बारिश में बदला: जब भगवान ने 'कार-मा' दिखा दिया
कई बार ज़िन्दगी में ऐसा होता है कि कोई आपको बेवजह परेशान करने की कोशिश करता है, लेकिन ईश्वर या किस्मत ऐसे मौके पर कुछ ऐसा कर जाती है कि देखने वाले भी हंस पड़ें। ऐसी ही एक खट्टी-मीठी, चुटीली और सच्ची घटना Reddit पर पढ़ने को मिली, जिसने न सिर्फ हँसी ला दी बल्कि यह भी याद दिला दिया—'जो दूसरों के लिए गड्ढा खोदता है, खुद उसी में गिरता है'!
स्कूल के मस्तीभरे दिन और बारिश की शरारत
यह क़िस्सा करीब 12 साल पुराना है, जब लेखक (तब 16 साल का) अपने दोस्तों के साथ स्कूल से घर लौट रहा था। बारिश हो रही थी, लेकिन इतनी तेज़ नहीं कि छाता निकालना पड़े—बस रिमझिम फुहारें, और सड़क के किनारे पानी का सैलाब। अब भला किशोरों का दिल कहां मानता है—वो कभी भी, कहीं भी मस्ती करने से पीछे नहीं हटते। दोस्त लोग बारिश में गाने गाते, पेड़ पर चढ़ते, एक-दूसरे की टांग खींचते जा रहे थे।
जब कारवाले साहब बने 'बदमाश'—और किस्मत ने दिया जवाब
तभी अचानक एक कार आती है। सड़क इतनी चौड़ी थी कि गाड़ी वाले को किनारे के पानी से बचकर निकलने में कोई दिक्कत नहीं थी। लेकिन साहब को तो बदमाशी सूझी—सीधा पानी के गड्ढे की तरफ गाड़ी मोड़ दी, ताकि ये सारे लड़के अच्छे से भीग जाएं। जैसे ही सबने गाड़ी की स्पीड बढ़ती देखी, तुरंत एक-दूसरे को पकड़ कर दीवार के पास खींच लिया—मन में यही डर था कि कहीं टक्कर न मार दे!
लेकिन होता है वही, जो किस्मत को मंज़ूर हो। अचानक तेज़ आवाज़—‘ठक्’! हल्की सी छींटे ज़रूर पड़ीं, लेकिन असली तमाशा तो पीछे हुआ। देखा तो कार वहीं खड़ी, उसके टायर से धुआं उठ रहा, और सामने का बम्पर अंदर धंसा हुआ! असल वजह थी— ड्रेनेज के पास निकली एक लोहे की रॉड, जो पानी में छुपी थी। कारवाले का सारा जोश ठंडा, और सड़क पर बम्पर की ऐसी-तैसी।
'कार-मा' का कमाल: जब खुद की चालाकी पर पड़ा भारी
अब सोचिए, जब किसी की बदमाशी खुद उसी पर भारी पड़े, तो दोस्तों का हँसना तो बनता है! सबने मिलकर ऐसे ज़ोर-ज़ोर से उंगली दिखाकर हंसना शुरू किया कि जैसे 'मुन्ना भाई' के सर्कस के जोकर हों। कारवाले महाशय गुस्से में आग-बबूला, लेकिन भला क्या कर सकते थे—आखिर बच्चों को पीटेंगे? यह नज़ारा ऐसा था कि डर की जगह हँसी छूट गई।
एक Reddit उपयोगकर्ता ने बड़े मज़ेदार अंदाज़ में लिखा— “इसे तो ‘कार-मा’ कहते हैं!”—यानि कार और कर्म का ऐसा मेल, जो तुरंत फल दे जाए। एक और ने चुटकी ली— “जब आपके बम्पर को प्रकृति का स्पीड-ब्रेकर सबक सीखा दे!” इसी तरह कई लोगों ने अपने-अपने शहरों की बारिश, गड्ढों, और ऐसे ही 'कर्म के बदले' वाले किस्से साझा किए।
भारत में भी कम नहीं ऐसे किस्से!
हमारे देश में तो ऐसे दृश्य आम हैं—बारिश में सड़क पर चलते समय कोई गाड़ीवाला स्पीड बढ़ाकर पानी उछाल दे, और आपके कपड़े एकदम ‘मदर इंडिया’ के क्लाइमेक्स जैसे हो जाएं! पर अक्सर होता क्या है? कभी-कभी यही लोग गड्ढे में फंस जाते हैं, या पानी में छुपे किसी पत्थर से टकरा जाते हैं। एक पाठक ने लिखा, “हमारे मोहल्ले में एक बार एक ड्राइवर ने पानी के पास से तेज़ गाड़ी निकाली, लेकिन थोड़ी ही दूरी पर उसकी गाड़ी बंद हो गई और सबने मिलकर ताली बजाई!” ये वही मज़ा है, जो Reddit की पोस्ट में था।
छोटी-सी सीख, बड़ी बात
इस किस्से से एक सीधी बात निकलती है—'दूसरों का दिन खराब मत करो, वरना किस्मत भी तुम्हारे साथ वही कर सकती है!' चाहे स्कूल के दोस्त हों या मोहल्ले के बच्चे, मस्ती अपनी जगह, लेकिन दूसरों की परेशानी में मज़ा लेना कभी-कभी खुद के लिए मुसीबत बन सकता है। जैसे एक कमेंट में बड़े प्यार से लिखा गया—“बस, सड़क पर आराम से गाड़ी चलाओ, ये कोई रॉकेट साइंस नहीं है।”
निष्कर्ष: आपकी कहानी क्या है?
तो दोस्तों, अगली बार जब आप बारिश में चल रहे हों और कोई गाड़ीवाला पानी उछाल जाए, तो याद रखिए—किस्मत कभी भी पलट सकती है! क्या आपके साथ भी ऐसा कोई मज़ेदार या बदला लेने वाला किस्सा हुआ है? नीचे कमेंट में ज़रूर बताइए। और हां, दूसरों की खुशी में खलल डालने से पहले, 'कार-मा' को याद कर लेना!
मूल रेडिट पोस्ट: How about you don't try to ruin someone's day?