बिना फ़िल्टर केविन: जब मज़ाकबाज़ी की हद पार हो गई थिएटर में
हमारे दफ्तरों और कार्यस्थलों में हर तरह के लोग मिलते हैं – कोई मेहनती, कोई शांत, कोई हँसमुख, और फिर होते हैं 'केविन' जैसे लोग, जिनके लिए दुनिया एक बड़ा मज़ाक है और दूसरों को परेशान करना उनका पसंदीदा शौक। आज की कहानी एक ऐसे ही केविन की है, जो थिएटर में काम करता था, लेकिन अपनी बेहूदा हरकतों की वजह से अंत में नौकरी से हाथ धो बैठा।
जब मज़ाक बन जाए सिर दर्द: केविन की अजीब आदतें
आपने अपने ऑफिस में ऐसे लोगों को जरूर देखा होगा, जो बिना किसी रोक-टोक के बोलते रहते हैं। केविन भी कुछ ऐसा ही था – Star Wars और वीडियो गेम्स (For Honor, Warcraft, Halo वगैरह) उसके हर बातचीत का हिस्सा थे। अगर उसने एक बार किसी से पूछ लिया – "अगर तुम्हारे पास कोई भी Light Saber हो सकता, तो कौन सा लेते?" – तो जवाब चाहे जो भी दो, वो दोबारा, तिबारा वही सवाल पूछेगा।
एक बार जब मैं (कहानी की लेखक) और केविन थिएटर के ऑडिटोरियम की सफाई कर रहे थे, उस समय मेरी ऊँचाई कम (4'9) होने की वजह से मैं छोटा झाड़ू इस्तेमाल करती थी। केविन ने बड़े ही अजीब अंदाज़ में मेरी झाड़ू को देखा और पूछ बैठा, "तुम ये पुराना झाड़ू क्यों यूज़ करती हो?" मैंने समझाया कि इससे मुझे कम तकलीफ होती है, लेकिन सज्जन केविन ने तुरंत बेहूदी सी हंसी के साथ अंग्रेज़ी में वो बेहूदा मज़ाक कर दिया – "That's what she said" (मतलब – 'यही उसने कहा', लेकिन यहाँ इसका अर्थ अश्लील मज़ाक बन जाता है)।
अब सोचिए, आप गंभीरता से अपनी तकलीफ बता रहे हों और सामने वाला सुनने की बजाय मज़ाक उड़ाए, तो कैसा लगेगा? मैंने उसे सीरियसली बताया कि मुझे सचमुच दर्द होता है, लेकिन केविन तो अपनी ही धुन में – "मज़ाक था, Tray (दूसरे सहकर्मी) भी होता तो हँसता"। मैंने उसे दिनभर अनदेखा किया और आगे चलकर अपनी मैनेजर ब्रियाना को बताया, जिन्होंने तुरंत सलाह दी कि मुझे ये घटना AM (Assistant Manager) और GM (General Manager) तक पहुँचानी चाहिए।
सिर्फ़ मासूमियत नहीं, ये थी शुद्ध बदमाशी
कई लोग सोचते हैं कि ऐसे लोग बस थोड़े 'मूर्ख' या मासूम होते हैं, लेकिन Reddit पर एक यूज़र ने लिखा – "ये सिर्फ़ केविन नहीं, ये तो बदमाश है!" सचमुच, केविन की हरकतें यहीं खत्म नहीं थीं। वो जानबूझकर अपने सहकर्मियों के काम करने के तरीकों में टांग अड़ाता, उल्टा काम करता और उनकी नाराज़गी पर और ज़्यादा मुस्कुराता।
एक बार उसने ग्राहक को उँगली दिखा दी, कई बार झाड़ू कंधे पर ऐसे रखता कि किसी के मुँह पर लग जाए, और हर किसी से बार-बार वही Star Wars वाले सवाल पूछता। Reddit पर एक और कमेंट आया – "ऐसे लोग तब तक नहीं बदलते जब तक सही में किसी ने उन्हें टोक न दिया हो"। काम के माहौल में, जहाँ सबको एक-दूसरे की इज्ज़त करनी चाहिए, वहाँ केविन जैसे लोग चीज़ें मुश्किल बना देते हैं।
क्या ये सिर्फ़ 'मज़ाक' था या कुछ ज़्यादा?
