लैपटॉप भी सांस लेना चाहता है: बिस्तर पर चलाने की गलती से बचें!
क्या आपके घर में भी वो एक दोस्त या रिश्तेदार है, जो हर दूसरी बात पर कंप्यूटर की सेवा के लिए आपको याद करता है? और अक्सर जब उनकी आवाज़ में डर और घबराहट होती है, तो पक्का समझ लीजिए – या तो लैपटॉप ने चलना बंद कर दिया है, या फिर उसकी हालत ऐसी हो गई है कि मानो वो गर्मियों में दिल्ली का रोड बन गया हो!
कुछ दिन पहले मेरे दोस्त ने भी ऐसा ही कुछ किया: "यार, मेरा लैपटॉप तो खुद को तंदूर बना रहा है, बस स्पॉटिफाई और दो-तीन टैब खोलो, और फैन की आवाज़ सुनो – जैसे हवाईजहाज उड़ने वाला हो।" कीबोर्ड इतना गरम कि उंगलियां सेक लो!
बिस्तर पर लैपटॉप चलाना: आराम नहीं, आफ़त है!
अब अपने देश में बिस्तर पर बैठकर लैपटॉप चलाने का मज़ा अलग ही है। रज़ाई ओढ़ो, चाय पियो, और नेटफ्लिक्स या ऑफिस वर्क दोनों को एक साथ निपटाओ। लेकिन जनाब, लैपटॉप कोई कुल्फी नहीं है जो रज़ाई में दबा दो और ठंडी रहे!
मुझे तो सुनते ही समझ आ गया कि मामला ओवरहीटिंग का है। IT सपोर्ट का पहला मंत्र तो सब जानते ही हैं – "रिस्टार्ट किया?" दोस्त ने दो-तीन बार रिस्टार्ट भी किया, लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात। आखिरकार, जब मैंने लैपटॉप देखा तो राज़ खुला – जनाब ने महीनों से अपने लैपटॉप को सिर्फ़ बिस्तर पर रखा, वेंट्स पूरी तरह से दब गए, जैसे कोई CPU की सांसें रोकने की कोशिश कर रहा हो!
देसी इलाज: यूट्यूब यूनिवर्सिटी और थोड़ा सा धैर्य
अब इलाज की बारी थी। सबसे पहले लैपटॉप को बंद किया, ठंडा होने दिया। फिर, वेंट्स को compressed air से साफ़ किया – जैसे पुरानी अलमारी से धूल हटाते हैं।
इसके बाद आया असली काम – thermal paste लगाना। (यूट्यूब यूनिवर्सिटी की जय हो, वहां सबका इलाज है)। कुछ लोग सोच सकते हैं, "क्या ये सब लैपटॉप ऑन रहते हुए हुआ?" – जैसा एक कमेंट में किसी ने चुटकी ली – लेकिन भाई, ऐसा करने से पहले दिमाग ठंडा रखना ज़रूरी है! खुद OP ने भी जवाब में हँसते हुए कहा, "लैपटॉप ऑन करके CPU पर thermal paste लगाऊँगा तो शायद हाथ भी जल जाए।"
अंत में, cooling pad लगाया और लैपटॉप को डेस्क पर सेट किया। बस फिर क्या था, चंद मिनटों में फैन शांत हो गया, तापमान गिर गया, और शांति की बहार आ गई। कीबोर्ड अब फिर से उंगलियों के लायक हो गया।
कुछ मज़ेदार कमेंट्स और देसी तजुर्बे
रेडिट की दुनिया में तो मज़ेदार लोग भरे पड़े हैं। एक ने लिखा – "हमारे कॉलेज में हर साल नए बच्चों को बताना पड़ता है कि लैपटॉप बिस्तर पर मत चलाओ, सिर्फ़ ओवरहीटिंग नहीं, USB और पावर सॉकेट भी टेढ़े हो जाते हैं।"
एक और सज्जन ने पुराने जमाने का किस्सा सुनाया – "2013 में मम्मी का पुराना लैपटॉप ब्लॉक पर रखकर चलाता था ताकि फैन की आवाज़ कम हो जाए।"
और हाँ, लैपटॉप के फैन की सफाई में compressed air blast करने से कुछ लोग डरते भी हैं – "अगर ज़्यादा तेज़ blast किया तो motherboard ही fry हो सकता है!" कहने का मतलब, देसी जुगाड़ भी सोच-समझकर अपनाइए।
सीख: लैपटॉप को भी चाहिए सांस लेने की जगह
हमारे यहाँ कहते हैं, "गधा भी अगर बोझ उठाते-उठाते थक जाए तो उसे भी सुस्ताने दो।" लैपटॉप भी दिन-रात भागता है, तो उसे खुली हवा, साफ़ वेंट्स, और कभी-कभी cooling pad जैसी सहूलियतें देना ज़रूरी है।
अगर आप भी बिस्तर पर या रज़ाई में लैपटॉप चलाते हैं, तो आज से ही एक ट्रे या टेबल इस्तेमाल करना शुरू कीजिए। आपका लैपटॉप आपको उंगलियां जलाकर नहीं, बल्कि तेज़ी से काम करके धन्यवाद देगा।
अंत में – आपकी कहानी क्या है?
क्या आपने कभी अपने लैपटॉप को ओवरहीटिंग से बचाया है? या आपके घर में भी कोई ऐसा है जो हर बार कंप्यूटर के फैन की आवाज़ सुनते ही आपको फोन घुमा देता है?
अपने अनुभव और देसी जुगाड़ नीचे कमेंट में ज़रूर शेयर करें। कौन जाने, आपकी कहानी भी किसी और की मुसीबत हल कर दे!
याद रखिए – लैपटॉप को भी सांस लेने दीजिए, तभी वो आपका साथ निभाएगा!
धन्यवाद, और अगली बार जब रज़ाई में घुसकर लैपटॉप चलाएं, तो थोड़ी हवा छोड़ दीजिए – अपने और लैपटॉप, दोनों के लिए!
मूल रेडिट पोस्ट: POV: Laptops can’t breathe under blankets