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जब होटल मैनेजर ने बना डाली ₹80 लाख की गलती: तीन महीने का झटका और सीख

कार्यालय में नाराज कर्मचारी और अनदेखा करने वाले प्रबंधक की कार्टून-3डी छवि, कार्यस्थल की चुनौतियों को दर्शाती है।
यह जीवंत कार्टून-3डी चित्र नाराज कर्मचारी और अनदेखा करने वाले प्रबंधक के बीच तनाव को बखूबी दर्शाता है, जो चुनौतीपूर्ण कार्य संबंधों के उतार-चढ़ाव को स्पष्ट करता है। अप्रत्याशित कार्यस्थल के गतिशीलता की कहानी में डूब जाइए!

होटल इंडस्ट्री में काम करना वैसे ही आसान नहीं है, ऊपर से अगर बॉस ऐसा हो जो ऑफिस से बाहर भी ऑफिस ही जिए, तो ज़िंदगी वाकई रंगीन हो जाती है! आज मैं आपको सुनाने जा रहा हूँ एक ऐसी दिलचस्प और थोड़ी हंसी वाली, थोड़ी चौंकाने वाली कहानी, जिसमें एक मैनेजर की अजीब हरकतों और एक बड़ी गलती ने पूरे होटल को हिला दिया—वो भी केवल तीन महीनों में!

ऑफिस से बाहर भी ऑफिस: बॉस की अनोखी ड्यूटी

अब आप सोचिए, अगर आपका बॉस हर वक्त मोबाइल में कैमरों की फुटेज देखता रहे, रात चार बजे रिपोर्ट पढ़े और हर छोटी बात पर नींद से उठा दे, तो आपको कैसा लगेगा? Reddit यूजर u/Legitimate_Shade की कहानी भी ऐसी ही है। शुरुआती दो हफ्ते सब ठीक-ठाक चला, लेकिन फिर बॉस की ‘हरदम ड्यूटी’ वाली सोच ने सबका जीना मुश्किल कर दिया।

एक बार तो हालत ये हो गई कि दूसरे शिफ्ट के बाद दो-तीन घंटे ही सो पाए और तभी बॉस ने कॉल कर दिया—''सुपरवाइजर नहीं आया, क्या करूँ?'' अब भला, खुद कॉल क्यों नहीं किया! ऐसा लगता था जैसे बॉस को फुर्सत में भी ऑफिस की याद सताती रहती थी। एक कमेंट में किसी ने लिखा, "ऐसे लोग जो कभी छुट्टी नहीं लेते, वही सबसे ज्यादा टॉर्चर करते हैं।" सच में, वर्क-लाइफ बैलेंस का नामोनिशान ही नहीं!

होटल की लिफ्ट और ‘इमरजेंसी’ का तमाशा

होटल में दो लिफ्टें थीं, एक खराब थी, दूसरी भी छुट्टी पर चली गई। ऊपर से, एक स्टाफ मेंबर लिफ्ट में फँस गई—लेकिन मजे से Netflix देखती रही, पैसे भी चल रहे थे, और बाकी सब परेशान! मैनेजर छुट्टी पर थी, लेकिन जैसे ही पता चला, गुस्से से फोन घुमा दिया—''मुझे बताना चाहिए था!'' अब भई, जब आप खुद छुट्टी पर हैं और आपका फोन भी सही से नहीं चल रहा, तो क्या बाकी स्टाफ को भगवान की तरह सबकुछ आपके कान में फूँकना चाहिए?

सबसे मज़ेदार ये रहा कि खाने का ऑर्डर भी आया तो सिर्फ फ्रंट डेस्क वालों के लिए, 15 घंटे की ड्यूटी करने वाले को कुछ नहीं! ये तो वही बात हो गई—‘‘मेहमान नवाज़ी में मेज़बान भूखा रह गया।’’

‘कैश + पॉइंट्स’ की गड़बड़झाला: ₹80 लाख की भूल

अब आते हैं असली मुद्दे पर, जिसने पूरे होटल की नींव हिला दी। होटल में ‘कैश + पॉइंट्स’ नाम की एक स्कीम चल रही थी। यानी, आधा पैसा, आधे पॉइंट्स में बुकिंग। लेकिन यहाँ तो केवल पॉइंट्स ही लिए जा रहे थे, पैसा किसी के खाते में नहीं जा रहा था! जब लेखक ने ये बात उठाई, सबने उसे नज़रअंदाज कर दिया। ‘‘हमेशा ऐसे ही होता है, कभी कोई दिक्कत नहीं आई,’’ यही जवाब मिलता रहा।

लेखक ने जब एकाउंटिंग मैनेजर को बताया तो उसने भी पहले टाल दिया, लेकिन बाद में जब जांच की, तो पता चला कि साल भर में करीब ₹80 लाख (100,000 डॉलर) का नुक़सान हो चुका था! कमाल की बात देखिए, ये गलती सालों से चली आ रही थी और किसी को भनक तक नहीं थी। होटल की एकाउंटिंग मैनेजर ने चुपके से बताया, ‘‘अब पुराने गेस्ट्स को कैसे चार्ज करें, समझ नहीं आ रहा।’’

ऑफिस पॉलिटिक्स और ‘तीन महीने का कटु अनुभव’

तीन महीने में ही लेखक ने नोटिस दे दिया—ऐसा टॉक्सिक माहौल किसे पसंद आएगा? जाते-जाते भी बॉस ने ‘‘तुमने मुझे स्टाफ की छुट्टी का मैसेज नहीं दिया’’ कहकर झाड़ दिया, जबकि सबूत था कि मैसेज भेजा गया था। Reddit के एक कमेंट में किसी ने सलाह दी, ‘‘ऐसी जॉब को रिज़्यूमे से हटा दो, और नए इंटरव्यू में इसका ज़िक्र मत करना।’’ सच कहें तो, भारत में भी लोग ऐसे अनुभव छुपा जाते हैं, वरना HR वाले तो पुराने बॉस से ही पूछ लेते हैं!

लेखक का कहना था कि अब भी इंटरव्यूज में बुलावा नहीं आ रहा, शायद पुराने बॉस ने कहीं ब्लैकलिस्ट कर दिया हो। एक पाठक ने मज़ाक में लिखा, ‘‘ग्लासडोर पर पोस्ट लिखो, ताकि बाकी लोग भी सच जानें!’’

निचोड़ – कामयाबी, गलती और सीख

इस कहानी से साफ है—ऑफिस में जत्थेदार बनना ठीक है, लेकिन ज़रूरत से ज़्यादा कंट्रोल, दूसरों पर शक और गलती मानने से डरना, पूरी टीम को ले डूबता है। होटल इंडस्ट्री हो या भारत के किसी ऑफिस की कहानी, हर जगह ऐसे ‘हर वक्त ड्यूटी’ वाले बॉस मिल जाते हैं, जिनसे छुट्टी का मतलब ही नहीं है।

आपका क्या अनुभव रहा ऐसे बॉस के साथ? क्या आपने कभी ऑफिस में कोई बड़ी गलती पकड़ी है, जिसे सब नजरअंदाज कर रहे थे? कमेंट में जरूर बताइए और अगर कहानी अच्छी लगी हो तो शेयर करना न भूलें!


मूल रेडिट पोस्ट: One of the worst GMs I've ever had (but somehow still not the worst)