यहाँ एक दिलचस्प बहस भी हुई – क्या केविन का "That's what she said" वाला मज़ाक यौन उत्पीड़न (sexual harassment) की श्रेणी में आता है? एक कमेंट के अनुसार, "ये सिर्फ़ उम्र का मसला नहीं, ऐसी बातें हर उम्र में अनुचित हैं।" वहीं कुछ ने कहा – "एक बार का मज़ाक हो सकता है, लेकिन बार-बार वही लाइन दोहराना, खासकर जब सामने वाला असहज हो रहा हो, तो ये सही नहीं।"
ब्रियाना, जो खुद एक माँ भी थीं, ने साफ़ कहा कि अगर कोई नाबालिग लड़की होती, तो ये मामला और गंभीर हो जाता। Reddit पर किसी ने लिखा – "केविन को लगता था कि असल ज़िंदगी भी Reddit के कमेंट सेक्शन जैसी है, लेकिन असलियत में ऐसा नहीं चलता!"
दफ्तर की संस्कृति और सुधार की सीख
हमारे यहाँ (भारत में) भी अक्सर देखा जाता है कि कुछ लोग 'मज़ाक' के नाम पर हदें पार कर जाते हैं। कभी-कभी ऐसी बातें ऑफिस के माहौल को बिगाड़ देती हैं और कई बार महिलाएँ या अन्य सहकर्मी चुपचाप सह लेते हैं। लेकिन इस कहानी में, मैनेजर ने सही समय पर सुनवाई की और बाकी सहकर्मियों की शिकायतें भी ध्यान में रखीं। आखिरकार, जब पानी सिर के ऊपर गया, तो केविन को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
कुछ Reddit यूज़र्स ने यह भी बताया कि शायद केविन को उसके परिवार से कभी सही दिशा नहीं मिली – "उसके पापा भी सबकी बातों पर हँस देते हैं, उसी ने ये आदत बेटे में डाल दी है।" लेकिन दफ्तर में ये सब नहीं चलता, चाहे आपकी परवरिश जैसी भी हो। अंत में, मैनेजर और कर्मचारियों की समझदारी से कार्यस्थल का माहौल सुरक्षित और सम्मानजनक बना रहा।
क्या आपने भी देखे हैं ऐसे 'केविन'?
अगर आपके ऑफिस या कॉलेज में भी कोई ऐसा 'केविन' है, जो दूसरों की भावनाओं का मज़ाक उड़ाकर खुद को बड़ा समझता है, तो उसे नजरअंदाज़ मत कीजिए। जरूरी हो तो सीनियर से बात करें, क्योंकि छोटी-छोटी बातें भी बड़ा असर डालती हैं। और हाँ, दूसरों की परेशानियों का मज़ाक बनाने की आदत किसी के लिए भी सही नहीं – चाहे वो गेम्स की बातें हो या झाड़ू पकड़ने के तरीके!
निष्कर्ष: मज़ाक की भी होती है हद
केविन की कहानी हमें यही सिखाती है कि कार्यस्थल पर हँसी-मज़ाक अपनी जगह, लेकिन जब वो किसी की तकलीफ, सम्मान या सुरक्षा पर असर डालने लगे, तो समय रहते आवाज़ उठाना ज़रूरी है। तो दोस्तों, क्या आपके ऑफिस में भी कोई 'केविन' है? अपने अनुभव नीचे कमेंट में ज़रूर साझा करें – आखिर, कहानियाँ साझा करने से ही तो हम सब कुछ नया सीखते हैं!
मूल रेडिट पोस्ट: No filter = no employment Kevin