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जब 'Null Encryption' ने पूरी कंपनी को ही 'Null' बना डाला – एक आईटी मैनेजर की अनोखी कहानी

2001 में एक मल्टी-लेवल मार्केटिंग कंपनी में आईटी प्रबंधन की चुनौतियों को दर्शाने वाला कार्टून चित्र।
यह जीवंत 3D कार्टून 2001 में एक मल्टी-लेवल मार्केटिंग कंपनी में आईटी प्रबंधन की जटिलता और चुनौतियों को उजागर करता है, जहाँ मैंने अप्रत्याशित बाधाओं का सामना किया और कठिन सबक सीखे।

क्या कभी आपने सोचा है कि एक छोटा-सा डाटा बेस कमांड किसी बड़ी कंपनी की किस्मत ही पलट सकता है? आज की कहानी है एक आईटी मैनेजर की, जिसने 'Null Encryption' नाम की जादुई चाल से अपनी ही कंपनी की जड़ें हिला दीं। ये कहानी है लालच, चीख-चिल्लाहट और उस आईटी जुगाड़ की, जो हंसी के साथ-साथ सोचने पर भी मजबूर कर देती है।
कंप्यूटर की दुनिया में 'NULL' का मतलब होता है – कुछ भी नहीं! लेकिन जब 'कुछ भी नहीं' पूरे सिस्टम में लागू हो जाए, तो क्या होता है? चलिए जानते हैं, क्या हुआ जब एक MLM (मल्टी लेवल मार्केटिंग) कंपनी के डेटा बेस में सिर्फ NULL बचा, और बाकी सबकुछ खत्म हो गया।

MLM का जाल: ऊपर-नीचे का खेल, और बेचारा आईटी मैनेजर

कहानी 2001 की है। ज़रा सोचिए, एक कंपनी है – Z-corp – जो लोगों को इंटरनेट शिक्षा और वेबसाइट होस्टिंग बेचती है। असल में ये कंपनी भारत में अक्सर सुनने वाले "चिटफंड" या "चेन मार्केटिंग" की तरह थी, जिसमें आप जितने लोगों को जोड़ेंगे, उतना पैसा मिलेगा। हर सदस्य सालाना ₹11,000 (लगभग $149) का प्रोग्राम खरीदता, जो ऑटोमेटिकली रिन्यू होता। असली कमाई ऊपर की लाइन वालों को ही होती – यानी 'ऊपर वाला' हर जगह फायदे में!

कंपनी के मालिक थे एक सख्त मिजाज 'डैडी', जो अपने बेटों के साथ कंपनी चलाते थे। सुबह 5 बजे आईटी मैनेजर को फोन करके डांटना, उनका रोज़ का नियम था। हमारे नायक – आईटी मैनेजर – दिन में 18 घंटे काम करते, और नींद उनकी सबसे कीमती दोस्त थी। लेकिन 'डैडी' के फोन से उनकी नींद अकसर टूट जाती थी।

तकनीकी जुगाड़: जब सब कुछ उल्टा पड़ गया

एक दिन सुबह 5 बजे फिर वही कॉल – "वेबसाइट डाउन है!" भागते-भागते डेटा सेंटर पहुंचे, तो पता चला कि 'डैडी' के बेटे रिचर्ड ने ही गड़बड़ की है। सारा सिस्टम रिवर्ट किया, रिचर्ड का एक्सेस हटा दिया। लेकिन इसके बाद असली मुसीबत आई – कंपनी का क्रेडिट कार्ड प्रोसेसिंग बंद हो गया! पता चला, रिचर्ड ने कार्ड प्रोसेसर कंपनी से झगड़ा कर लिया था, और वो कंपनी ने Z-corp का अकाउंट सस्पेंड कर दिया।

अब सब लोग नए प्रोसेसर की तलाश में जुट गए, कंपनी दो दिन तक पूरी तरह ठप! न कोई बिक्री, न कोई पेमेंट – सबका धंधा बंद। बड़ी मुश्किल से पुराने प्रोसेसर को मनाया, लेकिन शर्त ये रखी गई कि क्रेडिट कार्ड पेज पर SSL (यानी सुरक्षा वाला ताला) ज़रूरी होगा, और कार्ड डेटा डेटाबेस में एन्क्रिप्टेड होना चाहिए।

