विषय पर बढ़ें

पेरिस एयरपोर्ट पर बच्चों की शरारत ने सिखाया घमंडी महिला को सबक!

पेरिस हवाई अड्डे पर बैठने का भीड़भाड़ वाला क्षेत्र, जहां परिवार आराम कर रहे हैं और अपनी उड़ानों का इंतजार कर रहे हैं।
इस सिनेमाई दृश्य में, परिवार पेरिस हवाई अड्डे के व्यस्त बैठने के क्षेत्र में एकत्रित होते हैं, यात्रा की उत्साह और थकान को दर्शाते हुए। जब मैं और मेरी बहन हमारे दो ऊर्जावान भतीजों के साथ भीड़ में Navigating कर रहे थे, हमने अंतरराष्ट्रीय यात्रा का जीवंत लेकिन अव्यवस्थित माहौल अनुभव किया।

कहते हैं, जब बच्चों की मस्ती का सामना किसी के घमंड से होता है, तो नतीजा अक्सर बड़ा मजेदार और सीख देने वाला होता है। विदेशी एयरपोर्ट्स की भीड़, थकान और सीटों के लिए मची होड़ तो आपने फिल्मों में देखी ही होगी, लेकिन पेरिस के चार्ल्स डी गॉल एयरपोर्ट पर जो हुआ, वो किसी बॉलीवुड मसाले से कम नहीं!

सीटों की जंग: भारतीय रेलवे जैसी अफ़रातफरी

सोचिए, आप अपने परिवार के साथ एक लंबी उड़ान के बाद पेरिस एयरपोर्ट पर उतरे हैं। थकान से चूर बच्चे, उनमें से एक के कृत्रिम पैर (ब्लेड प्रोस्थेटिक्स) जो सफर के दौरान और भी तंग हो गए हों, और ऊपर से चार साल का बच्चा जो किसी भी पल धमा-चौकड़ी मचाने को तैयार हो! ऐसे में जब आप गेट के पास बैठने की जगह ढूंढें और हर ओर भीड़ ही भीड़ हो, तो किसे याद नहीं आते दिल्ली या मुंबई रेलवे स्टेशन के वो नज़ारे?

ठीक वैसे ही, Reddit यूज़र ने बताया कि कैसे उन्होंने अपनी बहन और दो भांजों के साथ इटली जाने के लिए पेरिस में फ्लाइट बदलनी थी। बहुत लंबा रास्ता और भीड़-भाड़ के बाद जैसे-तैसे गेट के पास पहुँचे। लेकिन सीटें तो यहां भी 'पहले आओ, पहले पाओ' के नियम पर ही थीं!

घमंडी महिला और बच्चों की टोली

अब असली कहानी शुरू होती है। महिला एक सीट पर बैठी थी और उसके दोनों तरफ दो खाली सीटें थीं। बहन ने बड़ी विनम्रता से आग्रह किया, "क्या आप एक सीट खिसक सकती हैं, ताकि दोनों बच्चे साथ बैठ जाएं? देखिए, इनके कृत्रिम पैर हैं, इन्हें बैठना जरूरी है।" परंतु, उस महिला ने तो जैसे 'मैं ही सब कुछ हूं' वाला रवैया अपना लिया। साफ मना कर दिया और शायद सोचा कि ये परिवार कहीं और बैठ जाएगा।

यहाँ पर Reddit की दुनिया के लोग खूब मजे लेते हैं। एक कमेंट में किसी ने चुटकी ली, "क्या शानदार महिला थी! बेचारे बच्चों ने उसकी आराम फरमाने की योजना पर पानी फेर दिया।" (u/I_Have_CDO) सच में, भारत में ऐसी स्थिति होती तो कोई न कोई 'अंटी' जरूर बच्चों के लिए जगह बना देती, पर पेरिस वालों का दिल कुछ ज्यादा ही छोटा निकला!

बच्चों की मस्ती ने सिखाया सबक

अब बहन का दिमाग चल गया। दोनों बच्चों को उस महिला के दाएं-बाएं बिठा दिया। छोटे बच्चों के जोश को कौन रोक सकता है? एक तो चार साल का, ऊपर से एयरपोर्ट जैसी जगह, जहां सब कुछ नया-नया लगता है—बच्चे तो उछल-कूद मचाने लगे। बहन बीच में बैठ गई, महिला दोनों ओर बच्चों के बीच फंसी रही।

बस फिर क्या था, महज एक मिनट में महिला को अपनी गलती का एहसास हो गया। वह जल्दी से सीट छोड़कर चली गई। बाद में, जब विमान में चढ़ते समय महिला मिली, तो नज़रें मिलाने की हिम्मत भी नहीं हुई!

यहां एक कमेंट ने बड़ी दिलचस्प बात कही—"उनका उत्साह उस महिला को रास नहीं आया?" (u/CoderJoe1) और एक अन्य यूज़र ने लिखा, "कर्मा ने तुंरत अपना काम कर दिया!" (u/Thick_Unit_3163) ये तो वही बात हो गई, "जैसी करनी, वैसी भरनी!"

एयरपोर्ट्स, भीड़ और भारतीय जुगाड़

वैसे, कमेंट सेक्शन में चार्ल्स डी गॉल एयरपोर्ट की बुराईयों का भी खूब जिक्र हुआ। किसी ने लिखा, "सीडीजी (CDG) दुनिया का सबसे खराब एयरपोर्ट है, मैं फिर कभी जाना नहीं चाहूंगा!" (u/water_sty1900) और किसी ने तो भारतीयों की तरह जुगाड़ू अंदाज में सलाह दी—"पेरिस मेट्रो शानदार है, एयरपोर्ट से सीधा शहर पहुंच सकते हैं।" (u/FatTim48)

कुछ लोगों ने तो बच्चों की शरारत को 'माँ का हथियार' बताया—"मैं भी जब अपने बच्चे के लिए सीट मांगती हूं और सामने वाला मना करता है, तो मैं उसके बगल में बैठ जाती हूं। फिर बच्चे की उठक-बैठक देखकर खुद ही भाग जाते हैं!" (u/Estudiier)

निष्कर्ष: बच्चों से बड़ा कोई 'रिवेंज मास्टर' नहीं!

तो दोस्तों, ये कहानी हमें सिखाती है कि कभी-कभी छोटे-छोटे बदमाशियां भी बड़े सबक सिखा जाती हैं। भारतीय संस्कृति में हम कहते हैं, "अतिथि देवो भव", लेकिन यह भी सच है कि जब बात बच्चों या जरूरतमंदों की आती है, तो इंसानियत सबसे ऊपर होनी चाहिए।

अगर अगली बार आप भी किसी एयरपोर्ट या बस-स्टैंड पर ऐसी स्थिति में फंसें, तो याद रखिए—बच्चों की एनर्जी से बड़ा कोई हथियार नहीं! और हाँ, थोड़ी सी विनम्रता और समझदारी हमेशा काम आती है।

आपका क्या अनुभव रहा है ऐसी किसी 'सीटिंग जंग' में? कमेंट में जरूर बताइए। और अगर आपको ये कहानी पसंद आई हो, तो शेयर करना न भूलें—शायद अगली बार कोई और भी अपने 'जुगाड़' से किसी को सबक सिखा दे!


मूल रेडिट पोस्ट: Crowded Paris airport seating