लैपटॉप के पावर केबल की अनोखी फरियाद: जब जुगाड़ ने IT टीम को हैरान कर दिया!
ऑफिसों में IT टीम को हर दिन कुछ न कुछ नया देखने को मिलता है, लेकिन कभी-कभी ऐसी अजीब फरियादें आती हैं कि सबका हंस-हंसकर बुरा हाल हो जाता है। जरा सोचिए: कोई आपके पास आता है और कहता है, "मुझे लैपटॉप का नया पावर केबल चाहिए," और उसकी वजह सुनेंगे तो सिर पकड़ लेंगे!
कहानी की शुरुआत: फ्रांस से लौटे जेन की फरियाद
ये किस्सा है UK के एक गैर-लाभकारी संगठन का, जहां IT विभाग में सिर्फ 15 लोग हैं और कर्मचारियों की संख्या 300 से ऊपर। कहानी के मुख्य पात्र हैं हमारे ‘प्रोडक्ट लीड’ (कहानीकार) और उनकी सहयोगी, जिनका नाम हम ‘Jane’ मान लेते हैं। एक दिन दोपहर के खाने के समय Jane बड़ी बेचैनी में आईं और बोलीं, “Anno, क्या आपके पास लैपटॉप के लिए एक्स्ट्रा पावर केबल है? बहुत जरूरी है!”
अब IT टीम के लोग अक्सर सोचते हैं कि केबल गुम हो गई होगी या कहीं भूल आई होंगी। पर असली ट्विस्ट तब आया, जब Jane ने अपनी ‘जुगाड़ टेक्नोलॉजी’ की असलियत बताई।
जुगाड़ का कमाल: पावर केबल की सर्जरी
Jane ने बताया कि वह अपने पापा के पास फ्रांस गई थीं। वहां UK वाला प्लग फिट नहीं बैठा, तो उनके पापा—जो इलेक्ट्रिकल चीजों के बड़े शौकीन हैं—ने केबल का UK हेड काटकर फ्रेंच हेड जोड़ दिया! Jane को लगा, “पापा तो सब ठीक कर देंगे, इसमें क्या बड़ी बात है?” लेकिन UK लौटते ही Jane फंस गईं, क्योंकि अब केबल UK में फिट ही नहीं हो रही थी।
इस पर कहानीकार के मन में वही भाव आया, जो हमारे देश में किसी ने TV का तार सीधा बिजली के बोर्ड में फंसा दिया हो—“भाई, इतना बड़ा जुगाड़ क्यूं?”
IT टीम के एक सदस्य ने तो साफ कह दिया, “अब ये केबल डैमेज्ड मान ली जाएगी। आप IT सपोर्ट टिकट डालें, नया केबल मिलेगा। और ये कंपनी की प्रॉपर्टी थी, अगर आप ट्रैवल अडैप्टर ले आते तो ये नौबत ही नहीं आती!”
Jane अब भी यही मानती रहीं कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया। “पापा तो बढ़िया इलेक्ट्रिशियन हैं, इसमें क्या गलती?” IT टीम ने कहा, “अब नया केबल मिलेगा, लेकिन आगे से सावधान रहिए।”
समाज की राय: जुगाड़ बनाम सिस्टम
रेडिट की इस पोस्ट पर कम्युनिटी की प्रतिक्रियाएं भी किसी भारतीय पान-चाय की दुकान पर होने वाली चर्चा जैसी थीं। एक यूज़र ने लिखा—“UK में तो पहले स्कूलों में सिखाया जाता था कि प्लग कैसे वायर करना है। शायद Jane के पापा की आदत रही होगी - प्लग बदलो और काम चलाओ!” यानी उनके लिए ये बिल्कुल आम बात थी।
दूसरे ने मजाकिया लहजे में कहा, “पावर केबल चाहिए? पापा को IT टिकट डलवाओ!” किसी ने सलाह दी, “ट्रैवल अडैप्टर खरीद लेते, इतना झंझट ही नहीं होता।”
एक यूज़र ने गौर किया कि, “अक्सर ऑफिस में ऐसे पावर केबल ढेरों पड़े होते हैं, दो मिनट में निकालकर दे सकते थे, इतना सिर मत दुखाओ!” वहीं एक और ने लिखा, “ये कोई रॉकेट साइंस नहीं है, पुराना हेड काटो, नया जोड़ो, काम हो गया।”
लेकिन कुछ लोगों ने कंपनी के नियम-कायदे का भी पक्ष लिया—“भई, कंपनी की प्रॉपर्टी से छेड़छाड़ सही नहीं। कल को कुछ गड़बड़ हो गई तो सिर IT टीम का ही फंसेगा!”
हिंदुस्तानी नजरिए से: जुगाड़ या जिम्मेदारी?
अगर ये किस्सा हमारे देश के किसी दफ्तर में हुआ होता, तो शायद आधे लोग Jane के पापा की तारीफ करते—“वाह, क्या जुगाड़ लगाया!” बाकी आधे कहते—“कंपनी की चीज़ है, भाई! मनमानी मत करो, बाद में फंसोगे!”
हमारे यहां भी अक्सर ‘जुगाड़’ का बोलबाला रहता है—पंखे का तार छोटा तो दूसरा तार जोड़ दो, मोबाइल चार्जर खराब तो किसी और कंपनी का लगा लो। लेकिन जब मामला ऑफिस या कंपनी की चीज़ों का हो, तो थोड़ी जिम्मेदारी जरूरी है। आखिर, सुरक्षा और नियमों को भी तो ध्यान में रखना होता है।
रेडिट की बहस में भी यही बात उभरकर आई—“छोटे-मोटे जुगाड़ ठीक हैं, पर कंपनी के सामान के साथ खेलने से बचना चाहिए।”
आपकी राय क्या है?
तो पाठकों, आप बताइए—अगर आपके ऑफिस में कोई ऐसा जुगाड़ करता, तो आप क्या करते? क्या आप भी Jane की तरह पापा पर भरोसा करते, या IT टीम की सलाह मानते? क्या जुगाड़ हमारी आदत बन गई है, या हमें नियमों के हिसाब से चलना चाहिए?
अपने अनुभव और राय कमेंट में जरूर शेयर करें। और हां, अगली बार ऑफिस ट्रिप पर जाएं, तो ट्रैवल अडैप्टर साथ ले जाना न भूलें—वरना पापा का जुगाड़ भी IT वालों को चौंका सकता है!
मूल रेडिट पोस्ट: An unusual request for new laptop power cable