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मकानमालिक का घोस्टिंग गेम, किराएदार की छोटी बदला-लीला

एक फास्ट-फूड रूममेट की 3D कार्टून चित्रण, जो आवास अनुरोध अस्वीकृति का सामना कर रहा है।
यह जीवंत कार्टून-3D चित्रण आवास संबंधी चुनौतियों से निपटने की निराशा को दर्शाता है, जब महत्वपूर्ण अनुरोधों का उत्तर नहीं मिलता।

किराए का घर ढूँढना अपने आप में एक जंग है। और जब आप ऊँचे किराए, अजीब शर्तें और मकानमालिक की मनमानी के बीच आखिरकार छत पा ही लें, तो लगता है जैसे लॉटरी लग गई हो। लेकिन ज़रा सोचिए, अगर वह छत खुद सिरदर्द का कारण बन जाए तो? आज की कहानी है जर्मनी में रह रहे दो रूममेट्स की, जिन्होंने अपने मकानमालिक को उसी के स्टाइल में जवाब देकर सोशल मीडिया पर धूम मचा दी।

शुरूआती राहत, फिर मुसीबतों की झड़ी

भैया, आजकल घर मिलना तो हर जगह ही मुश्किल है, चाहें इंडिया हो या जर्मनी। हमारे किस्से के हीरो और उनके रूममेट को भी बड़ी मुश्किल से एक जानकार के ज़रिए घर मिला। किराया थोड़ा ज़्यादा था, पर “बिजली, पानी, इंटरनेट सब शामिल है” के लालच में इन्होंने आँख मूँदकर हामी भर दी।

पर कहते हैं ना, ‘जहाँ राह आसान लगे, वहाँ कांटे ज़रूर बिछे होते हैं।’ पहले ही महीने बिजली काट दी गई! वजह? मकानमालिक ने बिल ही नहीं भरा था। पाँच दिन बिना बिजली के काटे, फ्रिज का सारा सामान खराब, और ऊपर से मकानमालिक से पैसे मांगे तो साफ़ मना! कोर्ट जाने का झंझट अलग।

फिर नवंबर की ठंड में हीटर भी कट गया। सोचिए, दिल्ली की ठंड में हीटर चला लो, पर वहाँ तो हीटर भी गया! उसके बाद इंटरनेट भी बार-बार कटने लगा। आखिरकार खुद इंटरनेट का बिल देने लगे, पर समस्या जड़ से खत्म नहीं हुई।

मकानमालिक की मनमानी और पुलिस का ड्रामा

इन दोनों ने कभी किराया लेट नहीं किया, पर मकानमालिक पैसे आगे भेजता ही नहीं था। बात यहीं तक रहती तो ठीक, एक दिन पुलिस सर्च वारंट लेकर घर आ धमकी! ज़रा सोचिए, नहाते समय अचानक पुलिस बाथरूम में घुस आए — किसी भी भारतीय परिवार में तो मोहल्ला भर गपशप हो जाती! यही पल था जब इन किराएदारों ने पक्का कर लिया कि अब तो बस, बहुत हो गया।

इन्होंने मकानमालिक को नोटिस दिया, व्हॉट्सएप पर तारीख भेजी, चाबी और डिपॉजिट की बात की, और जर्मनी के नियम अनुसार कानूनी पते पर चिट्ठी भी भेजी। मगर मकानमालिक ने एक शब्द नहीं कहा — न फोन, न मैसेज, न जवाब। पूरा घोस्टिंग! भारत में होता तो शायद पड़ोसी आंटी तक खबर पहुंचा देतीं, पर यहाँ तो चुप्पी।

कम्युनिटी की राय और भारतीय तड़का

जब यह कहानी Reddit पर आई, तो एक कमेंट ने बिलकुल सही लिखा — “मकानमालिक ने जैसा किया, वैसा ही जवाब मिला!” (कुछ-कुछ ‘जैसी करनी वैसी भरनी’ जैसा)। खुद किस्से के लेखक ने भी माना कि अब इस आदमी से झगड़ने का मन ही नहीं था — “अब और ताकत नहीं बची।”

किसी ने सलाह दी कि छोटे-मोटे कोर्ट केस जर्मनी में बिना वकील के भी किए जा सकते हैं, और अगर मकानमालिक जवाब न दे तो भी उसकी जिम्मेदारी है। एक और यूज़र ने मजेदार अंदाज़ में पूछा — “क्या मकानमालिक जेल में है?” तो किसी ने कहा — “शायद बेघर हो गया!”

यहाँ भारत में भी, लोग ऐसे मकानमालिकों से निपटने के अपने-अपने जुगाड़ निकालते हैं: कोई चाबी पड़ोसी को पकड़ा देता है, कोई आखिरी महीने का किराया डिपॉजिट से एडजस्ट कर लेता है, तो कोई मकानमालिक को 'घोस्ट' ही कर देता है। Reddit पर भी एक ने मजे में लिखा, “चाबी का गुच्छा, पता लिखकर किसी चाल में फेंक देते!”

किराएदारों की छोटी-सी 'पेट्टी रिवेंज'

आखिरकार, इन दोनों ने घर खाली करते वक्त कोई बखेड़ा नहीं किया। फ्रिज में खराब खाना या लैम्प में झींगे (हाँ, पश्चिम में बदला लेने का ये अजीब तरीका है!) नहीं छोड़े, बस घर अच्छे से साफ भी नहीं किया। फिर क्या — अब वही मकानमालिक हर रोज़ मैसेज कर रहा है: “किराया दोगे क्या?”, “मेरी चिट्ठियाँ स्कैन कर दो”, “कोई जवाब दो प्लीज़!”

अब किराएदारों ने भी सोचा — ‘अरे भई, जब घोस्टिंग ही तुम्हारा खेल है, तो हम भी वही खेलेंगे!’ अब मकानमालिक की हालत वैसी ही हो गई जैसे भारतीय शादी में बारात के इंतजार में खड़ा दूल्हा — न कोई खबर, न जवाब!

क्या सीख मिली? और आपका क्या अनुभव है?

इस कहानी से एक बात तो साफ है — चाहे देश कोई भी हो, मकानमालिक और किराएदार का रिश्ता अक्सर ताना-बाना भरा होता है। लेकिन अगर कोई आपको बार-बार परेशान करे, तो कभी-कभी छोटा-सा बदला भी बड़े सुकून की वजह बन जाता है।

शायद हम भारतीय भी इस “घोस्टिंग” वाले नुस्खे से कुछ सीख सकते हैं — और हाँ, मकानमालिकों को भी समझना चाहिए कि किराएदार भी इंसान ही होते हैं, उनकी भी सुननी चाहिए।

क्या आपके साथ भी कभी ऐसा अजीब अनुभव हुआ है? नीचे कमेंट में जरूर बताइए — कौन जीता, किराएदार या मकानमालिक? आपकी कहानी का भी हमें बेसब्री से इंतज़ार रहेगा!


मूल रेडिट पोस्ट: Don’t want to Answer our request for a walkthrough and key exchange? Then we will leave without letting you know.