जिम में शरारती कैमरा मैन को लड़की ने सिखाया अनोखा सबक – देखिए कैसे पलटा पासा!
आपने सुना होगा – “जहाँ चाह, वहाँ राह।” लेकिन कभी-कभी, “जहाँ बेशर्मी, वहाँ तमाचा” भी सच हो जाता है! जिम में पसीना बहाते हुए लोग अक्सर एक-दूसरे से कुछ सीखने की उम्मीद रखते हैं, लेकिन जब कोई आपकी अच्छाई का फायदा उठाए, तो क्या करना चाहिए? आज हम ऐसी ही एक मजेदार और तगड़ी कहानी सुनाने जा रहे हैं, जिसमें एक लड़की ने जिम के ‘वीडियो प्रेमी’ को ऐसा सबक सिखाया कि पूरे जिम के लोग मंद-मंद मुस्कुराए बिना रह नहीं पाए!
जिम में सीखने की चाहत या कोई नापाक इरादा?
एक लड़की जो कैलिस्टेनिक्स और वेटलिफ्टिंग की शौकीन है, अक्सर जिम में लोगों को अपने नए-नए मूव्स करते देखती है। कई बार लोग उससे आकर बड़े अदब से पूछते, “दीदी, ये एक हाथ से एल्बो लीवर कैसे किया? ज़रा दिखाओ ना!”
अब, हमारी नायिका भी बड़ी दिलवाली है – वह सोचती, “चलो, किसी का हौसला बढ़ जाए, तो क्या बुरा है?” लेकिन भाई, शराफत और शरारत में फर्क तो हर जगह होता है। 70% लोग सच में सीखना चाहते हैं, वो मेहनत भी करते हैं, लेकिन बाकी बचे 30% – बस दिखावा, बहाने और... कभी-कभी चोरी-छुपे कैमरे का खेल!
जब वीडियो बना ‘पगार’ का सवाल
एक दिन, एक पतला-दुबला साहब आए – बोले, “दीदी, एक हाथ से एल्बो लीवर सिखाओ ना।” लड़की उस समय हिप थ्रस्ट लगा रही थी – मुश्किल से पूरा सेट खत्म किया, और ये जनाब इतने करीब आ गए कि बारबेल उनके पैरों के बीच!
सेट पूरा होते ही लड़की ने सोचा, “चलो, दिखा ही देती हूँ।” तभी उसकी नज़र पड़ी – ये भाईसाहब तो वीडियो बना रहे हैं! ऊपर से बोलते, “अरे, आपने तो इजाज़त दे दी थी!” और वीडियो में क्या – सिर्फ लड़की का पिछला हिस्सा क्लोज़-अप!
जिम का एक ट्रेनर पास ही था, पर लड़की ने कहा, “कोई बात नहीं, सब ठीक है!” क्योंकि अब उसका बदला लेने का प्लान बन गया था – अब ये वीडियो फ्री में नहीं, बल्कि ‘इज्ज़त’ की कीमत पर बनेगा!
“अब तुम्हारी बारी!” – जब पलटा पासा
लड़की ने कहा, “चलो, अब तुम करके दिखाओ!” साहब ने बहाने बनाने शुरू – “अरे, आज थक गया हूँ, कल करूँगा...” लड़की बोली, “नहीं-नहीं, अब यहीं सबके सामने, तुम्हें भी वही करना होगा जो तुम मुझसे मांग रहे थे!” पूरे जिम के सामने बेचारे की हालत पतली – दो हाथ से भी पैर ज़मीन से नहीं उठे, और सबकी हँसी छूट गई।
यहाँ ‘बदला’ भी बड़ा मजेदार – जितनी देर तक लड़की पर दबाव बनाया गया, उतनी ही देर अब उन्हीं महोदय को अपनी ‘कमज़ोरी’ दिखानी पड़ी। कहते हैं ना, “लोहा लोहे को काटता है।”
कम्युनिटी की बातें – क्या कहना है लोगों का?
इस कहानी पर Reddit पर बवाल मच गया! एक कमेंट में लिखा गया, “बहन, बहुत ही बढ़िया किया! ऐसे लोगों को तो सबक मिलना ही चाहिए।”
एक और ने कहा, “सिर्फ़ ‘ना’ कहना भी बहुत बड़ी ताक़त है – लेकिन कई बार लड़कियाँ सोचती हैं, मना किया तो क्या सामने वाला बुरा मान जाएगा, या माहौल ख़राब हो जाएगा?”
कुछ बोले, “भाई, ऐसे लोगों को कैमरा लेकर जिम से बाहर फेंक देना चाहिए।”
एक मजेदार कमेंट था, “अगर कोई बार-बार पूछे, तो QR कोड वाली टी-शर्ट पहन लो – जिसने टिप दी, वही सीखे!” एक और सज्जन बोले, “भई, यूट्यूब पर डालो वीडियो, जो सीखना है पैसे देकर देखे – फालतू के लोग तो छँट जाएँगे।”
कुछ ने सलाह दी, “पहले उनसे कहो, तुम दो हाथ से करके दिखाओ, फिर मैं एक हाथ से दिखाऊँगी – ऐसे ही छुपे रुस्तम पकड़े जाएँगे।”
सीख – हाँ कहना ज़रूरी नहीं, अपनी हद तय करना और भी ज़रूरी
इस कहानी में सबसे बड़ी बात यही है – हर बार दूसरों की मदद करना अच्छा है, लेकिन अपनी सीमाएँ तय करना और ‘ना’ कहना भी ज़रूरी है। जिम हो या दफ्तर, आपके समय और इज्ज़त की कद्र सबसे पहले आपको खुद करनी होगी।
जैसा एक कमेंट में कहा गया, “ना, अपने आप में एक पूरा वाक्य है।” और सच भी है – चाहे कोई कैसा भी दिखे, उसकी नीयत पर शक हो तो साफ़-साफ़ मना कर देना चाहिए, और अगर कोई फिर भी ज़िद करे, तो अपने तरीके से उसे आईना दिखाना चाहिए।
अंत में – आप क्या करेंगे ऐसी स्थिति में?
क्या आपने कभी जिम, दफ्तर या किसी भी जगह पर ऐसी कोई स्थिति झेली है? आपके पास ऐसी चतुराई भरी कोई कहानी है? कमेंट में ज़रूर बताइए, क्योंकि सीखना तो सबको है – पर सबक देना भी कभी-कभी ज़रूरी हो जाता है!
तो अगली बार कोई ‘वीडियो मैन’ आपके पास आए, तो याद रखना – ‘फ्री का ज्ञान नहीं, फ्री का तमाशा नहीं!’
मूल रेडिट पोस्ट: Sure... You may video me at the gym... but not for free