'Null Encryption' – जुगाड़ की हद और कंपनी की बर्बादी

टीम मीटिंग में जब सॉफ्टवेयर बदलने की बात आई, तो डेवलपर्स बोले – "पूरा सिस्टम बदलना पड़ेगा, महीनों लग जाएंगे।" तब हमारे आईटी मैनेजर ने कमाल दिखाया: "हम डेटाबेस में Null Encryption लगा सकते हैं, जिसमें सॉफ्टवेयर बदलने की जरूरत नहीं।"
'डैडी' खुश! "जल्दी करो, ज्यादा डिटेल मत दो।"

अब आईटी मैनेजर ने क्या किया? हर रात एक जॉब चलती, जो जहां भी क्रेडिट कार्ड डेटा है, उसे NULL कर देती – यानी खाली! एक कमेंटेटर ने इसे 'कागज जला देना' जैसा बताया – अगर कोई जानकारी ही नहीं बची, तो चोरी भी नहीं हो सकती।
ऑडिट हुआ, प्रोसेसर खुश – "वाह, डेटा गायब है, सब सुरक्षित!" कंपनी फिर से चालू हो गई।

कम्युनिटी की राय: मज़ाक, तंज और कड़वी सच्चाई

Reddit पर कमेंट्स की बाढ़ आ गई। एक यूज़र ने पूछा, "रिचर्ड ने ऐसा क्या किया कि कॉन्ट्रैक्ट ही टूट गया?" – जवाब मिला, "रिचर्ड ने प्रोसेसर को ही गालियां दे डालीं!"
किसी ने लिखा, "अगर ये कंपनी असली होती, तो आईटी मैनेजर पर मुकदमा चलता। लेकिन चूंकि ये MLM थी, किसी ने कुछ नहीं किया।"
एक मज़ेदार कमेंट था, "ये कहानी तो वैसे टीवी सीरियल जैसी है, जिसमें कोई भी अच्छा नहीं होता!"
एक और यूज़र ने भारतीय अंदाज में तंज कसा – "ये तो वही हुआ, जैसे किसी ने कुएं में ही पानी नहीं रहने दिया, अब डोल से क्या निकलेगा?"

कुछ लोगों ने ये भी कहा कि असली 'Malicious Compliance' (मतलब, आदेश मानकर भी नुकसान करना) तभी होती, जब बॉस खुद गलत तरीका बताता, और कर्मचारी मजबूरी में करता। यहां तो आईटी मैनेजर ने खुद 'जुगाड़' निकाला और बॉस ने बिना समझे हाँ कर दी।

अंत में: सबक और हंसी

आखिरकार, जब सालाना रिन्यूअल का वक्त आया, तो किसी भी ग्राहक का क्रेडिट कार्ड डेटा बचा ही नहीं था – सब NULL! कंपनी का धंधा बंद, और कुछ ही दिनों में Z-corp ने ताले लगा दिए।
आईटी मैनेजर ने भी तंग आकर नौकरी छोड़ दी, फोन और कंप्यूटर साफ कर दिए – जैसे कोई सीरियल में बदला लेता है, वैसे ही!

आज भी लोग इस कहानी को पढ़कर सीख सकते हैं – चाहे कितनी भी बड़ी कंपनी हो, अगर सिस्टम में 'NULL' आ गया, तो सबकुछ शून्य हो सकता है। और, कभी-कभी जुगाड़ भी बवाल मचा सकता है!

अब आपकी बारी – क्या आपने कभी ऑफिस में ऐसा कोई जुगाड़ देखा है, जो उल्टा पड़ गया हो? कमेंट में जरूर बताएं, और अगर कहानी पसंद आई हो तो शेयर करना न भूलें।


मूल रेडिट पोस्ट: Null encryption creates null company