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पड़ोसी की घास पर चलने का बदला या कूड़े के डिब्बों की जंग!

मोहल्ले की सैर के दौरान, एक कचरे का डिब्बा फुटपाथ को अवरुद्ध कर रहा है, पीछे हरे घास के साथ।
फुटपाथ पर एक कचरे के डिब्बे द्वारा अवरुद्ध दृश्य, मोहल्ले की सैर की दैनिक चुनौतियों को दर्शाता है। जानिए कैसे साधारण क्रियाएँ हमारे साझा स्थानों पर प्रभाव डाल सकती हैं!

अरे भई, मोहल्ले की ज़िंदगी भी क्या कम दिलचस्प होती है! सुबह-सुबह टहलने निकलो, ताज़ी हवा लो, और कभी-कभी छोटे-मोटे झगड़े-झंझट भी मुफ्त मिल जाते हैं। सोचिए, अगर आपके रास्ते में हर दूसरे दिन कूड़े का डिब्बा मुंह बाए खड़ा हो जाए, और आपको मजबूरी में किसी की हरी-भरी घास पर पैर रखना पड़े – तो क्या करेंगे आप?

कूड़े के डिब्बे बनाम मोहल्ले की शान

हमारे आज के नायक की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। अमेरिका के एक मोहल्ले में, जहां हर घर अपने पसंदीदा कूड़ा उठाने वाली कंपनी से सेवा लेता है (जैसे हमारे यहां दूधवाले, अखबारवाले चुनते हैं), वहां हर दिन अलग-अलग घरों के सामने कूड़े के डिब्बे सज जाते हैं। और दिक्कत ये कि लोग इन डिब्बों को सीधा फुटपाथ के बीचों-बीच रख देते हैं।

अब साहब, फुटपाथ तो सबका हक है – बूढ़े, बच्चे, गर्भवती महिलाएं, व्हीलचेयर वाले या जैसे हमारे कहानीकार, जो घुटने की चोट के कारण छड़ी लेकर चल रहे थे। ऐसे में बार-बार सड़क पर उतर कर चलना, वो भी छड़ी के सहारे, कोई मज़ाक नहीं।

तो जनाब ने रास्ता निकाला – जब भी डिब्बा रास्ता रोके, सीधा पड़ोसी की घास पर दो कदम! ना जोर से कूदी, ना कोई नुकसान, बस हल्के से उसके लॉन को छू लिया। और मज़ेदार बात – मोहल्ले वालों को अपनी घास पर किसी का पैर पड़ना नागवार गुजरता है! जैसे हमारे गांवों में कोई बिना पूछे चौपाल की चारपाई पर बैठ जाए, वैसा गुस्सा!

छोटी बदला, बड़ी संतुष्टि

यह बदला तो बड़ा ही मासूम था, लेकिन दिल को गज़ब की तसल्ली देने वाला। खुद कहानीकार के मुताबिक – “कोई आज तक टोकने नहीं आया, लेकिन घास पर चलकर जो सुकून मिलता है, वो अलग ही लेवल का है!”

इंटरनेट की दुनिया में जब इस कहानी को Reddit पर शेयर किया गया, तो कमेंट्स की लाइन लग गई। एक सज्जन ने मज़ाक में लिखा, “कहीं आप छड़ी के साथ-साथ कैंची भी लेकर तो नहीं चलते, असली विद्रोही बन गए हैं!” वहीं, दूसरे ने सुझाव दिया, “अब अगला कदम ये होना चाहिए कि उनके गार्डन के बौने (garden gnome) की जगह वहां छोटे-छोटे प्लास्टिक के फ्लेमिंगो रख दो – देखो कैसे मोहल्ला दहलता है!”

हमारे देश में तो अगर किसी ने गमले में ही छेड़छाड़ कर दी, तो अगला हफ्ता उसी की चर्चा में बीतेगा!

नियम, कानून और मोहल्ले का ताना-बाना

कुछ लोगों ने गंभीर सुझाव भी दिए – जैसे कि अमेरिका में दिव्यांग जनों के लिए बने कानून के तहत फुटपाथ साफ रखना ज़रूरी है, वरना जुर्माना लग सकता है। एक पाठक ने तो कहा, “आप इन डिब्बों की फोटो लेकर कूड़ा कंपनियों को भेजो, और कहो कि जब तक रास्ता साफ नहीं, कूड़ा मत उठाओ – देखना कैसे सब लाइन पर आ जाएंगे!”

हमारे यहां भी अगर रास्ते में कोई गाड़ी या ठेला रास्ता रोक ले, तो लोग घर-घर में ताना कसना शुरू कर देते हैं – “देखो जी, इनका तो बस चले तो पूरी गली घेर लें!”

एक और मज़ेदार कमेंट आया – “अगर घास पर चलना है तो छड़ी पूरी ताकत से टिकाओ, ताकि वहां एक छोटा सा गड्ढा बन जाए – अगली बार घास और घनी हो जाएगी!”

मोहल्ले की राजनीति: अधिकार, अहंकार और अपनापन

कईयों ने ये भी कहा कि मोहल्ले वाले असल में अपने लॉन को अपनी ‘इज्जत’ समझते हैं, भले ही वो जगह कानूनन सरकारी हो। जैसे हमारे यहां मोहल्ले का नुक्कड़ – वो चाहे पंचायत की हो या नगर निगम की, लेकिन मोहल्ले वाले उसे अपनी जागीर मानते हैं।

एक पाठक ने लिखा – “शायद आपके पड़ोसी अब आपको अपना सरदार मानने लगे हैं, तभी कोई कुछ नहीं बोलता!”

कुछ लोगों ने ये भी बताया कि अपने यहां (जैसे भारत में) तो कूड़ा उठाने का काम नगर निगम करता है, किसी शिकायती नंबर पर फोन करने से फौरन कार्रवाई भी हो सकती है। लेकिन अमेरिका में तो कई बार हर घर अपनी कंपनी चुनता है – सोचिए, हर दिन गली में अलग-अलग रंग के कूड़े के डिब्बे, और हर कोई अपने नियमों में मस्त!

निष्कर्ष: कभी-कभी छोटा सा बदला भी बड़ी राहत दे देता है

कहानीकार अब छड़ी छोड़कर फिर से दौड़ने लगे हैं, लेकिन मोहल्ले की सैर और ये छोटा-सा बदला आज भी जारी है। आखिरकार, अगर आपके रास्ते में कोई बार-बार दीवार बनकर खड़ा हो जाए, तो हल्की-सी शरारत में हर्ज़ ही क्या है?

तो अगली बार जब आपके मोहल्ले की गली में कोई अपनी चीज़ बीच रास्ते रख दे, तो याद रखिए – कभी-कभी दो कदम घास पर चलना भी बहुत कुछ सिखा सकता है – और मोहल्ले में हंसी-मज़ाक का नया बहाना बन जाता है!

आपके मोहल्ले में ऐसी कोई दिलचस्प घटना हुई है? या आपने कभी किसी छोटी शरारत से बड़ी सीख दी हो? अपनी कहानी कमेंट में ज़रूर बताइए – आखिर, जिंदगी के असली किस्से तो मोहल्ले की गलियों से ही निकलते हैं!


मूल रेडिट पोस्ट: Don’t want me walking on your lawn? Don’t leave your garbage can blocking the sidewalk.