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जब होटल रिसेप्शन पर AI ने मचाया बवाल: शिकायतें, आलस और अजीबोगरीब घटनाएँ

शिकायत पत्र पकड़े हुए निराश अतिथि, ग्राहक की अपेक्षाओं को प्रबंधित करने की चुनौती को दर्शाते हुए।
जब अतिथि की शिकायतें बढ़ती जा रही हैं, यह फोटो वास्तविकता की निराशा को बखूबी दर्शाती है। हम अपेक्षाओं और वास्तविकता के बीच बढ़ते फासले को कैसे पाटें?

भैया, आजकल की दुनिया में तो तकनीक ने हर चीज़ को उल्टा-पुल्टा कर रखा है। कभी मोबाइल ने चिट्ठियों का ज़माना खत्म किया, तो अब Artificial Intelligence (AI) ने इंसानों की सोच-समझ को ही हिला कर रख दिया है। सोचिए, होटल में रिसेप्शन पर बैठे कर्मचारी अब न सिर्फ असली मेहमानों से, बल्कि AI से तैयार ‘सुपर शिकायतों’ से भी जूझ रहे हैं। जी हाँ, जिनको शिकायत लिखनी भी नहीं आती थी, अब AI से ऐसी-ऐसी polished चिट्ठियाँ भेज रहे हैं कि पढ़ने वाले का माथा चकरा जाए!

होटल में AI की एंट्री: शिकायतों का नया ज़माना

अब तक आपने ‘डिजिटल इंडिया’ या ‘स्मार्ट सिटी’ की बातें सुनी होंगी, लेकिन होटल इंडस्ट्री में तो AI ने मेहमानों को शिकायत करने का नया हथियार दे दिया है। Reddit पर एक मजेदार पोस्ट वायरल हुई जिसमें एक होटल कर्मचारी ने अपनी कहानी साझा की – आजकल उन्हें ढेरों ऐसी शिकायतें मिल रही हैं, जो साफ-साफ AI से लिखवाई गई हैं। मजेदार बात देखिए, एक साहब तो अपनी ईमेल में AI का guidance ही भूल गए हटाना – "Here is a polished version of your complaint that you can send to the hotel... escalation..."। अब भई, ऐसी भूल तो वही कर सकता है, जिसने शिकायत लिखने की मेहनत भी AI पर छोड़ दी!

क्या AI ने हमें और ज़्यादा आलसी बना दिया है?

एक यूज़र ने बड़ी सटीक बात कही, "AI ने लोगों को इतना आलसी बना दिया है कि अब बिना AI की मदद के कुछ कर ही नहीं सकते।" सच कहें तो, पहले जहाँ शिकायतें दिल से आती थीं, अब हर किसी के पास ‘लॉयर स्टाइल’ शिकायतें तैयार हैं। जैसे हमारे यहां पड़ोसी की बिजली कट जाए तो वो खुद दौड़कर बिजली ऑफिस जाता था, अब AI से चिट्ठी बनवा कर ईमेल कर देता है। और तो और, कई बार तो ऐसी-ऐसी बातें भी शिकायत में आ जाती हैं, जिनका खुद मेहमान को भी नहीं पता होता!

एक और मजेदार कमेंट था – "AI से पूछो इंग्लिश में सबसे लंबा वाक्य कौन सा है, तो दो शब्दों का जवाब चाहिए था: 'I do', लेकिन AI पूरा उपन्यास ही लिख डालेगा!" यानी साफ है, AI से जवाब तो मिलेगा, लेकिन जरूरी नहीं कि वो सही, छोटा या सटीक हो।

जब AI खुद ही उलझन में पड़ जाए

अब होटल वालों ने भी AI का सहारा लेना शुरू कर दिया है – मेहमानों के सवालों का जवाब देने के लिए। मगर यहाँ भी मामला गड़बड़ है। कई बार AI ऐसे ऐसे जवाब दे देता है कि मेहमान और रिसेप्शन दोनों सिर पकड़ लें। जैसे एक होटल कर्मचारी ने बताया, "हमारे होटल में एक AI चैटबोट है, जो कभी-कभी ऐसी सुविधाएँ बता देता है जो हमारे होटल में हैं ही नहीं!" मतलब, AI ने तो सपना दिखा दिया, असली दुनिया में वो चीज़ है ही नहीं।

और हद तो तब हो जाती है जब AI जवाब में ताना भी मारने लगे। एक यूज़र ने अनुभव साझा किया कि AI ने न सिर्फ उनकी समस्या को अनदेखा किया, बल्कि उल्टे अकाउंट डिलीट करने का लिंक भेज दिया! अब बताइए, ग्राहक सेवा में ऐसा जवाब किसे अच्छा लगेगा?

AI और इंसान: क्या फर्क रह गया है?

होटल इंडस्ट्री में अब ये भी देखने को मिल रहा है कि कस्टमर AI से शिकायत लिखवाता है, तो रिसेप्शन वाला भी AI से जवाब लिखवा देता है। यानी दोनों तरफ से ‘डिब्बाबंद’ (canned) जवाब, भावना गायब! एक अनुभवी कर्मचारी ने कहा, "ग्राहक तो एक बार आते हैं, मगर अच्छा स्टाफ मिलना मुश्किल है। ऐसी AI वाली दुनिया में असली इंसानी टच कहां बचेगा?"

एक और रोचक अनुभव – एक यूज़र को OTA (Online Travel Agency) की ओर से AI कॉल आई, जिसमें इंसान जैसी आवाज़ थी, मगर बात करने का तरीका थोड़ा डरावना और मशीन जैसा था। अब तो कई लोग ऐसे AI कॉल्स आते ही काट देते हैं – "भैया, इंसान से बात कराओ, वरना रहने दो!"

भारतीय नजरिए से: जुगाड़ बनाम AI

हमारे यहां तो जुगाड़ से हर समस्या का हल निकल आता था। शिकायत करनी है? तो सीधे रिसेप्शन पर जाकर बात कर लो, या फिर मैनेजर को पकड़ लो। अब AI ने सबको ‘सिस्टमेटिक’ बना दिया है – शिकायत भी ऐसी कि मानो वकील ने लिखी हो, जवाब भी ऐसा कि समझ ही न आए असली बात क्या है।

कई बार तो AI ऐसी-ऐसी गलत जानकारी दे देता है कि मेहमान उम्मीदें बांध लेता है, और होटल वाला सिर पकड़ लेता है। जैसे – "ChatGPT ने बताया कि आपके होटल में फ्री पार्किंग है!" अब होटल वाला क्या करे, AI से बहस करे या मेहमान से?

निष्कर्ष: AI का स्वाद, पर इंसानी तड़का जरूरी

कहानी का लब्बोलुआब ये है कि तकनीक अच्छी चीज़ है, मगर जब हर बात में AI घुस जाएगा, तो इंसानी जज्बात, जुबान और जुगाड़ की अहमियत कम हो जाएगी। चाहे होटल की रिसेप्शन हो या हमारे मोहल्ले का पानवाला – असली मजा तो इंसानी टच में है।

तो अगली बार जब आप होटल में शिकायत करें, तो थोड़ा दिल से लिखिए। और रिसेप्शन वाले भैया-बहनों, AI के जवाब में थोड़ा अपना तड़का जरूर लगाइए – तभी बनेगा काम और बढ़ेगी पहचान!

आपका क्या अनुभव है AI और ग्राहक सेवा को लेकर? नीचे कमेंट में जरूर बताइए – और अगर कोई मजेदार किस्सा हो, तो उसे भी साझा करें।


मूल रेडिट पोस्ट: The Problem with AI