को क्या करना चाहिए था? क्या ऐसे ऑफिस में काम करना सही है, जहां हर कोई एक-दूसरे की कमजोरियों का सौदा करता है? या फिर नई शुरुआत करना ही बेहतर है? अपने अनुभव और राय नीचे कमेंट में जरूर बताइए। और हां, अगली बार होटल में चेक-इन करें तो गार्ड को जरूर देखते जाइए—कहीं वो जिम में तो नहीं?
मूल रेडिट पोस्ट: Lazy Security Staff