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मैडम, आपकी 'पागलपन' मेरी 'पागलपन' से मेल नहीं खाती!

प्रसिद्ध गायक के प्रदर्शन के बाद उत्सव मनाते प्रशंसकों का संगीत कार्यक्रम का दृश्य, जीवंत माहौल को दर्शाता है।
एक यादगार रात के जश्न में प्रशंसकों की भीड़ का सिनेमाई झलक, जो प्रिय बैंड के पूर्व मुख्य गायक के साथ है। उत्साह स्पष्ट है, जो एक शानदार संगीत कार्यक्रम की खुशी और अराजकता का अनोखा मिश्रण दिखाता है।

कहते हैं कि होटल की रिसेप्शन डेस्क पर काम करना मतलब रोज़ किसी नई फिल्म का हिस्सा बन जाना। कभी-कभी लगता है जैसे यहाँ का हर मेहमान अपने साथ एक नई कहानी, थोड़ा-सा ड्रामा और ढेर सारी उम्मीदें लेकर आता है। लेकिन क्या हर किसी का 'पागलपन' एक जैसा होता है? कभी नहीं!

होटल का 'क्रेज़ी' और मेहमान का 'क्रेज़ी' – ज़मीन-आसमान का फर्क

अक्टूबर का महीना था और हमारे होटल में एक मशहूर पुराने बैंड (जिसका नाम 'बीगल्स' से मिलता-जुलता है) के पूर्व गायक का कॉन्सर्ट था। कॉन्सर्ट के बाद होटल का माहौल कुछ ज्यादा ही व्यस्त हो गया था। लेकिन मेरे हिसाब से ये तो 'नॉर्मल' बिज़ी था, कोई बहुत बड़ा बवाल नहीं। असली बवाल तो तब शुरू हुआ जब एक सज्जन महिला रिसेप्शन पर आईं, चेहरे पर चिंता की लकीरें और बोलीं, "आप संभल जाइए, मैंने लॉबी में बहुत क्रेज़ी चीज़ें देखी हैं!"

अब मैं मन ही मन सोच रहा था, "भई, यहाँ क्या इतना तूफान आ गया जो मुझे दिख ही नहीं रहा?" दरअसल, होटल में ऐसी छोटी-मोटी घटनाएँ तो आम हैं, जैसे किसी का फोन डिस्चार्ज हो गया, कोई बुजुर्ग सांस फूलते हुए बैठी हैं, वगैरह-वगैरह।

"ये तो हमारे यहाँ रोज़ का है, मैडम!"

महिला ने बताया कि एक जोड़ा (जो होटल का मेहमान भी नहीं था) सब लोगों से उनका फोन माँग रहा था क्योंकि उनका फोन बंद हो गया था और लड़की को अपनी माँ को बुलाना था। किसी ने दया कर अपना फोन दे दिया और लड़की रोते-रोते कॉल करने लगी। फिर उन्होंने एक बुजुर्ग महिला के बारे में बताया, जो सांस फूलते हुए लॉबी में बैठी थीं, उबर का इंतज़ार कर रही थीं।

महिला ने मुझसे कहा, "आज तो होटल में बड़ी वाइल्ड नाइट है, है ना?" मैं मुस्कुरा कर बोला, "हाँ-हाँ, बिल्कुल!" लेकिन मन ही मन सोच रहा था, "अगर यही आपको पागलपन लगता है, तो मैडम, आपकी ज़िंदगी कितनी शांत और सुरक्षित रही है। भगवान करे ऐसी ही रहे!"

'पागलपन' की असली परिभाषा – होटल वालों की नज़र से

रेडिट पर इस कहानी को सुनकर कई लोगों ने अपनी-अपनी राय दी। एक यूज़र ने चुटकी ली, "असली पागलपन तो तब होता है जब रिसेप्शन पर पुलिस बुलानी पड़ जाए या कोई खून से लथपथ होटल में घुस जाए, ये तो उनके लिए मंगलवार की सुस्त शाम जैसा है!" एक और ने कहा, "99 में से 100 रातें तो बहुत शांति से गुजरती हैं, लेकिन जो एक रात तूफानी आती है, वही बाकी 99 का हक अदा कर देती है!"

होटल में काम करने वाले जानते हैं कि असली 'क्रेज़ी' क्या होता है—कभी किसी बारातियों की पार्टी होटल के लॉबी में बार सेट कर देती है, कोई शराबी नाचता-गाता है, कोई पुलिस के डर से बाथरूम में छुप जाता है, तो कभी कोई बिना कपड़ों के गलती से लॉबी में आ जाता है! एक कमेंट में किसी ने मज़ाक में कहा, "मैडम, जिसे आप 'वाइल्ड' बोल रही हैं, वो हमारे लिए रोज़ का काम है।"

हर किसी की 'पागलपन' की परिभाषा अलग

होटल में आने वाले हर मेहमान का 'क्रेज़ी' अलग-अलग होता है। किसी के लिए फोन मांगना और रोना-धोना बड़ा बवाल है, तो किसी के लिए ये बेहद मामूली। जैसे हमारे यहाँ शादी ब्याह में दूल्हे के दोस्त डीजे पर डांस करते-करते स्टेज तोड़ दें या बरातियों ने होटल में ड्रम बजा दिया, तो होटल स्टाफ के लिए ये 'नॉर्मल' बात है।

एक कमेंट में किसी ने बहुत बढ़िया कहा— "मैडम, आपके हिसाब से जो 'पागलपन' है, वो हमारे लिए तो सुबह की चाय पीने जैसा है।"

होटल स्टाफ के अनुभव – ना जाने कितनी फिल्में बन सकती हैं!

होटल में काम करने वालों के पास ऐसी-ऐसी कहानियाँ होती हैं कि सुनकर यकीन न हो। कोई कहता है, "मेरे यहाँ तो एक बार मेहमान शराब पीकर ट्रैफिक बैरियर को ही उठा लाए थे", तो कोई कहता है, "मेरे यहाँ पुलिस ने तीन गाड़ियों के साथ बाथरूम से एक भगोड़े को निकाला था।"

असल में, होटल की रिसेप्शन डेस्क पर हर दिन कुछ नया होता है, लेकिन हिम्मत और धैर्य ही वहाँ काम करने वालों की असली पूंजी है।

निष्कर्ष – आपके 'पागलपन' और हमारे 'पागलपन' में है बहुत फर्क!

तो अगली बार जब आप होटल जाएँ और आपको कोई घटना बहुत 'क्रेज़ी' लगे, तो ज़रा सोचिए—वहाँ के स्टाफ ने शायद इससे भी बड़ा कुछ देखा हो! कभी किसी रिसेप्शनिस्ट से उनकी सबसे अजीब रात के बारे में पूछिए, यकीन मानिए, आपको वो कहानियाँ सुनकर हँसी भी आएगी और हैरानी भी होगी।

क्या आपके साथ भी कभी होटल या किसी सार्वजनिक जगह पर कोई ऐसा अनुभव हुआ है जो आपके लिए 'क्रेज़ी' था, लेकिन वहाँ के स्टाफ के लिए नॉर्मल? कमेंट में अपनी कहानी जरूर बताइए!

अगली बार फिर मिलेंगे किसी और 'पागलपन' भरी कहानी के साथ। तब तक के लिए – होटल वालों की मुस्कान और धैर्य को सलाम!


मूल रेडिट पोस्ट: Ma'am, Your Crazy Doesn't Match My Crazy