जब 'James from I.T.' ने होटल के नाइट शिफ्ट कर्मचारियों को बेवकूफ बनाने की कोशिश की
क्या आपने कभी सुना है कि कोई खुद को "हेड ऑफिस के आईटी डिपार्टमेंट का जेम्स" बताकर होटल में रात के समय फोन करे? सोचिए, आप अपनी शिफ्ट पर नींद से लड़ रहे हैं, और तभी एक अनजान कॉल आती है – "मैं James from I.T. बोल रहा हूँ, सिस्टम में क्रिटिकल अपडेट करना है।" क्या आप भी तुरंत भरोसा कर लेते?
आज की कहानी है वेस्टर्न होटल्स की एक नाइट शिफ्ट टीम की, जिसने अपनी समझदारी और थोड़े से देसी जुगाड़ से एक चालाक ठग की बोलती बंद कर दी। पढ़िए, कैसे तकनीकी तिकड़म के जाल में फँसाने के लिए आए स्कैमर को उन्होंने उल्टा सबक सिखा दिया।
रात की शिफ्ट में आई 'आईटी' की कॉल: शेर आया या भेड़िया?
रात के समय होटल का माहौल एकदम अलग होता है। रिसेप्शन पर कोई आलसी सी कॉफी पी रहा होता है, कोई अपने मोबाइल में फेसबुक स्क्रॉल कर रहा होता है, और तभी फोन की घंटी बजती है। "हैलो, मैं James from I.T. हेड ऑफिस से बोल रहा हूँ। हमें आपके सिस्टम पर एक क्रिटिकल अपडेट करना है, पिछली बार आपको कॉल किया था तो कहा गया रात में फोन करें।"
थोड़ी धीमी आवाज़, ढेर सारी टेक्निकल बातें, और फिर एक नंबर – "आईटी टिकट नंबर 12345..."। अब भैया, भारत में भी कई बार कॉल सेंटर वाले इसी स्टाइल में बात करते हैं, ताकि सामने वाला खुद को छोटा महसूस करे और उनकी बात मान ले।
लेकिन होटल के नाइट ऑडिटर ने हिम्मत दिखाई। उसने साफ कह दिया कि हमारे पास एडमिन एक्सेस नहीं है, और बिना आईटी डिपार्टमेंट के परमिशन के कोई सॉफ्टवेयर इंस्टॉल नहीं हो सकता। ठग ने झट से नया पैंतरा मारा – "कोई बात नहीं, सिस्टम टेस्ट करना है, आप कुछ रिफंड्स भेजिए 499 डॉलर के इन टेस्ट क्रेडिट कार्ड्स पर।" यानी पैसे सीधे उनके अकाउंट में!
"चोर की दाढ़ी में तिनका": एक की गलती, सबकी सीख
कहीं न कहीं, कोई न कोई नया कर्मचारी फँस ही जाता है। एक नाइट ऑडिटर ने गलती से उस स्कैमर की बात मान ली और फर्जी रिफंड कर दिया। मज़े की बात, ठग इतना ढीठ था कि अगली रात फिर उसी बंदे को माँगने कॉल कर बैठा! लेकिन इस बार ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारी ने ठग से पहचान माँगी, और सामने वाला तुरंत फोन काट गया।
इसके बाद होटल के हेड ऑफिस ने तुरंत सभी ब्रांचेज़ को चेतावनी वाला ईमेल भेजा – "अगर कोई आईटी अपडेट के नाम पर रात में कॉल करे, तो सीधे सिक्योरिटी डेस्क को ट्रांसफर कर दो।" जैसे ही ये ईमेल आया, उसी रात खुद लेखक को वही कॉल आई। पर उन्होंने भी ठग को सीधा जवाब दे दिया – "अबसे सारी आईटी कॉल्स सिक्योरिटी डेस्क को डायवर्ट होंगी!" और फोन लाइन पर सन्नाटा छा गया।
कम्युनिटी की राय: चतुराई, हँसी और सीख
Reddit पर इस कहानी ने खूब चर्चा बटोरी। कई लोगों ने लिखा कि ऐसे स्कैमर्स को समय बर्बाद करवाना बड़ा मज़ेदार रहता है, पर सावधानी बरतना ज़रूरी है। एक सदस्य ने कहा, "भले ही मज़ा आता है, पर गलती से कोई जानकारी न दे बैठें। बेहतर है तुरंत आईटी या साइबर सिक्योरिटी टीम को रिपोर्ट करें।"
कोई बोला – "ये लोग पेशेवर अपराधी होते हैं, बहुत शातिर।" लेकिन फिर एक और कमेंट आया – "कई बार ये बस स्क्रिप्ट पढ़ रहे होते हैं, कई खुद भी बेवकूफ ही होते हैं।" एक यूज़र ने हँसी-मजाक में लिखा, "जब स्कैमर ने पूछा – स्क्रीन पर क्या दिख रहा है? मैंने बोला – बाथटब में कुत्ता! वो बेचारा तो हक्का-बक्का रह गया।"
भारत में भी ऐसे किस्से आम हैं – कभी 'माइक्रोसॉफ्ट से बोल रहा हूँ', कभी 'आपके बैंक खाते से गड़बड़ी है', तो कभी 'सिम कार्ड बंद हो जाएगा' – सबका मकसद एक ही, आपकी जेब ढीली करवाना।
देसी सीख: सतर्क रहें, स्मार्ट बनें
हमारे यहाँ भी नौकरी की शुरुआत में, नए कर्मचारी अक्सर डर या संकोच में फँस जाते हैं। एक कमेंट में किसी ने बताया कि कैसे वो लगभग 1000 डॉलर एक स्कैमर को भेजने वाले थे, पर समय रहते सीनियर ने बचा लिया।
याद रखिए – असली आईटी या बैंक वाले कभी फोन पर पासवर्ड, ओटीपी, या रिमोट एक्सेस नहीं माँगते। और अगर कोई भी कॉल अजीब लगे, तो तुरंत फोन काटें, या अपने सीनियर से पूछें।
आजकल तो कॉलर आईडी भी फर्जी हो सकती है – यानी आपके पापा का नंबर भी स्कैमर दिखा सकता है! एक पाठक ने लिखा, "कई बार स्कैमर खुद को बैंक, पुलिस, या किसी जान-पहचान वाले का नाम बताकर फर्जी कॉल करता है।"
निष्कर्ष: ठगों को धोखा देना भी एक कला है
तो दोस्तों, अगली बार जब कोई "James from I.T." या "माइक्रोसॉफ्ट टेक्निकल सपोर्ट" बनकर आपको फोन करे, तो समझ जाइए – ये मूँछों वाला जेम्स असली नहीं, आपकी जेब पर डाका डालने आया है।
थोड़ा सा ह्यूमर, थोड़ी सी सावधानी, और अपने सीनियर्स की सलाह – यही बचाव का सबसे मजबूत कवच है। अगर कभी ऐसा फोन आए, तो मज़ाक में बोल दीजिए – "भैया, हमारे सिस्टम में तो 'लस्सी अपडेट' चल रहा है, आईटी अपडेट बाद में कर लीजिएगा!"
क्या आपके साथ भी ऐसा कोई वाकया हुआ है? नीचे कमेंट में जरूर बताइए, ताकि सबको सीख मिले – और कोई ठग अगली बार किसी को बेवकूफ न बना पाए!
मूल रेडिट पोस्ट: 'This is James from I.T.'