जब होटल रिसेप्शन पर 'करन' ने मचाया बवाल: क्रिसमस की रात की अनोखी कहानी

श्मिल्टन ईडन होटल में छुट्टियों की हलचल, क्रिसमस रात की फोन कॉल का तनाव दर्शाते हुए।
इस फिल्मी दृष्य में, श्मिल्टन ईडन होटल में तूफान से पहले की शांति का दृश्य है। क्रिसमस की रात एक फोन कॉल से बाधित होती है, जो हर 'हॉलीडे करेन' द्वारा लाए गए संभावित अराजकता की ओर इशारा करती है।

होटल में काम करना ऐसा है जैसे हर दिन एक नई फिल्म की शूटिंग हो रही हो—कभी सस्पेंस, कभी ड्रामा और कभी जबर्दस्त कॉमेडी! अब सोचिए, क्रिसमस की ठंडी रात है, सबकुछ शांत है, रिसेप्शन पर कोई हलचल नहीं, और आप बस इंतज़ार कर रहे हैं कि कब कोई रोमांचक घटना घटे। ऐसे में अचानक एक कॉल आती है—और फिर शुरू होता है असली तमाशा!

तो जनाब, कहानी शुरू होती है एक रहस्यमयी फोन कॉल से। रिसेप्शनिस्ट बड़े आदर से पूछते हैं, "Schmilton Eden Out, मैं आपकी कैसे सहायता कर सकता हूँ?" दूसरी तरफ़ से आवाज़ आती है, "तुम्हारा होटल कहाँ है?" पता बताया जाता है, और फोन कट! बस, इतना ही। उस समय किसी को क्या पता था कि यही फोन कॉल आगे चलकर एक 'करन' (अर्थात् गुस्सैल और तुनकमिजाज मेहमान) की एंट्री का इशारा है।

इसके बाद घंटों तक होटल में शांति छाई रही। तभी एक इन-हाउस गेस्ट ने हॉलिडे विश करते हुए लिनेन माँगा। रिसेप्शनिस्ट ने सोचा, चलो भैया, काम निपटा लें। जैसे ही वह शॉप वाले गेस्ट की मदद पूरी करते हैं, तभी एक नया शख्स गुस्से से भरा हुआ सामने आ खड़ा होता है।

"मेरा की-कार्ड काम नहीं कर रहा है!" वह गरजते हैं।

नाम और रूम नंबर पूछने पर जवाब मिलता है—"William Afton, 267"। अब रिसेप्शनिस्ट की आँखें फटी की फटी रह जाती हैं—क्योंकि उस कमरे में कोई रुका ही नहीं है! सिस्टम में ढूँढा, चेक-इन, डिपार्चर, सब देखा—मगर नतीजा सिफर!

सवाल-जवाब का दौर चलता है, मेहमान अड़े रहते हैं कि वे सही होटल में ही हैं। रिसेप्शनिस्ट जब उनका पैकेट देखते हैं, तो समझ आ जाता है कि ये तो किसी और होटल का है। की-कार्ड भी ब्लैंक! यानी या तो उसके ऊपर कोई प्रोग्रामिंग नहीं, या फिर किसी मोबाइल या मैगनेट के संपर्क में आकर कोड उड़ गया है। एक जाने-माने कॉमेंटेटर ने लिखा, "भैया, ये की-कार्ड कहाँ से लाए? बिना चेक-इन किए कार्ड मिलना तो बड़ा अजीब है!"

यहाँ से कहानी में ट्विस्ट आता है। मेहमान जोर देकर कहते हैं—"मेरा सामान ऊपर है! मुझे रिफंड दो!" बेचारे रिसेप्शनिस्ट और लिनेन वाले दोनों एक-दूसरे को देखते रह जाते हैं। अब बताइए, जब चेक-इन ही नहीं हुआ, तो किस बात का रिफंड?

