जिम में हाथ न धोने वाले को मिली छोटी मगर तगड़ी सज़ा – जानिए क्यों है हाथ धोना ज़रूरी!
क्या आपने कभी गौर किया है कि आपके आसपास, खासकर जिम या ऑफिस में, कितने लोग शौचालय के बाद बिना हाथ धोए ही बाहर निकल जाते हैं? सोचिए, वही लोग फिर जिम के डंबल, मशीनें या ऑफिस की फाइलें छूते हैं… और फिर हम सोचते हैं कि बार-बार बीमार क्यों पड़ते हैं! आज हम आपको एक ऐसे शख्स की कहानी सुनाने जा रहे हैं, जिसने बड़े मज़ेदार अंदाज़ में, बिना हाथ धोने वाले को सबक सिखाया – और साथ ही हमें ये भी समझाया कि सफाई क्यों है ज़रूरी।
जिम में छोटी सी बदला-कहानी, बड़ी सीख
कहानी Reddit के एक यूज़र से शुरू होती है, जो रोज़ की तरह जिम में पसीना बहा रहा था। वर्कआउट के बाद शौचालय गया, ताकि हाथ अच्छे से धो सके। अब आप जान लीजिए, जिम जैसी जगहों पर हर तरह के कीटाणु (MRSA, वायरस वगैरह) बेहद आसानी से फैलते हैं। तभी एक लड़का पेशाब करके बाहर निकला, लेकिन हाथ धोने की ज़हमत ही नहीं उठाई।
अब Reddit वाले भाईसाहब ने अपना ‘पेट्टी रिवेंज’ लिया – वो ऐसे इत्मीनान से, सर्जन जैसी बारीकी से हाथ पोंछने लगे कि जैसे ऑपरेशन से पहले तैयारी हो! उधर बेचारा लड़का एक तरफ से दूसरी तरफ निकलने की कोशिश करता रहा, लेकिन हर बार उसे दरवाज़े तक पहुंचने में और देर हो गई। मज़ा ये कि अगर वो हाथ धो लेता तो शायद उतना समय ही न लगता!
‘हाथ धोना ज़रूरी है’ – अनुभवों की महफ़िल
इस पोस्ट के नीचे टिप्पणियों की ऐसी बाढ़ आई कि जैसे भारत में मानसून! एक पाठक ने लिखा, “ये कितनी घिनौनी बात है! फिर ये लोग जिम की मशीनें छूते हैं।” किसी ने कहा, “यही वजह है कि मैंने जिम की मेंबरशिप छोड़कर घर में ही जिम बना लिया, कम से कम खुद की सफाई पर भरोसा तो रहता है।”
एक और सज्जन का कहना था, “मैं तो मशीन इस्तेमाल करने से पहले और बाद में वाइप से अच्छे से साफ़ करता हूँ। कई लोग तो वर्कआउट करके सीधे बाहर निकल जाते हैं, बिना हाथ धोए – सोचकर ही उल्टी आ जाती है!”
यहाँ तक कि किसी ने अपने पिता का किस्सा सुनाया – “पापा व्हीलचेयर में थे, शौचालय से निकलते वक्त बोले – ‘मुझे हाथ धोने की ज़रूरत नहीं, मैंने अपने हाथों पर पेशाब थोड़े ही किया!’ उस वक्त मुझे लगा, अब बड़ों से कुछ और सीखना बाकी नहीं है।”
महिलाओं की भी कोई कमी नहीं…
अगर आप सोच रहे हैं कि ये सिर्फ पुरुषों का मामला है, तो ज़रा ठहरिए! एक पाठिका ने लिखा, “रेस्टोरेंट में पास वाली महिला टॉयलेट से निकली और बिना हाथ धोए बाहर चली गई – मुझे लगा जैसे ‘सीनफेल्ड’ सीरियल का कोई एपिसोड देख रही हूँ। अब मैं भी दरवाज़ा खोलने के लिए हमेशा टिश्यू इस्तेमाल करती हूँ।”
किसी ने तंज कसा – “अगर किसी के घर में बाहर टॉयलेट था और हैंडवॉश की सुविधा नहीं थी, तो आदत ही नहीं पड़ी। बाद में आर्मी में जाकर एहसास हुआ कि हाथ धोना क्यों ज़रूरी है – जांघ और बगल की जगहें बैक्टीरिया के लिए स्वर्ग हैं!”
वैज्ञानिक सलाह और देसी तर्क-वितर्क
अब आते हैं उन लोगों पर, जिन्हें हाथ धोना बेकार की बात लगती है। एक साहब बोले, “मैं अपने जननांग को छूता ही नहीं, सिर्फ ज़िप खोलता हूँ, तो हाथ किस बात के धोऊँ?” किसी ने लिखा, “मशीनों को इस्तेमाल करने से पहले और बाद में खुद ही साफ़ कर लो, किसी और पर मत छोड़ो।”
वैज्ञानिकों की मानें तो साबुन से कम-से-कम 20 सेकंड तक हाथ धोना चाहिए। अगर साबुन न हो, तो सिर्फ पानी भी काफी हद तक बैक्टीरिया हटा देता है। और हाँ, एयर ड्रायर से हाथ सुखाना कभी-कभी उल्टा नुकसान कर सकता है – इसलिए पेपर टॉवल से सुखाना बेहतर है।
एक मज़ेदार कमेंट में कहा गया – “अगर कोई बिना हाथ धोए टेबल पर बैठकर खाना शुरू कर दे, तो उसके सामने जोर से कहो – ‘भाई साहब, शौच के बाद हाथ धो लिया होता तो अच्छा रहता!’ देखना, सबकी शक्ल देखने लायक होगी!”
हमारी संस्कृति में सफाई का महत्व
भारत में तो बचपन से सुनते आए हैं – “स्वच्छता में ही ईश्वर का वास है।” लेकिन कितनों ने इसे सच में अपनाया है? कई बार देखा गया है कि स्कूलों, दफ्तरों या ट्रेनों में लोग हाथ धोना टाल देते हैं। फिर वही लोग दूसरों से हाथ मिलाते हैं, चाय-नाश्ते में हिस्सा लेते हैं, या बच्चों को छूते हैं। इससे बीमारियाँ फैलती हैं – कभी सर्दी-खांसी, कभी पेट के रोग।
हमारे यहाँ तो त्योहारों, धार्मिक आयोजनों में भी हाथ धोने का प्रचलन है। मगर रोज़मर्रा की आदतों में ये छूट न जाए, यही सबसे ज़रूरी है।
अंत में – छोटी सी आदत, बड़ी सुरक्षा
कहानी चाहे जिम की हो या दफ्तर-स्कूल की, हाथ धोना एक छोटी सी आदत है, जो आपको और आपके परिवार को बड़ी बीमारियों से बचा सकती है। अगली बार जब कोई बिना हाथ धोए निकलता दिखे, तो या तो उसे प्यार से टोक दें, या फिर Reddit वाले भाईसाहब की तरह हल्की-फुल्की शरारत से सबक सिखाएं।
आपका क्या अनुभव है – क्या आपने भी कभी ऐसे लोगों को देखा या कोई मज़ेदार किस्सा है? कमेंट में जरूर बताइए, और इस पोस्ट को उन तक पहुँचाइए, जिन्हें ये आदत बदलने की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है!
स्वस्थ रहें, स्वच्छ रहें – और हाँ, हाथ धोना न भूलें!
मूल रेडिट पोस्ट: Not wash your hands after peeing? You’ll have to wait to leave.