सुपरमार्केट में छोटी हाइट वाली ग्राहक को मिली ‘छोटी’ सी बदला-लीला!
हम सबने कभी न कभी बाजार या सुपरमार्केट में ऐसे लोगों का सामना किया है, जो बेवजह रूखा व्यवहार करते हैं। लेकिन क्या हो, अगर ऐसे किसी बदतमीज़ ग्राहक को उसी की भाषा में हल्का सा सबक मिल जाए? आज की कहानी है न्यूजीलैंड के एक सुपरमार्केट की, जहाँ एक लंबा ग्राहक और एक छोटी हाइट वाली महिला की मुलाकात ने इंटरनेट पर तहलका मचा दिया!
मंगलवार की सुबह थी, दुकान में सन्नाटा पसरा था और हर कोई अपने-अपने सामान में व्यस्त था। तभी एक छोटी हाइट वाली महिला ने अपने बर्ताव से माहौल को गरमा दिया – लेकिन उसका जवाब मिला, एकदम ‘लंबी’ सोच और ‘छोटी’ सी बदला-लीला के साथ!
जब हाइट बन गई सुपरपावर – और अदब सबसे बड़ा हथियार
कहानी की शुरुआत होती है दूध के सेक्शन में। हमारे मूल लेखक (u/FluffWit) दूध का पैकेट उठा ही रहे थे कि पीछे से किसी ने उनकी टोकरी को जोर से टक्कर मार दी। आमतौर पर हमारे यहाँ भीड़-भाड़ में ऐसा हो जाए तो एक-दूसरे को देखकर मुस्कुरा देते हैं या 'माफ़ कीजिए' कह देते हैं। लेकिन यहाँ महिला ने न कोई माफी मांगी, न ही कोई प्रतिक्रिया। बस वही ‘खाली-खाली घूरने’ वाली नज़रें।
लेखक ने भी भारतीयों जैसी शालीनता दिखाई—गलती उसकी थी, फिर भी ‘सॉरी’ बोल दिया। लेकिन महिला फिर भी चुप! इसी को देखकर एक कमेंट में किसी ने लिखा, "जो लोग बिना कुछ बोले बस घूरते हैं, वही सबसे अजीब होते हैं।" सच ही है, भाई!
बदतमीज़ी का जवाब – ‘ऊँचाई’ के साथ
कुछ ही मिनटों बाद, वही महिला फिर सामने आ गई। अबकी बार वह ऑलिव ऑयल के शेल्फ के नीचे खड़ी थी और ऊपरी रैक से बोतल निकालने के लिए मदद मांग रही थी। सोचिए, जिसने अभी दो मिनट पहले आपको टोकरा मारकर घूरा हो, वही अब आपसे मदद की उम्मीद कर रहा है!
लेखक ने पूरी तहजीब के साथ पूछा, "वर्जिन या एक्स्ट्रा वर्जिन?" महिला बोली, "एक्स्ट्रा वर्जिन।" लेखक ने बोतल निकाल ली, लेकिन देने से पहले मुस्कुराकर बोले, "आपको पता है, आप वही हैं जिन्होंने मुझे अभी टोकरा मारा था?" महिला की जुबान जैसे तालू से चिपक गई! लेखक बोले, "माफी माँगो, तभी दूँगा।" जब तक महिला चुप रही, लेखक ने बोतल वापस शेल्फ पर रख दी और वहाँ से निकल लिए। इसे कहते हैं—‘छोटी सोच का बड़ा जवाब’!
ऑनलाइन कम्युनिटी की राय: हाइट का मज़ाक या व्यवहार का सबक?
रेडिट पर इस किस्से ने खूब धमाल मचाया। एक यूज़र ने लिखा, "मैं खुद छोटी हाइट का हूँ, लेकिन अगर कोई मुझसे अच्छा बर्ताव नहीं करता, तो उसे मदद की उम्मीद नहीं करनी चाहिए!" एक और ने मज़ाकिया अंदाज में कहा, "आपने ऊँचाई का सही इस्तेमाल किया, वरना कई बार लोग खुद को बहुत बड़ा समझने लगते हैं!"
एक और कमेंट में लिखा था, "हम छोटे लोग अक्सर ऊँची शेल्फ पर चढ़ जाते हैं, लेकिन कभी-कभी किसी लंबे शख्स से मदद मांगना अच्छा लगता है—बशर्ते आप विनम्र रहें!" एक ने भारतीय अंदाज में लिखा, "अगर कोई दुकान में बदतमीज़ी करे, तो उसे स्टाफ से ही मदद मांगने दो, दूसरों को क्यों परेशान करे?"
कुछ लोगों ने माफी माँगने की आदत पर भी चर्चा की। एक कमेंट था, "कभी-कभी हम लोग खुद गलती में नहीं होते, फिर भी माफी माँग लेते हैं—सिर्फ इसलिए कि फालतू झंझट न हो।" एक और ने कनाडा के लोगों की तरह मज़ाक में कहा, "मैंने तो लैंप पोस्ट से टकराकर भी सॉरी बोला है!"
भारतीय संस्कृति में ‘क्षमा’ और ‘व्यवहार’ की अहमियत
हमारे यहाँ भी यही सीख है—किसी से मदद चाहिए तो सबसे पहले तहजीब दिखाओ। चाहे ऑफिस हो या बाजार, ‘नम्रता’ और ‘आभार’ बहुत आगे तक ले जाते हैं। कई लोग कहते हैं, "बड़ा आदमी वो नहीं, जिसकी हाइट बड़ी हो, बल्कि वो है जो दिल से बड़ा हो!" लेकिन कभी-कभी, जैसे आज की कहानी में, छोटा सा ‘पेटी रिवेंज’ (हल्की सी बदला-लीला) भी सही जगह पर सिखा देता है कि व्यवहार में मिठास जरूरी है।
कुछ पाठकों ने यह भी लिखा, "लंबे लोग अक्सर मदद करने में खुश रहते हैं, लेकिन बदतमीज़ी का जवाब भी ज़रूरी है, ताकि लोग सीखें कि हर जगह शराफत चलता है, बदतमीज़ी नहीं।" एक ने तो कह दिया, "हमारे यहाँ भी ऐसे लोग मिल जाते हैं, जो छोटे-छोटे कामों में भी अहंकार घुसेड़ देते हैं—फिर उन्हें भी कभी न कभी सबक मिल ही जाता है!"
निष्कर्ष: बड़ी सीख, छोटी घटना
तो साथियों, अगली बार जब आप किसी दुकान में हों और आपको ऊपर से कुछ उतारने में दिक्कत हो, तो सामने वाले से मदद मांगने से पहले ‘थोड़ा प्यार, थोड़ा आदर’ ज़रूर दिखाएँ। और अगर आपसे कोई बदतमीज़ी से पेश आए, तो कभी-कभी हल्का सा ‘पेटी रिवेंज’ भी बुरा नहीं—शराफत की उम्मीद रखते हैं, तो खुद भी शराफत दिखाएँ!
क्या आपके साथ भी कभी ऐसा कोई मजेदार या अजीब वाकया हुआ है? नीचे कमेंट में जरूर बताइए और ऐसी और कहानियों के लिए हमारे ब्लॉग को फॉलो करना न भूलें!
मूल रेडिट पोस्ट: Teased a short person at the Supermarket by holding something just out of reach