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पार्किंग वाले 'जस्टिस' का किस्सा: जब 'सॉकर मॉम' को मिली उसकी ही दवाई

किराने की दुकान के पार्किंग क्षेत्र में खड़ी पिकअप ट्रक की कार्टून-3डी चित्रण, रोजमर्रा के पलों को कैद करता है।
एक जीवंत कार्टून-3डी दृश्य जिसमें पिकअप ट्रक व्यस्त किराने की दुकान के पार्किंग में खड़ा है, तुरंत सफाई के सामान की खरीदारी के लिए बिल्कुल सही।

क्या आपने कभी किसी शॉपिंग मॉल या बड़े स्टोर के बाहर पार्किंग में वो खिच-खिच देखी है, जब लोग गाड़ी लगाते वक्त छोटे-बड़े झगड़े कर बैठते हैं? कभी किसी ने हॉर्न बजा-बजाकर आपकी नाक में दम किया, तो कभी किसी ने गाड़ी घुसाकर आपकी जगह छीन ली। अब सोचिए, अगर कोई आपको ऐसे ही परेशान करे, तो आप क्या करेंगे? आज की कहानी है एक ऐसे ही आम इंसान की, जिसने अपने ‘पेट्टी रिवेंज’ से सबको हँसा दिया और एक अजीब सा सुकून भी मिल गया।

पार्किंग में 'राजा' कौन? – आम ज़िंदगी की असली जंग

हमारे ही जैसे एक आम आदमी, जो पेशे से कंस्ट्रक्शन में काम करते हैं, बड़े स्टोर के बाहर अपनी पिकअप ट्रक में बैठे थे। बस कुछ सफाई का सामान लेना था, यानी जल्दी-जल्दी जाना था, न कि किसी से भिड़ना। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था। जैसे ही वो बैक करते हैं, एक 'टिपिकल' छोटे बालों वाली, स्टाइलिश कपड़े पहने 'सॉकर मॉम' अपनी चमचमाती Audi SUV लेकर पीछे से आ धमकती हैं। हॉर्न पे हॉर्न, लाइटें चमकती हुई, और उनका इरादा साफ़—इस जगह पर उनकी गाड़ी लगेगी!

अब हमारे भाईसाहब की गाड़ी, जो वैसे भी साइकिल से कम नहीं मुड़ती (वैसे ही जैसे हमारे यहाँ ट्रैक्टर चलाना हो शहर में), वो तो फँस ही गए। Reddit पर एक कमेंट था—"मुझे वो लोग बहुत खटकते हैं जो आपकी जगह चाहते हैं, पर आपको निकलने की जगह ही नहीं देते!" भाई, ये तो भारत के हर पार्किंग की कहानी है! यहाँ तो लोग आपकी बाइक के हैंडल पर भी स्कूटर चढ़ा देंगे।

धैर्य का बदला: 'सॉकर मॉम' का इंतजार और कॉमेडी

अब होता क्या है? हमारी कहानी के हीरो ने गाड़ी पार्क में डाल दी, और बस पीछे मुड़कर उस 'सॉकर मॉम' को घूरते रहे। उधर मैडम हॉर्न पर हॉर्न मारती रहीं, और पीछे बाकी गाड़ियाँ भी ब्लॉक हो गईं। Reddit पर एक और कमेंट आया—"अगर कोई हॉर्न बजा-बजाकर मुझे जल्दी भगाने की कोशिश करता है, तो मैं वहीं बैठकर फोन निकाल लेता हूँ, या वापस दुकान चला जाता हूँ!"

सोचिए, भारत में भी कोई आपको तंग करे तो हम क्या करते हैं? या तो गाड़ी से उतरकर चाय पीने लगेंगे, या फिर वहीं गाड़ी धोना शुरू कर देंगे! एक सज्जन ने कमेंट में लिखा—"अगर कोई मुझे हॉर्न मारकर परेशान करता है, तो मैं 'वार एंड पीस' किताब निकालकर पढ़ना शुरू कर दूँगा, चाहे पूरी दुनिया खत्म हो जाए!"

हिम्मत और 'पेट्टी रिवेंज' – कभी-कभी जरूरी भी है!

हमारे यहाँ एक कहावत है—"जैसा बोओगे, वैसा काटोगे।" 'सॉकर मॉम' ने जितनी ज़िद दिखाई, उतना ही मज़ा आया उन्हें सबक सिखाने में। Reddit पर कई लोगों ने लिखा, "ऐसे लोगों को सबक सिखाना ही चाहिए! एक बार किसी ने मेरे पीछे गाड़ी लगाई, तो मैंने पीछे वाले ड्राइवर से बोला—'अगर आप इंतजार कर सकते हैं, तो ये जगह आपकी!' मैडम गुस्से में फट पड़ीं, और मज़ा आ गया!"

असल में, ये छोटी-छोटी बदला-भावनाएँ कभी-कभी हमारे दिन को खुशनुमा बना देती हैं। जैसे OP (मूल लेखक) ने लिखा—"मैं तो अब जल्दी में रहता ही नहीं, सब काम आराम से करता हूँ। किसी को ऐसे घूरकर परेशान करना मेरे दिन की सबसे मजेदार बात थी!"

भारतीय पार्किंग संस्कृति और सीख

हमारे यहाँ पार्किंग की तंगी, धैर्य की कमी और 'जगह मेरी है' वाली मानसिकता हर जगह मिलती है। कई बार लोग इतने उतावले हो जाते हैं कि दूसरों को परेशान करना अपना अधिकार समझ बैठते हैं। पर Reddit के इस किस्से ने सिखाया कि कभी-कभी थोड़ा सा धैर्य, थोड़ी सी चालाकी और बहुत सा हास्य, ऐसे लोगों के घमंड को तोड़ देता है।

एक और पाठक ने खूब लिखा—"अगर कोई हॉर्न बजा-बजाकर परेशान करे, तो वहीं फोन पर गाने सुनना शुरू कर दो, या कार में झपकी ले लो।" और सच कहें तो, आजकल की भागदौड़ में कभी-कभी वक्त बर्बाद करना भी एक किस्म की खुशी देता है—बशर्ते वो सही इंसान के लिए किया जाए!

निष्कर्ष: आपकी क्या राय है?

तो दोस्तों, इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है? कभी-कभी छोटी-छोटी बातों में भी सम्मान और धैर्य दिखाना जरूरी है। पर अगर कोई अपनी अकड़ में हो, तो थोड़ा सा 'पेट्टी रिवेंज' भी जायज़ है—मज़ा भी आता है, और सामने वाले को भी सबक मिल जाता है।

आपका क्या अनुभव है पार्किंग के ऐसे 'जंग के मैदान' में? कभी किसी ने आपको परेशान किया या आपने भी किसी को मज़ेदार सबक सिखाया? कमेंट में जरूर बताइए, और अगर ये कहानी आपको पसंद आई हो, तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें।

आखिरकार, ज़िंदगी में थोड़ा हँसी-मज़ाक भी जरूरी है—चाहे वो पार्किंग में हो या Reddit की गलियों में!


मूल रेडिट पोस्ट: Parking lot justice