इधर गुस्सैल मेहमान रुकने का नाम नहीं लेता। रिसेप्शनिस्ट साफ कहते हैं—"अगर आपके पास यहाँ का रूम नहीं है, तो ऐसे ही प्रॉपर्टी में घूमना ठीक नहीं है। ज़रूरत पड़ी तो पुलिस को बुलाना पड़ेगा।" लेकिन हमारे 'करन' महाशय तो सामान लेने के बहाने ऊपर जाने लगते हैं। रिसेप्शनिस्ट, सुरक्षा के लिहाज़ से, उनके साथ लिफ्ट में जाते हैं। यहाँ एक पाठक ने बढ़िया सलाह दी—"इतना गुस्सैल और नशे में दिखने वाले व्यक्ति के साथ अकेले लिफ्ट में जाना समझदारी नहीं। कोशिश करें कि ऐसी स्थिति से बचें।"

लिफ्ट में माहौल तना-तना सा हो जाता है। जैसे ही दरवाज़ा खुलता है, साहब रिसेप्शनिस्ट को आगे जाने के लिए इशारा करते हैं, मगर रिसेप्शनिस्ट भी कम नहीं—वे मेहमान को ही पहले जाने के लिए कहते हैं। जाते-जाते 'William Afton' ज़मीन पर थूकते हैं और गुस्से में अंग्रेज़ी का अशोभनीय शब्द कह डालते हैं। उधर, लिनेन वाला गेस्ट अब भी शांति से रिसेप्शन पर इंतज़ार कर रहा होता है—वह सच में उस रात का 'रक्षक' बन जाता है। एक यूज़र ने मज़ाक में कहा, "भैया, ऐसे गेस्ट तो हर दिसंबर में ग्रिंच को भी शर्मिंदा कर दें!"

कहानी यहीं खत्म नहीं होती। बाद में दोनों—रिसेप्शनिस्ट और लिनेन वाला—इस पूरे किस्से पर हँसते हैं और एक-दूसरे को हॉलिडे की शुभकामनाएँ देते हैं। लिनेन वाले ने सलाह दी, "अपना ख्याल रखना, ऐसे लोगों से सावधान रहना।"

अब जरा सोचिए, आजकल के टेक्नोलॉजी वाले जमाने में कई होटल एक जैसे नामों से आस-पास खुले हैं, जैसे ‘Schmilton’ या 'Home 2 Sweets'। कई बार तो लोग ऐप से चेक-इन कर लेते हैं, और लोकेशन भी फोन में सेव नहीं रखते। एक पाठक ने बड़ी काम की बात कही—"हर बार नया होटल बुक करो, तो उसका नाम-नंबर फोन में सेव कर लो, वरना ऐसी गड़बड़ी हो सकती है।"

भारतीय संदर्भ में देखें तो, ऐसा कुछ हमारे यहाँ भी हो सकता है। होटल अड्डे पर पहुँचकर नाम में कन्फ्यूजन, चाबी न चलना, गुस्सैल ग्राहक, रिसेप्शन पर चिल्ल-पौं—सब कुछ देख चुके हैं हमारे होटल वाले भाई-बहन! और हाँ, रिफंड के नाम पर तो भारत में भी अक्सर लोग बहस करने लगते हैं। लेकिन यहाँ का मेहमान, जब भटकता है, तो कम से कम इंग्लिश में गाली नहीं देता—हमारे यहाँ "ये क्या बदतमीज़ी है?" या "मैनेजर को बुलाओ!" ज़्यादा आम है।

इस कहानी में ‘William Afton’ नाम सुनकर भी कई पाठक हँस पड़े—दरअसल, यह नाम एक फेमस हॉरर गेम ‘FNAF’ के विलेन का है, जो हमेशा वापस लौटता है। एक कमेंट में लिखा गया—"William Afton तो हमेशा लौट आता है!"

आखिर में, इस कहानी से यही सीख मिलती है—होटल में काम करना आसान नहीं, कभी भी कुछ भी हो सकता है। ऐसे में धैर्य, विनम्रता और थोड़ा-सा सेंस ऑफ ह्यूमर सबसे बड़ा हथियार है। और हाँ, सुरक्षा सबसे पहले—चाहे क्रिसमस हो या होली!

तो दोस्तों, आपके साथ भी कभी होटल या ऑफिस में ऐसी कोई अजीब घटना हुई है? कमेंट में जरूर बताइए, और इस मजेदार किस्से को अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें!

शुभकामनाएँ—चाहे त्योहार हो या सामान्य दिन, मुस्कान और समझदारी हमेशा साथ रखें!


मूल रेडिट पोस्ट: 'GO FCK YOURSELF!!!'