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भीगे हुए सिगरेट और ‘भाई, एक सिगरेट देना’ – एक मज़ेदार बदले की कहानी

मेज पर रखा हुआ गीला सिगरेट पैकेट, बारिश में धूम्रपान की यादें ताजा करता है।
यह फोटो यथार्थवादी छवि दक्षिण-पूर्व टेक्सास की एक बरसाती दोपहर की पुरानी यादों को जीवंत करती है, जहां गीले सिगरेटों की खुशबू सरल समय की याद दिलाती है।

बारिश का मौसम, सड़क किनारे की छोटी-सी दुकान, और जेब में नई-नई खरीदी सिगरेट की डिब्बी! ऐसे में अगर कोई अनजान शख्स रास्ता रोककर कह दे, "भाई, एक सिगरेट दे दो", तो आप क्या करेंगे? आमतौर पर लोग या तो मना कर देते हैं, या दिल बड़ा दिखाकर एक सिगरेट निकालकर दे देते हैं। लेकिन आज की कहानी में तो मामला ही कुछ अलग हो गया!

बारिश, सिगरेट और ‘भाईचारा’ – परदे के पीछे की कहानी

ये किस्सा अमेरिका के टेक्सास राज्य का है, लेकिन यकीन मानिए, ऐसा नज़ारा अपने यहां रेलवे स्टेशन, बस अड्डे या पान की दुकान के बाहर भी रोज़ देखने को मिल जाता है। कहानी के नायक, जिन्हें हम ‘टेक्स भाई’ कह सकते हैं, एक पुराने सिगरेट प्रेमी हैं। एक दिन भारी बारिश में वे अपनी पसंदीदा सिगरेट खरीदने पहुंचे। दुकान के बाहर एक अनजान आदमी खड़ा था, दोनों के बीच बस हल्की सी नजरों की मुलाकात हुई।

खरीदारी के बाद जब टेक्स भाई बाहर निकले, तो वही अनजान आदमी अचानक पुराना यार बन गया! रास्ता रोककर बोला, "भाई, एक सिगरेट दे दो!" टेक्स भाई को उसकी ‘बॉडी लैंग्वेज’ और बारिश में रास्ता रोकने का अंदाज़ कुछ खटक गया, लेकिन उन्होंने सोचा, चलो, मज़ा लिया जाए।

‘ले, पकड़ के दिखा!’ – बदले की हिंदी फ़िल्मी तड़का

यहां कहानी में आता है ‘मैलिशियस कम्प्लायंस’ – यानी सामने वाले की बात मानते हुए उसमें हल्की सी शरारत या बदमाशी। उसने कहा, "सिगरेट पकड़ाओ", तो टेक्स भाई ने सचमुच सिगरेट ‘पकड़ाई’, मतलब डिब्बी से एक सिगरेट निकाली और फुर्ती से उसकी तरफ फेंक दी – बिल्कुल वैसे जैसे क्रिकेट में स्लिप फील्डर को कैच फेंका जाता है! बेचारा सिगरेट-प्रेमी, बारिश में भीगती हुई सिगरेट उसकी छाती से टकराई और सीधे सड़क के गंदे पानी में जा गिरी।

अभी तो ‘मैच’ शुरू हुआ था! टेक्स भाई ने मज़ाक में कहा, "भाई, आंखें खोलकर पकड़! अगली बार ध्यान से!" और फिर से एक सिगरेट फेंकी। वही नतीजा – सिगरेट पानी में, और ‘भाई’ के चेहरे पर हार की शिकन। दो-तीन बार ऐसा चला, आखिरकार वो आदमी मायूस होकर चला गया। टेक्स भाई ने जीत की खुशी में खुद एक सिगरेट जलाई और गाड़ी में बैठकर निकल लिए।

टिप्पणियों की महफिल – सोशल मीडिया का तड़का

अब Reddit जैसी वेबसाइटों पर ये किस्सा शेयर हुआ, तो लोगों की प्रतिक्रियाएं भी कमाल की आईं! एक कमेंटेटर ने चुटकी ली, "असली सिगरेटिया होता तो भीगी सिगरेट भी उठा लेता, सुखाकर पी लेता!" अपने यहां भी तो कहते हैं – सच्चा बीड़ी-सिगरेट वाला तो झूठे में भी दम लगा लेता है।

एक अन्य ने मज़ाक किया, "यार, क्या तुमने खुद की सिगरेट बर्बाद कर दी सिर्फ़ इसलिए कि कोई अनजान आदमी मांग रहा था?" इस पर खुद कहानी सुनाने वाले टेक्स भाई ने जवाब दिया, "भाई, बदमाशी करनी थी तो कर दी!"

कई लोगों ने बहस छेड़ दी कि ये ‘मैलिशियस कम्प्लायंस’ है या ‘छोटी सोच’? कुछ बोले, "अगर सिगरेट मांगने वाला वाकई परेशान होता, तो भीगी हुई सिगरेट भी उठा लेता, सुखाकर पी लेता; जैसे अपने यहां लोग कभी-कभी सिगरेट के टुकड़े तक इकट्ठे कर लेते हैं।"

दूसरी तरफ, कईयों ने कहा कि किसी अनजान को इस तरह बेइज्जत करना सही नहीं, खासकर जब वो खुद मजबूरी में मांग रहा हो। एक यूज़र ने लिखा, "अगर कोई सिगरेट की इतनी तलब में है कि गंदे डिब्बे से टुकड़े तक निकाल रहा है, तो उसकी हालत सचमुच दयनीय है।"

भारतीय संदर्भ – मस्तानी कहानियां, अपनी बोली में

सोचिए, अगर यही किस्सा दिल्ली के CP या बनारस के घाट पर हुआ होता! वहां तो बेचारा मांगने वाला या तो डांट खाकर चला जाता, या फिर मज़े में कहता – "भैया, फेंकने से क्या होगा, मुंह से निकालो ना!"

हमारे यहां तो ‘भैया, एक सिगरेट देना’ का भी सामाजिक ताना-बाना है। कभी-कभी तो दोस्ती की शुरुआत ही ऐसे होती है। लेकिन कई बार कुछ लोग इतने हठी या हकदार बन जाते हैं कि दिल से देने का मन नहीं करता।

फिर भी, हमारे समाज में ‘बड़े दिल’ दिखाने की परंपरा है। सिगरेट, चाय, या फिर पानी – मांगने वाले को टालना कई बार असहज लगता है। लेकिन जैसा टेक्स भाई ने किया, उसमें एक हल्की-सी शरारत, एक किस्म की ‘छोटी बदमाशी’ भी थी, जो कभी-कभी मनोरंजन के लिए चल जाती है।

निष्कर्ष – आप क्या करते?

तो दोस्तों, अगली बार जब आपसे कोई अनजान शख्स सिगरेट या कोई और चीज़ मांगे, तो क्या आप टेक्स भाई की तरह शरारत करेंगे, या अपनापन दिखाएंगे? क्या आपको लगता है कि ये सही था, या आपको यह ‘पेटी रिवेंज’ लगी?

अपने विचार कमेंट में ज़रूर साझा करें! और हां, अगर आपके पास भी ऐसी कोई मज़ेदार या अजीब घटना है, तो हमें जरूर सुनाएं। आखिर, जिंदगी तो इसी तरह की छोटी-छोटी कहानियों में ही असली मजा है!


मूल रेडिट पोस्ट: Soggy Cigarettes