“लेकिन ChatGPT ने तो कहा था…”: जब ए.आई. की बातें बन गईं सिरदर्द
“भैया, ChatGPT ने तो बताया था!” – आजकल ऑफिस में ये डायलॉग सुनना उतना ही आम हो गया है, जितना ऑफिस की चाय में अदरक का स्वाद। कभी सोचा है, जब कोई ग्राहक या कलीग, ए.आई. की कही बातों को पत्थर की लकीर मानकर आपके सर आ जाए, और आप सिर खुजाते रह जाएँ?
आज हम ऐसी ही एक मजेदार, मगर सिरदर्दी भरी कहानी सुनाने जा रहे हैं, जिसमें एक ग्राहक ने ChatGPT की बताई झूठी-झूठी बातों के चक्कर में सपोर्ट टीम का चैन छीन लिया। कहानी मजेदार है, लेकिन सीख भी बड़ी है – “हर चमकने वाली चीज़ सोना नहीं होती, और हर AI की बात सच नहीं होती।”
जब ग्राहक ने मांगे ‘अलौकिक’ फीचर्स
घटना कुछ यूं थी – एक कंपनी की टेक्निकल सपोर्ट टीम के पास एक टिकट आया, जिसमें ग्राहक ने कुछ ऐसे फीचर्स ऐक्टिवेट करने की रिक्वेस्ट डाली, जिनका नाम पहली बार सपोर्ट टीम ने सुना था। टीम की हालत जैसी उस समय होती है जब घर की छत पर अचानक UFO उतर आए – सब हैरान, सब परेशान।
डॉक्युमेंटेशन खंगाली गई, डेवलपर्स से पूछा गया, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात। किसी को भी इन ‘खास’ फीचर्स का पता नहीं चला। तभी एक कलीग बोला, “भाई, इन नामों में तो बड़ा ए.आई. वाला फील है!” फिर क्या था, सबका माथा ठनका – कहीं ये ChatGPT की कोई चाल तो नहीं?
ChatGPT – “सबकुछ जानता है”, पर सही क्या?
जैसे ही टीम ने ग्राहक से पूछा, “जनाब, ये फीचर्स आपको कहां से मिले? कहीं ए.आई. ने सपना तो नहीं दिखाया?”, तो ग्राहक ने शरमाते हुए कबूल किया – “जी, ChatGPT से पूछा था। उसने यही तरीका बताया, और मुझे तो आइडिया भी बड़ा गजब लगा।”
अब सपोर्ट टीम बोली – “भैया, ChatGPT की बातें सुनकर सपने देखना ठीक है, लेकिन हम जादूगर नहीं, जो हवा में से फीचर बना दें!” टीम ने समझाया कि उनकी सर्विस की सीमाएं हैं, और AI की सलाह को आँख मूँदकर मानना खतरनाक भी हो सकता है।
यहाँ एक Reddit यूज़र ने कमेंट किया – “ये तो वैसे ही है जैसे कोई डॉक्टर से बोले – ChatGPT ने ये दवा सुझाई है, पर्ची दे दो!” अब सोचिए, अगर AI से पर्ची मिलने लगे, तो डॉक्टर साहब तो ताले लगा देंगे!
‘ए.आई. ने बताया’ – आज की पीढ़ी का नया मन्त्र
आजकल हर दूसरा-तीसरा बंदा ChatGPT, Gemini, Copilot जैसे टूल्स से सलाह लेता है। Reddit पर एक कमेंट में किसी ने लिखा, “हमारे यहाँ तो इंजीनियर्स भी ई-लर्निंग टेस्ट में AI से जवाब पूछ लेते हैं, और फिर शिकायत करते हैं कि मार्क्स कम क्यों आए!” दूसरी तरफ, एक एजुकेटर ने तो कहा – “अब तो स्टूडेंट्स बस कॉपी-पेस्ट करते हैं, सोचने की जहमत उठाते ही नहीं।”
कई बार तो बात इतनी बिगड़ जाती है कि लोग अपने प्रोफेशनल काम में भी AI को आखिरी सत्य मान बैठते हैं। एक ऑडियो इंजीनियर ने लिखा – “DAW (Digital Audio Workstation) के लिए जब AI से पूछा, तो ऐसे-ऐसे मेन्यू और वर्कफ़्लो बता डाले, जो असल में हैं ही नहीं!” ये ठीक वैसा है, जैसे कोई दोस्त आपको बताता है – “मथुरा में कृष्ण जी की गली में छुपा खजाना है, चलो खोदते हैं!”
तकनीक: औजार है, जादूगर नहीं
एक कमेंट में बड़े प्यारे ढंग से लिखा गया – “LLM (Language Model) यानी ChatGPT, सही जगह इस्तेमाल करो तो औजार है, गलत जगह लगाओ तो घर गिर जाएगा!” यानी, जैसे हथौड़ा कील ठोकने के लिए अच्छा है, नाकून काटने के लिए नहीं।
एक और मजेदार बात – “ChatGPT हर सवाल का जवाब देता है, सही हो या गलत, बस आपकी बात मनवाने को बेताब रहता है!” यानी, ये वही दोस्त है जो हर झूठी अफवाह फैलाता है – “पानी में नींबू डालो, सब बीमारियाँ भाग जाएँगी”, और फिर सब डैंग रह जाते हैं।
एक कमेंट में तो किसी ने कह दिया – “ChatGPT ने बताया, इसलिए सच है, ये सोचने वाले वही लोग हैं, जो जीपीएस पर आंख मूँदकर चलते हैं और गाड़ी नाले में डाल देते हैं!”
सही इस्तेमाल: ‘जानकारी’ के लिए AI, ‘फैसले’ के लिए इंसान
कई अनुभवी लोगों ने Reddit पर सलाह दी – “AI से जानकारी लो, फैसले हमेशा प्रोफेशनल से ही लो!” डॉक्टर, इंजीनियर, वकील – इन सबकी पढ़ाई और अनुभव को ChatGPT या कोई ए.आई. मिनटों में नहीं छू सकता।
कई कंपनियों में तो अब AI के अंधाधुंध इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई जा रही है। क्योंकि अगर हर कोई बिना सोचे-समझे ए.आई. की सलाह माने, तो नतीजे खतरनाक निकल सकते हैं। जैसे – एक आदमी ने ChatGPT के कहने पर अपने खाने में नमक की जगह सोडियम ब्रोमाइड डाल दिया, और सीधा अस्पताल पहुँच गया!
निष्कर्ष: सोचें, समझें, फिर करें AI का इस्तेमाल
दोस्तों, ChatGPT और बाकी AI टूल्स शानदार हैं – जब तक हम उनका इस्तेमाल सही तरीके से करें। लेकिन अगर हर बात पर आँख मूँदकर भरोसा करेंगे, तो दिक्कतें आना तय है। टेक्नोलॉजी से दोस्ती कीजिए, लेकिन अपनी अक्ल का ताला मत लगाइए।
आपका क्या अनुभव है? कभी ChatGPT ने आपको भी अजीब सलाह दी है? या आपके ऑफिस में किसी ने “AI ने बताया” कहकर सिरदर्द बढ़ाया हो? कमेंट में जरूर बताइए, और इस कहानी को अपने उन दोस्तों के साथ जरूर शेयर कीजिए, जो हर मीटिंग में AI का नाम लेकर स्मार्ट बनने की कोशिश करते हैं!
चलते-चलते – “ChatGPT ने कहा था” सुनते ही, अब तो दिल से बस एक ही बात निकलती है – “हे भगवान, सबको सद्बुद्धि दे!”
मूल रेडिट पोस्ट: 'But ChatGPT said...'