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मार्केटिंग की बड़ी भूल: होटल का गलत नंबर और वो साल भर की मुसीबत

क्या आपने कभी सोचा है कि एक छोटी सी गलती किसी कंपनी के पूरे साल की मेहनत पर पानी फेर सकती है? होटल इंडस्ट्री में रोज़ नए-नए किस्से बनते रहते हैं, लेकिन कुछ किस्से इतने मजेदार और हैरान करने वाले होते हैं कि सुनने के बाद हंसी रोक पाना मुश्किल हो जाता है। आज आपसे शेयर कर रहे हैं एक ऐसी ही असली घटना, जिसमें एक मार्केटिंग टीम की ‘जोश में होश खो बैठने’ की आदत ने सभी को उलझन में डाल दिया – और हां, इसमें एक गलत टेलीफोन नंबर ने सबकी नींद उड़ा दी!

जब 'सिंपल' आइडिया बना सिरदर्द

हर दफ्तर में कोई न कोई ऐसा जोशिला अधिकारी होता है, जो खुद को सबसे आगे दिखाने के चक्कर में बाकी टीम की राय सुने बिना ही फैसले ले लेता है। होटल की इस कहानी में ऐसी ही एक मार्केटिंग हेड थीं – जिनके पास नए-नए पैकेज और ऑफर की भरमार थी। एक दिन उन्होंने सबको मैनेजर्स मीटिंग में एक नया फ्लायर दिखाया, जिसमें साल भर के सभी पैकेज और रेट्स शामिल थे। सोचिए, एक ही कागज़ में पूरा साल का हिसाब-किताब!

यह सुनकर शायद आपको लगे – "क्या बुरा हो सकता है? बढ़िया आइडिया है, लोगों तक सारी जानकारी एक बार में पहुँच जाएगी।" लेकिन भाई, दफ्तर के अनुभवी लोग कहते हैं, "जो जल्दी का काम होता है, उसमें अक्सर गड़बड़ हो जाती है।"

95% बजट गया पानी में, और टीम लगी माथापच्ची में

अब असली ट्विस्ट आया! आमतौर पर ऐसे फ्लायर पर पहले सबकी राय ली जाती, सुधार किए जाते, फिर प्रिंटिंग होती। लेकिन हमारी मार्केटिंग हेड ने बिना किसी फीडबैक के, साल का 95% विज्ञापन बजट खर्च कर सैकड़ों फ्लायर छपवा दिए और पोस्ट भी कर दिए। बाकी टीम को जब तक पता चला, तब तक तो डाकिए ने सब फेंक दिए थे!

अब समस्या यह थी कि इतने सारे पैकेज, अलग-अलग रेट, सीजन वगैरह को मैनुअली कंप्यूटर में दर्ज करना था – और वो भी पुराने DOS सिस्टम में! सोने पे सुहागा – कई पैकेज एक-दूसरे से ओवरलैप हो रहे थे, कुछ का दाम उल्टा-पुल्टा था, और किसी भी खास तारीख को ब्लैकआउट नहीं किया गया था। अगले बारह महीने टीम को हर ग्राहक की कन्फ्यूजन और शिकायतों का सामना करना था।

एक यूज़र ने Reddit पर बड़ा मजेदार कमेंट किया, "इतना बड़ा बजट सिर्फ फ्लायर्स पर उड़ा देना, ये दिमाग हिला देने वाली बात है!" (मूल अंग्रेज़ी में 'mind bottling' लिखा था, जिसे दूसरे ने मज़ाक में 'mind boggling' में बदल दिया – बिलकुल वैसे ही जैसे हमारे यहां 'दिमाग का दही' होना कहते हैं!)

जब गलत नंबर ने सबको राहत दी

अब आता है कहानी का सबसे मजेदार मोड़। टीम की मैनेजर (FOM) सिर पकड़कर बैठी थीं कि इतने सारे पैकेज, रेट्स और गलतियों को सुधारने में पता नहीं कितने दिन लगेंगे। तभी एक सहकर्मी ने फ्लायर को ध्यान से पढ़ा और पाया – आखिरी लाइन में जो फोन नंबर छपा है, वो होटल का नहीं है!

अब सोचिए, साल भर के लिए तैयार किया गया फ्लायर, सैकड़ों लोगों को भेज दिया गया, और जो नंबर छपा – वो किसी और का है! टीम के लिए ये गुस्से की जगह राहत की बात बन गई। अब तो सब फ्लायर्स वैसे ही बेकार हो गए, क्योंकि कोई भी ग्राहक होटल से संपर्क ही नहीं कर पाएगा। मैनेजर के चेहरे पर जो संतोष था, वो किसी फिल्मी क्लाइमेक्स से कम नहीं था – जैसे भारी बोझ उतर गया हो! Reddit पर एक कमेंट में किसी ने लिखा, "गलत नंबर छपना तो 80 के दशक में Yellow Pages में सबसे बड़ा पाप था!"

इतिहास दोहराया गया – वही गलती, अगला साल

कहानी यहीं खत्म नहीं होती। अगले साल जब वही मार्केटिंग हेड नया फ्लायर लेकर आईं, तो सबको लगा – इस बार तो सब दुरुस्त होगा। तारीखें, रेट्स, पैकेज – सब सही। लेकिन सहकर्मी ने मुस्कराते हुए फिर फ्लायर चेक किया – और क्या मिला? वही पुराना गलत नंबर! जैसे कहते हैं – "अक्ल ठिकाने नहीं आई।"

एक कमेंट में किसी ने चुटकी लेते हुए लिखा, "ऐसे मैनेजर को नौकरी पर रखना ही क्यों?" एक और कमेंट में तजुर्बेकार पाठक ने बताया कि कई कंपनियों में ऊपर वाले जानबूझकर कमज़ोर मिडल मैनेजमेंट रखते हैं, ताकि खुद को बेहतर दिखा सकें – बिल्कुल वैसे ही जैसे सरकारी दफ्तरों में होता है, जहां बाबू साहब की कलम चलती है, लेकिन जिम्मेदारी कोई और उठाता है।

सीख: जल्दी में लिया फैसला, सिरदर्द का सबब!

इस किस्से से हमें क्या सीख मिलती है? किसी भी बड़े फैसले में टीम की राय लेना, सबकी बात सुनना और हर चीज़ को ध्यान से चेक करना बेहद जरूरी है। एक छोटी सी गलती, जैसे गलत नंबर, पूरे साल की मेहनत पर पानी फेर सकती है। और हां, कभी-कभी भगवान भी बड़ी मुसीबत को हंसी में बदल देता है!

तो अगली बार जब आप कोई प्रमोशनल फ्लायर बनवाएँ, तो उसे कम से कम दो बार जरूर चेक करें – वरना कहीं ऐसा न हो कि आपके ग्राहक किसी और के घर पहुंच जाएँ!

क्या आपके साथ भी कभी ऑफिस में ऐसी कोई मजेदार या गड़बड़ वाली घटना घटी है? नीचे कमेंट में जरूर बताइए, और अगर कहानी पसंद आई हो तो दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें!


मूल रेडिट पोस्ट: Great Moments in Marketing History - #3